पश्चिम बंगाल: कोलकाता में मोबाइल गेमिंग ऐप प्रमोटर्स के ठिकानों पर ED का रेड, 17 करोड़ कैश जब्त

ईडी ने कोलकाता में शनिवार को मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटर्स के छह ठिकानों पर रेड डाले। इसमें अब तक 17 करोड़ रुपये कैश जब्त किया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत डाले गये रेड में 2000, 500 और 200 रुपये के नोटों के बंडल मिले हैं।

पश्चिम बंगाल: कोलकाता में मोबाइल गेमिंग ऐप प्रमोटर्स के ठिकानों पर ED का रेड, 17 करोड़ कैश जब्त
  •  इनाम का लालच देकर करोड़ों की ठगी
कोलकाता। ईडी ने कोलकाता में शनिवार को मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटर्स के छह ठिकानों पर रेड डाले। इसमें अब तक 17 करोड़ रुपये कैश जब्त किया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत डाले गये रेड में 2000, 500 और 200 रुपये के नोटों के बंडल मिले हैं।
ईडी ने मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी ‘ई-नगेट्स’और इसके प्रमोटर आमिर खान और अन्य के ठिकानों पर रेड की है। ईडी नोट गिनने के लिए पांच मशीनें मंगवाई गई। बैंक स्टाफ को से नोटों को गिनती करायी गयी। ईडी ने बताया कि फेडरल बैंक ने सबसे पहले कंपनी के खिलाफ कोलकाता के कोर्ट में कंपलेन की थी। कोलकाता पुलिस ने फरवरी 2021 में कंपनी और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद शनिवार को ईडी रेड की कार्रवाई की।
धोखाधड़ी के लिए ही ऐप लांच किया
कोलकाता के पार्क स्ट्रीट, मैकलियॉड स्ट्रीट, गार्डन रीच और मोमिनपुर में ईडी की अलग-अलग टीमें सुबह से ही रेड कर कर रही थी। ED की टीम ने वकील पिता-पुत्र के आवास पर भी सर्चिंग की। रेड के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की गयी है। 
ईडी ने आरोप लगाया कि आमिर खान ने मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए लॉन्च किया था। कंपनी ने शुरुआत में यूजर्स को कमीशन दिया। लोगों के वॉलेट्स में आया पैसा भी आसानी से निकला। इससे लोगों में कंपनी के प्रति भरोसा बढ़ा। लोग ज्यादा कमीशन के लिए बड़ी रकम लगाने लगे।
जब लोगों से बड़ी रकम कंपनी को मिल गई तो इस ऐप से पैसों की निकासी अचानक रोक दी गई। इसके पीछे एक ही तर्क दिया गया कि सिस्टम अपग्रेडेशन और सरकारी एजेंसियों की जांच के कारण निकासी रोकी गई है। इसके बाद ऐप सर्वर से सारा डेटा हटा दिया गया। इसमें प्रोफाइल इन्फॉर्मेशन भी शामिल है। इसके बाद यूजर्स को धोखाधड़ी समझ में आई।
चीनी ऐप से लिंक की तलाशी
ईडी अभी इसका पता लगा रही है कि क्या ऐप और इसके ऑपरेटर्स का चीनी ऐप से कोई लिंक है। क्या ये लोगों को धोखे में रखकर कम दरों पर लोन देने का दावा करते हैं। इन लोन ऑपरेटर्स की धमकियों के बाद इन ऐप के चक्कर में फंसे कुछ यूजर्स ने बाद में अपनी जान तक दे दी। प्रमोटर्स के राजनीतिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं।