पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर से 25 लाख की ठगी मामले में 10 साइबर क्रिमिनल देवघर से अरेस्ट

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ स्वरूप चटर्जी के एकाउंट से 25 लाख रुपये ठगी करने वाले 10 साइबर क्रिमिनल को देवघर पुलिस ने अरेस्ट किया है।

पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर से 25 लाख की ठगी मामले में 10 साइबर क्रिमिनल देवघर से अरेस्ट

देवघर। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ स्वरूप चटर्जी के एकाउंट से 25 लाख रुपये ठगी करने वाले 10 साइबर क्रिमिनल को देवघर पुलिस ने अरेस्ट किया है। इन साइबर क्रिमिनलों के पास से 14 मोबाइल सहित 20 सिम कार्ड, चार बैंक पासबुक, एक चेकबुक, छह एटीएम, एक लैपटॉप, एक बाइक, एक स्कॉर्पियो और एक कार बरामद किया गया है। यह जानकारी देवघर एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेस में दी।
एसपी ने मीडिया को  बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों में करौं पुलिस स्टेशन एरिया के नागादरी गांव निवासी रकीब अंसारी, अमीर अंसारी, मारगोमुंडा पंचरुखी गांव निवासी मुरसलीम अंसारी, केसवा गांव निवासी इस्माइल अंसारी, जसीडीह रोहिणी नवाडीह गांव निवासी सूरज दास, देवीपुर थाना क्षेत्र के खैरबनी गांव निवासी करुण कुमार दास, पाथरौल कुसाहा गांव निवासी दिलीप कुमार दास, गोनैया गांव निवासी राजकिशोर दास, मोहनपुर बांक निवासी फाल्गुनी मंडल व आमगाछी गांव निवासी पवन तुरी शामिल है। फाल्गुनी की संलिप्तता साइबर पुलिस स्टेशन कांड संख्या 90/20 में पायी गयी है।  यह मामला पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के डॉ स्वरुप चटर्जी की कंपलेन पर दर्ज है।उन्होंने अपने एकाउंट से 25 लाख रुपये की निकासी का आरोप लगाया था।

गूगल डॉक्यूमेंट का लिंक भरवा डॉ स्वरूप से की गयी ठगी
देवघर के साइबर क्रिमिनलों ने वर्ष 2020 की दिसंबर में कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर सीएनआरटीसी कोलकाता निवासी डॉ स्वरुप मुखर्जी के अकाउंट से 25 लाख रुपये की निकासी की थी। डॉ स्वरूप की कंपलेन पर साइबर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज की गयी। कंपलेन के अनुसार डॉक्टर किसी सर्जरी के लिए 13 दिसंबर को देवघर स्थित सत्संग पहुंचे थे। उन्हें 16 दिसंबर को अज्ञात लोगों ने उन्हें SBI का अफसर बनकर कॉल किया था। KYC Update का झांसा देकर उनसे Google document का एक लिंक भरवाया गया था। लॉगिन, पासवर्ड, प्रोफाइल पासवर्ड सहित सारा डिटेल्स उक्त लिंक से जानकारी लेकर उनके बैंक अकाउंट का फोन नंबर व इ-मेल आइडी ही बदल दिया। डॉ स्वरुप के अकाउंट से 25 लाख रुपये अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर निकासी कर लिया था। मोबाइल मैसेज आने पर उन्हें अकाउंट से निकासी की जानकारी हुई थी। इसके बाद उन्होंने देवघर साइबर पुलिस स्टेशन में एपआइआर दर्ज करायी।
कई तरीके से ठगी करते हैं साइबर क्रिमिनल
एसपी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल अलग- अलग तरीके से झांसे देकर लोगों की गाढ़ी कमाई बैंक अकाउंट से उड़ा ले रहे हैं। पुलिस पूछताछ में क्रिमिनलों ने बताया कि विभिन्न बैंकों के अफसर बनकर लोगों को कॉल कर वे लोग ठगी करते हैं। KYC Update का झांसा देकर डिटेल हासिल कर लोगों के बैंक अकाउंट में जमा रकम को मिनटों में खाली कर देते हैं। Phone-Pay, Paytm Money Request भेजकर झांसे से OTP लेने के बाद ठगी करते हैं।ये लोग गूगल सर्च इंजन पर विभिन्न इलेक्ट्रोनिक एप के साइट पर जाकर उसमें भी अपना मोबाइल नंबर को कस्टमर्स अफसर के नंबर की जगह डाल देते हैं। ऐसे में कोई कस्टमर उस नंबर को कस्टमर अफसर का नंबर समझ कर डायल करते हैं। अपना सभी डिटेल शेयर कर देते हैं। इसके बाद उन नंबरों के लिंक अकाउंट को साइबर क्रिमिनल मिनटों में साफ कर देते हैं।

साइबर क्रिमिनलों द्वार Team Viewer, Quick Support जैसे रिमोट एक्सेस एप (Remote access app) इंस्टॉल कराकर गूगल पर मोबाइल का पहला चार डिजिट नंबर सर्च करते हैं। खुद से छह डिजिट जोड़कर रेंडमली साइबर ठगी करते हैं। UPI Wallet से ठगी किये कस्टमर्स को दुबारा अकाउंट में रिफंड का झांसा देकर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर में कुछ जोड़कर वर्चुअल फर्जी अकाउंट बनाने के बाद UPI Pin लॉगिन कराकर भी ठगी की जा रही है।