धनबाद: FCI मैनेजमेंट ने प्रबंधन ने डीएमसी के वार्ड 53, 54 व 55 का अस्तित्व समाप्त करने की मांग की,

धनबाद: एफसीआइ मैनेजमेंट ने डीसी को पत्र लिखकर धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन (डीएमसी) सिंदरी अंचल के वार्ड 53, 54 व 55 का अस्तित्व समाप्त करने का अनुरोध किया है. डीसी को लिखे लेटर में कहा गया है कि एफसीआइ ने जमीन की कीमत व डीड शुल्क भी चुकाया था. जमीन एफसीआइएल के स्वामित्व में है. इसपर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है. इस जमीन पर नगरपालिका एक्ट लागू नहीं किया जा सकता है. एफसीआइ के प्रभारी देवदास अधिकारी ने डीसी को भेजे पत्र में कहा है कि राष्ट्रपति की अधिग्रहित भूमि को एफसीआइएल प्रबंधन ने खाद कारखाना के निर्माण के लिए 1960 में अधिग्रहण किया था. एफसीआइ ने जमीन की कीमत व डीड शुल्क भी चुकाया था. जमीन एफसीआइएल के स्वामित्व में है. इस जमीन पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है. इस पर नगरपालिका एक्ट लागू नहीं किया जा सकता.एफसीआइ की ओर से डीसी को भेजे गये लेटर में सिंदरी के राहुल सिंह द्वारा रांची हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के निर्णय का भी उल्लेख किया गया है. हाइकोर्ट ने राहुल की याचिका पर डीएमसी द्वारा सिंदरी में हटिया, नाव घाट, बस स्टैंड में राजस्व वसूली को अवैध करार दिया है. सिंदरी के व्यवसायियों ने होल्डिंग टैक्स देना बंद किया सिंदरी के व्यवसायियों ने निगम को होल्डिंग टैक्स देना बंद कर दिया है. सिंदरी चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव दीपक कुमार दीपू ने का कहना है कि डीएमसी द्वारा सिंदरी के व्यवसायियों को होङ्क्षल्डग टैक्स का नोटिस जारी किया गया है. स्वामित्व के अभाव में व्यवसायियों ने पिछले साल से निगम का टैक्स भुगतान रोक दिया है. एफसीआइएल जब डीएमसी को एकमुश्त होल्डिंग टैक्स का भुगतान करता है, तब खाद कारखाना के लीज धारकों या टेनेंट से निगम को टैक्स वसूलने का अधिकार नहीं है. डीएमसी ने सिदरी के विभिन्न स्कूलों व निजी मकान मालिकों को भी नोटिस जारी किया है. यहां भी दोहरा टैक्स आड़े आ रहा है.