INX मीडिया केस में 30 घंटे बाद CBI ने पी चिदंबरम को किया अरेस्ट

चला हाई वोल्टेज ड्रामा, गेट फांद कर घर में घुसी सीबीआई टीम नई दिल्ली: INX मीडिया केस में लगभग 30 घंटे तक चले ड्रामे के बाद पूर्व फाइनांस मिनिस्टर पी चिदंबरम को सीबीआइ (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज किये जाने के बाद से ही चिदंबरम पर गिरफ्तार की तलवार लटक रही थी. सीबीआइ की लगभग 30 अधिकारियों की टीम चिदंबरम के घर पर मौजूद थी. हालात संभालने के लिए दिल्ली पुलिस को बुला लिया गया था. चिदंबरम के घर के बाहर डटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हटाने में दिल्ली पुलिस कि काफी मशक्कत करनी पडी. बताया जा रहा है कि गुरुवार को सुबह चिदंबरम का मेडिकल कराया जाएगा और उसके बाद ट्रायल कोर्ट में पेशी होगी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की हरसंभव कोशिश भी की और तबतक के लिए भूमिगत भी रहे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने में देरी होने और कानून के डर से भूमिगत होने के लग रहे आरोपों को देखते हुए चिदंबरम ने सामने आने का फैसला किया और तत्काल सक्रिय सीबीआइ व इडी (ED) की टीम उनके आवास पर पहुंचकर हिरासत मे ले लिया. गिरफ्तारी के बाद चिदंबरम को अब नए सिरे से जमानत की अर्जी लगानी पड़ेगी. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आखिरकार पी चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेस कर अपनी सफाई दी और कानून का सामना करने का भरोसा दिया. वहां से जैसे ही चिदंबरम जोरबाग स्थित अपने घर पहुंचे, सीबीआइ और ईडी की टीम थोड़ी देर बाद ही धमक पड़ी. सीबीआइ टीम को चिदंबरम के घर के भीतर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दीवार फांदकर वे किसी तरह घर में घुसे और चिदंबरम से पूछताछ शुरू की. सीबीआइ और ईडी ने जारी किया लुक आउट सर्कुलर: दरअसल सीबीआइ और ईडी दोनों एजेंसियां हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के तत्काल बाद चिदंबरम की गिरफ्तारी की कोशिश में जुट गई थी. इसके लिए सीबीआइ और ईडी की टीम उनके जोरबाग स्थित घर पर भी पहुंची और पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस भी चिपकाया, लेकिन बुधवार की सुबह चिदंबरम ने भूमिगत रहना ही पसंद किया. मोबाइल बंद कर दिया, सुरक्षाकर्मी और गाड़ी को छोड़ दिया. सीबीआइ और ईडी की टीम उनके ड्राइवर से पूछताछ करती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामले में आलोचना झेल चुकी सीबीआइ और ईडी ने लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया, ताकि चिदंबरम देश छोड़कर नहीं जा सकें. 27 बार बढ़ी अग्रिम जमानत की अवधि दरअसल पी चिदंबरम आइएनएक्स मीडिया मामले में लंबे समय से गिरफ्तारी को टालते आ रहे थे. मार्च 2017 में एफआइआर दर्ज करने के बाद 2018 के शुरुआत में ही ईडी और सीबीआइ ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब करना शुरू कर दिया था, लेकिन गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए चिदंबरम ने पहले ही ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी. सीबीआइ और ईडी उन्हें बार-बार बुलाती रही और वे अग्रिम जमानत की अवधि बढ़वाते रहे. इस केस में ट्रायल कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की अवधि को 27 बार बढ़ा दिया. ईडी और सीबीआइ ने अग्रिम जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी और आखिरकार मंगलवार को जांच एजेंसियों की कोशिश सफल हुई और चिदंबरम को मिली अग्रिम जमानत का सुरक्षा चक्र खत्म हो गया. पी. चिदंबरम पर यह हैं आरोप: वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी. आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई. इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. क्या है INX मीडिया केस: आइएनएक्स मीडिया केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है. सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे.