धनबाद में 12 मई को 160 कोरोना संक्रमित मिले, 217 स्वस्थ हुए, नौ की मौत, 19 कंटेनमेंट जोन का निर्माण, लगाया गया कर्फ्यू

कोयला राजधानी धनबाद में बुधवार 12 मई को 166 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं। हॉस्पीटल में इलाजरत 217 पेसेंट स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से आज नौ लोगों की मौत हुई है। जिले में 19 कंटेनमेंट जोन का निर्माण कर कर्फ्यू लगाया गया है।

धनबाद में 12 मई को 160 कोरोना संक्रमित मिले, 217 स्वस्थ हुए, नौ की मौत, 19 कंटेनमेंट जोन का निर्माण, लगाया गया कर्फ्यू
  • SNMMCH से पांच कोरोना पेसेंट फरार, FIR
  • कोरोना पेसेंट का इलाज करने वाले हॉस्पीटल को लगाना होगा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट 
  • स्पेशल कैंप में 121 मीडिया कर्मियों ने लिया कोरोना वैक्सीन
  • दिव्यांग और गर्भवती रेलकर्मियों को मिली छूट
  • इंटरनेशनल नर्स दिवस पर चिकित्सकों व नर्सों ने काटा केक

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में बुधवार 12 मई को 166 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं। हॉस्पीटल में इलाजरत 217 पेसेंट स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से आज नौ लोगों की मौत हुई है। जिले में 19 कंटेनमेंट जोन का निर्माण कर कर्फ्यू लगाया गया है।
जिले में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 13,722 हो गयी है। इनमें से 11,855 ठीक हो चुके हैं। अब तक 342 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 1525 एक्टिव केस हैं। 

851 रेल यात्रियों की जांच में पांच मिले पॉजिटिव,324 बस यात्रियों की जांच में जिरो पॉजिटिव

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के उद्देश्य से डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, उमा शंकर सिंह के निर्देश पर धनबाद रेलवे स्टेशन पर व धनबाद बस स्टैंड में ट्रू-नाट व आरटी पीसीआर से कोरोना जांच शुरू की गई है।इस क्रम में आज विभिन्न ट्रेनों से धनबाद आने वाले 851 यात्रियों की जांच के क्रम में पांच पॉजिटिव मिले।बस स्टैंड में 324 यात्रियों की जांच की गई। बस स्टैंड में जिरो यात्री पॉजिटिव मिले।

रिकॉर्ड 217 पेसेंट ने दी कोरोना को मात

वैश्विक माहमारी कोविड-19 की दूसरी लहर में आज जिले के विभिन्न अस्पतालों से रिकॉर्ड 217 मरीज स्वस्थ हुए हैं।इस संबंध में डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह ने बताया कि आज एक साथ 217 मरीजों का उपचार के बाद स्वस्थ होना और अस्पतालों से डिस्चार्ज होना एक सुखद अनुभव प्रदान करता है। उन्होंने कहा सभी अस्पतालों में जितने भी मरीज भर्ती थे उनकी बेहतरीन तरीके से देखभाल की गई। मरीजों को समय पर पौष्टिक आहार, उपचार तथा टेलीमेडिसिन से परामर्श किया गया। उन्होंने कहा डिस्चार्ज हुए मरीजों को होम क्वारेंटिन के दौरान मास्क का प्रयोग करना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करना, पौष्टिक आहार लेना, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना सहित अन्य गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह दी गई।

19 कंटेनमेंट जोन का निर्माण, कर्फ्यू लगा
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के मिलने के बाद एसडीएम सुरेन्द्र कुमार ने पोजिटिव व्यक्ति के निवास स्थान को एपी सेंटर चिह्नित करते हुए कंटेनमेंट जोन एवं बफर जोन का निर्माण कर तत्काल प्रभाव से अगले निर्देश तक कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। एसडीएम ने हाउसिंग कॉलोनी नियर छठ तलाब, न्यू बैंक कॉलोनी रोड नियर पीपल पेड़ सरायढेला, निलांचल कॉलोनी रोड कुंती राज विला नियर श्रीराम अपार्टमेंट, एमआईजी ए 40 धन्वंतरी क्लीनिक हाउसिंग कॉलोनी, गुलमोहर अपार्टमेंट नियर स्वाति अपार्टमेंट फेज टू सरायढेला, स्वाति अपार्टमेंट फेज 2 सरायढेला, टेरेसा ब्लॉक रोड शांति अपार्टमेंट कुसुम बिहार में 2, न्यू बैंक कॉलोनी रोड नियर ग्रीन विला अपार्टमेंट सरायढेला, गैलेक्सी टावर नियर एसबीआई बैंक चिरागोरा, नियर टीवी टावर कोयला नगर, सूर्या हाइलैंड सिटी में 2, रिवा टावर नियर पैट्रोल पंप हरि मंदिर रोड, कृष्णा नगर नियर मां कुंती निवास धैया, अनन्या अपार्टमेंट शांति नगर कॉलोनी नियर हीरो शोरूम सरायढेला, जगदंबा अपार्टमेंट देव विहार कैंपस झारूडीह, ग्रेवाल अपार्टमेंट ग्रेवाल कॉलोनी बेकारबांध, गांधी निवास नियर काली मंदिर रोड पंपु तालाब हीरापुर में पोजिटिव व्यक्ति के निवास स्थान को एपी सेंटर चिह्नित करते हुए कंटेनमेंट जोन एवं बफर जोन का निर्माण कर तत्काल प्रभाव से अगले निर्देश तक कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।
SNMMCH से पांच कोरोना पेसेंट फरार, FIR
एसएनएमसीएच ( SNMMCH) धनबाद के पीजी ब्लॉक में इलाजरत पांच कोरोना संक्रमित मंगलवार की आधी रात खिड़की से बाहर निकलर फरार हो गया। इस मामले में हॉस्पील के सुपरविाइजर दीपक कुमार ने फरार सभी पेसेंट के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरायढेला पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराया है। हॉस्पीटल से भागनेवालों में प्रकाश कुमार, राजेश कुमार, सुरेश यादव, प्रकाश कुमार, नंदकिशोर कुमार यादव सभी बिहार के बांका जिला के विभिन्न गांव का रहने वाले हैं। 
तीन वापस लौटे
पीजी ब्लॉक के विभिन्न बेड पर एडमिट पांचों कोरोना संक्रमित मंगलवार की रात साढ़े 12 बजे के वार्ड के मेन दरवाजा अंदर से बंद कर खिड़की से कूदकर बाहर निकल गये। एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस सभी कोरोना संक्रमित को ढूंढ़ने बिहार भी जाने की तैयारी में जुटी थी। इसी बीच बुधवार की शाम पुलिस को सूचना मिली कि भागनेवाले तीन कोरोना संक्रमित को बिहार जाने के लिए गाड़ी नहीं मिलने के कारण फिर से हॉस्पीटल लौट आया है।

कोरोना पेसेंट का इलाज करने वाले हॉस्पीटल को लगाना होगा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट 

कोरोना संक्रमित पेसेंट का इलाज करने वाले प्राइवेट हॉस्पीटल को 45 दिनों के अंदर अपने हॉस्पीटल में पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करना होगा। इस संबंध में डीसी उमा शंकर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड, रांची के निर्देशानुसार (ऑक्सीजन टास्क फोर्स) ने यह स्पष्ट अनुशंसा की है कि प्रत्येक प्राइवेट हॉस्पीटल जहां कोरोना संक्रमित पेसेंट का इलाज किया जा रहा है, वहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर एवं रीफिलिंग की निर्भरता को समाप्त करने के लिए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा इसलिए टाटा जामाडोबा अस्पताल, एशियन जालान, अशर्फी, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम, प्रगति नर्सिंग होम, हिल मैक्स हॉस्पिटल, जिम्स हॉस्पिटल, आम्रपाली सिटी हॉस्पिटल के प्रबंधकों को 45 दिनों के अंदर अपने संस्थान में पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह निर्देश दिया है कि भविष्य के विस्तारीकरण की योजना को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की अधिकतम उपलब्धता के आधार पर प्लांट इंस्टॉल करें। प्लांट इंस्टॉल करने के क्रम में बड़ी मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंक को प्राथमिकता दें।

डीसी ने कहा कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के उपचार में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना जिला प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में आकस्मिक चुनौती को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा डी टाइप जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर एवं बी टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाईकी जा रही है। परंतु यह आवश्यक है कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए दीर्घकालीन योजना बनाते हुए ऑक्सीजन टास्क फोर्स के निर्देशों के अनुसार सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट का इंस्टॉल होना अति आवश्यक है।

स्पेशल कैंप में 121 मीडिया कर्मियों ने लिया कोरोना वैक्सीन

डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह के निर्देश पर बुधवार को इंडियन स्कूल ऑफ माइंस के शॉपिंग कंपलेक्स में मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित स्पेशल कैंप के द्वितीय दिन 121 मीडिया कर्मियों ने कोरोना की वैक्सीन ली।डीपीआरओ ईशा खंडेलवाल ने बताया कि आज के कैंपों में हिंदुस्तान के 37, दैनिक भास्कर 27, दैनिक जागरण 17, प्रभात खबर एवं बिहार ऑब्जर्वर के 5-5, जी बिहार एंड झारखंड के 3, आवाज, बिरसा वाणी, ज़ी टीवी दिल्ली, ईटीवी भारत, मिरर मीडिया, इंडिया वॉइस, कोयलांचल लाइव के एक-एक, 99 न्यूज़ के 12 तथा सिटी लाइव के 8 कर्मियों ने कोरोना की वैक्सीन ली।टीकाकरण अभियान में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अमित तिवारी, डॉ विकास राणा, एएनएम प्रिति कुमारी, अनिता कुमारी, मून कुमारी, नितु कुमारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर रमेश, सूरज, हेमंत कुमार रजवार, जिला जनसंपर्क कार्यालय के अमित कुमार, उमेश नायक व अन्य का सराहनीय योगदान रहा।

दिव्यांग और गर्भवती रेलकर्मियों को मिली छूट
कोविड-19 संक्रमण की बढ़ते दर को देखते हुए रेल प्रशासन ने अपने कर्मियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये हैं।ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन और ईसीआरकेयू की पहल पर रेलप्रशासन ने कोरोना पोजिटिव स्टाफ  के लिए 30 दिनों के विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति पहले ही दे दी है। अब दिव्यांग रेलकर्मियों को भी कार्यस्थल पर आने से छूट देने की घोषणा की गई है।गर्भवती महिला रेलकर्मियों को भी यह छूट दी गई है।वे अपने घर से ही आवश्यक कार्य सम्पादित कर सकते हैं। वर्तमान में यह सुविधा उन्हें 31मई तक के लिए उपलब्ध होगी। 
इंटरनेशनल नर्स दिवस पर चिकित्सकों व नर्सों ने काटा केक

शहर के कोविड-19 वैक्सीनशन सेंटर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर चिकित्सकों व नर्सों ने केक काटा। मौके पर डॉ विकास राणा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर वह नर्सों को बधाई बधाई दे रहे हैं। जिन्होंने इस वैश्विक महामारी कोरोना काल मे अपने अथक मेहनत और निश्छल व्यवहार से लोगों को मौत के मुंह से निकालने का काम कर रही है। ऐसे में हम चिकित्सक भी इन नर्सों के बगैर अधूरे हैं। इनकी मेहनत से ही मरीजों को हम स्वस्थ कर पाते हैं। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर सभी नर्सों को चिकित्सकों की तरफ से ढेर सारी बधाई देते हैं।

क्यों मनाया जाता है ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’
हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे यानी अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है। उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल की थी। इस वजह से इन्हें लेडी विद द लैंप भी कहा गया। मरीज की जिंदगी बचाने में जितना योगदान डॉक्टर्स का होता है, उतना ही एक नर्स का। नर्स अपनी परवाह किए बिना मरीज की तन-मन से सेवा कर उनकी जान बचाती है। अपने घर और परिवार से दूर रहकर मरीजों की दिन रात सेवा करती है। नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है।नर्सिंग के संस्थापक फ्लोरेंस नाइटइंगेल का जन्म 12 मई, 1820 को हुआ था। इस दिन उनको याद किया जाता है। सबसे पहले इस दिवस की शुरुआत साल 1965 में की गई थी। तब से लेकर आज तक यह दिवस इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत देश में इसकी शुरुआत 1973 में परिवार एंव कल्याण विभाग ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान किया जाता है। पुरस्कार हर साल देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।