झारखंड:राज्यसभा चुनाव 2016 की एनआईए और एसआईटी जांच हो:अंबा प्रसाद

  • आइपीएस अनुराग गुप्ता ही नहीं, एक्स सीएम रघुवर, पोद्दार व नकवी भी दोषी
रांची। बरकागांव की कांग्रेस एमएलए अंबा प्रसाद ने कहा है कि 2016 की राज्यसभा चुनाव का एनआइए व एसआइटी से जांच करायी जानी चाहिए। यह पूरा मामला हाई प्रोफाइल है। राज्यसभा चुनाव में वोट के लिए धमकाने वाले जिस मामले में पुलिस अफसर अनुराग गुप्ता को सस्पेंड किया गया है, उसमें एक्स सीएम रघुवर दास के साथ-साथ बीजेपी एमपी मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार कहीं अधिक दोषी हैं।इन्हीं नेताओं ने साजिश कर उनके माता-पिता को जिला बदर कराया और झारखंड से बाहर रहने को मजबूर किया। अंबा ने सीएम से आग्रह किया है कि इस मामले में रघुवर दास, मुख्तार अब्बास नकवी, सांसद महेश पोद्दार के खिलाफ कार्रवाई की जाए।एडीजी अनुराग गुप्ता का राज्यसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया। अंबा प्रसाद रविवार को रांची कांग्रेस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेंस में बोल रही थी। प्रेस कांफ्रेस में प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद व कुमार राजा भी उपस्थित थे। अंबा ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर मेरे मेरे परिवार को झूठे केस में फंसाया गया है। अनुराग गुप्ता के सस्पेंड किये जाने पर उन्होंने सवाल उठाया कि एक पुलिस अधिकारी की जांच दूसरा पुलिस अफसर कैसे कर सकता है। अनुराग गुप्ता तो सिर्फ एक मोहरा हैं। उनका सिर्फ इस्तेमाल किया गया है। अंबा ने कहा कि सत्ता के पावर का दुरुपयोग कर अधिकारियों को आगे किया गया। मेरे परिवार को टारगेट किया गया। मेरे पिता योगेंद्र साव, मां निर्मला देवी व भाई को झूठे केस में फंसाया गया। मेरी मां निर्मला देवी को भाजपा ने अपने पक्ष में वोट करने के लिए दबाव दिया था। इस मामले में सिर्फ अनुराग गुप्ता दोषी नहीं हैं। इसमें मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, महेश पोद्दार हैं। मेरे पास सारे सबूत हैं। उन्हों ने सरकार से मामले की निष्पअक्ष जांच की मांग की। अंबा प्रसाद ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गृह विभाग के सचिव से मुलाकात कर उन्होंने अपनी बात रखी है। इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है। एक पुलिस अफसर की जांच दूसरा पुलिस अफसर नहीं कर सकता है। अनुराग गुप्ता को सस्पेंड कर मामले की सिर्फ लीपापोती की गई है। इस मामले में उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने जो बयान दिये थे, उसे बदल दिया गया है। राज्यसभा चुनाव में फायदा अनुराग गुप्ता को नहीं बल्कि भाजपा को होना था। इसलिए पावर का गलत इस्तेमाल कर मामले को दूसरा रंग दे दिया गया। अंबा ने कहा कि इस मामले में उनके परिवार में किसी को नहीं छोड़ा गया। उनके पिता, मां, भाई और खुद उनके उपर भी केस किया गया। काफी प्रेशर के बाद भी उनकी मां जो बड़ाकागांव की एमएलए थीं, जब भाजपा के पक्ष में वोट नहीं दिया तो उन पर केस कर दिया। अंबा ने कहा कि हमारे पास इस मामले को लेकर जो भी साक्ष्य है, उसे कोर्ट को देंगे। मामले की जांच शुरू हो चुकी है। इसलिए भाजपा के हाई प्रोफाइल लोग परेशान हैं और मैनेज करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि हेमंत सोरेन की सरकार में निष्पक्षता से जांच होगी। अंबा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में एडीजी अनुराग गुप्ता का मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया था। पर्दे के पीछे रघुवर दास, महेश पोद्दार और मुख्तार अब्बास नकवी सक्रिय थे। सभी जानते हैं कि सीएम रघुवर दास मेरे पिता से मिलने पहुंचे थे और पांच करोड़ रुपये का ऑफर भी किया था।मामले में मेरे पिता के बयान को भी थाने में बदल दिया गया है। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में दो लोगों का नाम देते हुए लिखा था कि संबंधित मामले में अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। इस मामले में अनुराग गुप्ता को कोई फायदा नहीं होने वाला था।फायदा मिल रहा था उनसे पूछताछ होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि इन्हीं लोगों की साजिश के कारण पिछले पांच वर्षो में मेरे माता-पिता और भाई पर दर्जनों मुकदमे हुए हैं और पावर का दुरुपयोग किया गया है