देश की अस्मिता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए ही दें वोट, कुछ लोग नहीं चाहते भारत में शांति हो : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। मणिपुर में जो हो रहा, करवाया जा रहा है। सांस्कृतिक मार्क्सवादी समाज में अराजकता फैला रहे हैं।

देश की अस्मिता और अखंडता को ध्यान में रखते हुए ही दें वोट, कुछ लोग नहीं चाहते भारत में शांति हो : मोहन भागवत
आरएसएस चीफ मोहन भागवत।
  • मणिपुर में जो हो रहा, करवाया जा रहा
  • समाज में अराजकता फैला रहे सांस्कृतिक मार्क्सवादी
  • विजयादशमी के मौके पर नागपुर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। मणिपुर में जो हो रहा, करवाया जा रहा है। सांस्कृतिक मार्क्सवादी समाज में अराजकता फैला रहे हैं।

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संघ प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को नागपुर के संघ मुख्यालय में विजयादमशी (दशहरा) पर आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रेशिमबाग मैदान में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने मणिपुर में में हुई हिंसा के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में साजिश रच कर पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समाज के लोग पिछले काफी वक्त से एक साथ रह रहे हैं। अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों समुदायों के बीच आग लग गई। मोहन भागवत ने सवाल किया कि ऐसे अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे लाभ होता है? क्या मणिपुर में जो कुछ हुआ उसमें बाहर के लोग भी शामिल थे?
हिंसा कराया जा रहा 
उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी समेत असामाजिक तत्व शिक्षा और संस्कृति को खराब करने के लिए मीडिया और शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। भागवत ने कहा कि राज्य में हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री तीन दिनों तक मणिपुर के दौरे पर थे। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए उन्होंने कई सार्थक प्रयास किए। उन्होंने सवाल किया कि वास्तव में राज्य के दोनों समुदायों के बीच संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? राज्य में हिंसा हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है। भागवत ने सवाल किया कि कौन सी विदेशी शक्तियां मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने की फिराक में हैं? क्या इन घटनाओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू-राजनीति की भी कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि जब-जब शांति बहाल करने की कोशिश होती है, तब कुछ न कुछ घटित होता है। जो लोग ऐसी हरकतें कर रहे थे उनके पीछे कौन है? हिंसा कौन भड़का रहा है?
संघ कार्यकर्ताओं की सरहाना
मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा के बीच वहां शांति बहाल करने के काम में लगे संघ कार्यकर्ताओं को जमकर सराहा। इस बीच उन्होंने देश की जनता से एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास को ध्यान में रखकर वोट करने की अपील की। साथ ही लोगों को साल 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों को लेकर भी आगाह किया। भागवत ने कहा कि हमारे संविधान की मूल प्रति के एक पृष्ठ पर जिनका चित्र अंकित है, ऐसे धर्म के मूर्तिमान प्रतीक श्रीराम के बालक रूप का मंदिर अयोध्या जी में बन रहा है। आने वाली 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। व्यवस्थागत कठिनाइयों के तथा सुरक्षाओं की सावधानियों के चलते उस पावन अवसर पर अयोध्या में बहुत मर्यादित संख्या ही उपस्थित रह सकेगी। 
भारत की ओर देख रहा विश्व
इजराइल और हमास के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष का मुद्दा उठाते हुए मोहन भागवत ने कहा कि समूचा विश्व शांति का रास्ता दिखाने के लिए भारत से आस लगाये हुए है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस वक्त एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में विश्व की जरूरतों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए भारत अपने स्वयं के मूल्यों के आधार पर एक नई दृष्टि के साथ उभरेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया धार्मिक संप्रदायवाद से पैदा हुए कट्टरता, अहंकार और उन्माद के संकट का सामना कर रही है। यूक्रेन या गाजा पट्टी में युद्ध जैसे संघर्षों का कोई भी समाधान नहीं निकल रहा है। इससे आतंकवाद, शोषण और अधिनायकवाद को कहर बरपाने की खुली छूट मिल रही है। इससे यह साफ हो गया है कि विश्व बिना किसी मजूबत नेतृत्व के इन समस्याओं का मुकाबला नहीं कर सकता।
चुनाव में भावनाएं भड़काकर वोट नहीं मांगना चाहिए
भागवत ने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट मांगने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, लेकिन ये फिर भी होता है। इससे समाज की एकता को चोट पहुंचती है। वोट डालना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। देश की एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास जैसे अहम मुद्दों को ध्यान में रखकर अपना वोट डालें। उन्होंने कहा कि समाज विरोधी कुछ लोग खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी कहते हैं, लेकिन उन्होंने मार्क्स को 1920 के दशक से भुला रखा है। वे दुनिया की सभी शुभ चीजों, संस्कृति का विरोध करते हैं। वे लोग अराजकता का प्रचार-प्रसार करते हैं। यह चिंता का विषय है। झगड़े को छोड़कर सुलह पर चलना ही श्रेष्ठता है। हम सब एक ही पूर्वज के वंशज है। एक मातृभूमि की संतानें हैं। हमें इसी आधार पर फिर से एकजुट होना है। एक राष्ट्र तभी समृद्ध होता है जब समाज एकजुट और सतर्क हो।
भगवान राम 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्रवेश करेंगे
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्रवेश करने वाले हैं। गर्भगृह में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। उद्घाटन के दिन वहां हर किसी का पहुंच पाना संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए जो जहां है, वे वहीं के राम मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन करे। यह हर दिल में मन के राम को जगाएगा और मन के अयोध्या को सजायेगा। समाज में स्नेह, जिम्मेदारी और सद्भावना का माहौल बनाएगा।
चंद्रयान मिशन और एशियन गेम्स से भारत का गौरव बढ़ा
भागवत ने कहा कि हमारे देश के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में पहली बार 100 से ज्यादा मेडल जीते। खिलाड़ियों ने हमें गर्व महसूस कराया। हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं।चंद्रयान मिशन ने भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और कौशल को भी शानदार ढंग से प्रदर्शित किया। हमारे वैज्ञानिकों के अपने ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ राष्ट्र के नेतृत्व की इच्छाशक्ति निर्बाध रूप से जुड़ी हुई है। दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन हुआ। इसमें विदेशी मेहमानों के सत्कार को लेकर भारत की सराहना हुई। दुनिया ने विविधता से सजी हमारी संस्कृति का गौरव अनुभव किया।
RSS ने भारतीय संस्कृति को बचाया: महादेवन 
RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट उपस्थित सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन ने सरस्वती वंदना से अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने RSS की तारीफ करते हुए कहा कि अखंड भारत के विचार और इसकी संस्कृति को बचाकर रखने में RSS से ज्यादा योगदान किसी का नहीं है। मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया गया।
शंकर महादेवन और भागवत ने RSS संस्थापक को श्रद्धांजलि दी
मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम पर RSS के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शंकर महादेवन के साथ शस्त्र पूजा की। मोहन भागवत समेत अन्य अतिथियों ने संघ के संस्थापक के बी हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। RSS मुख्यालय पर RSS चीफ मोहन भागवत ने शस्त्रों की पूजा की। संघ कार्यकर्ताओं ने सीपी और बरार कालेज गेट और रेशिमबाग मैदान से पथ संचलन (रूट मार्च) निकाला। सेंट्रल मिनिस्टर नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी कार्यक्रम में मौजूद थे। वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना हुई थी। इस दिन संघ शस्त्र पूजा करता है। विजयादशमी को RSS मुख्यालय में हर साल होता है।