बीसीसीएल की विश्वकर्मा प्रोजेक्ट कोल डंप में जेवीएम-एमसीसी की ज्वाइंट मीटिंग

धनबाद: झारखंड के एक्स सीएम सह जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मराडी ने कहा है कि आदिवासी-मूलवासियों के जमीन अधिग्रहण में नौकरी और मुआवजा के बदले जमीन मालिकों को उत्पादित कोयले के मुनाफे में हिस्सेदारी चाहिए. देश की आजादी के बाद अब तक प्रदेश में 35 लाख एकड़ से अधिक जमीन विकास के नाम पर अधिग्रहीत की जा चुकी है. बाबूलाल मरांडी ने रविवार को विश्वकर्मा प्रोजेक्ट कोल डंप में जेवीएम व एमसीसी ज्वाइंट मीटिंग को संबोधित कर रहे थे. बाबूलाल ने कहा कि आज दलित-आदिवासियों की रोजी-रोटी पर माफियाओं की नजर है. लाहबेड़ा के आदिवासी मजदूर के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या इसी का परिणाम है. एमपी-एमएलए के संबंधी यहां कब्जा जमाने के लिए हिस्सेदारी की मांग करते हैं .डिस्ट्रिक एडमिशट्रेशन ल व बीसीसीएल मैनेजमेंट को आदिवासियों के हित में बात करनी चाहिए थी, वे माफियाओं को हिस्सेदारी दिलाने का दबाव आदिवासी ग्रामीणों पर बना रहे हैं, जो शर्म की बात है. उन्होंमने कहा कि यह सरकार कोयला निकालने के लिए एक साजिश के तहत डीसी रेल लाइन बंद कर दी. झरिया का धरोहर आरएसपी कॉलेज को हटा कर दूसरे स्थान पर शिफ्ट करा दिया. वहां छात्रों को आने-जाने में सोचना पड़ रहा है. बीजेपी को गरीबों, दलितों व आदिवासियों की नहीं, बल्कि पूंजीपतियों की चिंता है. इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा, तभी दलित-आदिवासी गरीब तबके के लोगों का कल्याण होगा. अपने हक के लिए आंदोलन करने वाले गरीब व दलित लोगों को बीजेपी गर्वमेंट के इशारे पर झूठे केस में फंसा कर जेल भेजा जाता है. देता है. सभा को एक्स मिनिस्टर सबा अहमद,सरोज सिंह, योगेंद्र यादव,जेवीएम जिला अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा, राकेश सिंह, दिलीप चक्रवर्ती, मासस के बच्चन भारती ने भी संबोधित किया.