विजय हमेशा राम रूपी सदाचार की,आठ साल में बदल गई अयोध्या और काशी: PM नरेंद्र मोदी

अयोध्या में दिवाली पर पहली बार 15 लाख 76 हजार दीपों को जलाने का रिकॉर्ड बना। पीएम नरेंद्र मोदी इसके साक्षी बने। अयोध्या पहुंचे मोदी ने सबसे पहले रामलला के दर्शन किए। आरती उतारी। परिक्रमा की और पहला दीप जलाकर दीपोत्सव का शुभारंभ किया। पीएम लगभग चार घंटे तक यहां रहे।

विजय हमेशा राम रूपी सदाचार की,आठ साल में बदल गई अयोध्या और काशी: PM नरेंद्र मोदी
  • पहले घाटों की दुर्दशा करती थी मन दुखी
  • अयोध्या में 15 लाख दीये जलाने का रिकॉर्ड

लखनऊ। अयोध्या में दिवाली पर पहली बार 15 लाख 76 हजार दीपों को जलाने का रिकॉर्ड बना। पीएम नरेंद्र मोदी इसके साक्षी बने। अयोध्या पहुंचे मोदी ने सबसे पहले रामलला के दर्शन किए। आरती उतारी। परिक्रमा की और पहला दीप जलाकर दीपोत्सव का शुभारंभ किया। पीएम लगभग चार घंटे तक यहां रहे।

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पूरा देश प्रभु श्रीराम का अपना आराध्य मानता है
दीपोत्सव के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम का अभिषेक किया । पीएम मोदी ने कहा कि श्रीरामलला के दर्शन और उसके बाद राजा राम का अभिषेक, ये सौभाग्य रामजी की कृपा से ही मिलता है। मुझे खुशी है कि आज देश-विदेश में अयोध्या के इस भव्य आयोजन का प्रसारण हो रहा है। मैं आप सबको बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन बताता है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्य से स्वयं सिद्ध हो जाते हैं। श्रीराम ने अपने जीवन में कर्तव्यों को सर्वाधिक जोर दिया। उन्होंने वन में रहकर साधुओं की संगत की।उन्होंने कहा कि एक समय वो भी था जब हमारे ही देश में श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाये जाते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे देश के धार्मिक स्थलों का विकास पीछे छूट गया। पिछले आठ साल में हमने धार्मिक स्थानों के विकास के काम को आगे रखा है। हमने भारत के तीर्थों के विकास की एक समग्र सोच को सामने रखा है।

पीएम यहां से राम जन्म भूमि गए। वहां हो रहे कार्यों का अवलोकन लिया। मौके पर गवर्नर आनंदीबेन पटेल, सीएमयोगी आदित्यनाथ, राममंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय भी मौजूद रहे। पीएम ने श्रीरामलला विराजमान में दर्शन पूजन के बाद सीधा निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का रुख किया। उन्होंने राम मंदिर निर्माण स्थल का अवलोकन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला का दर्शन पूजन किया।आरती उतारी। पीएम मोदी ने रामलला की परिक्रमा की। जेब से निकालकर दानपात्र में दान डाला। पीएम ने सबसे पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरणों में हाजिरी लगाई। रामलला की परिक्रमा कर पीएम ने सुखी व सशक्त राष्ट्र की कामना की।पीएम नरेन्द्र मोदी रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम विराजमान का दर्शन करने लगभग14 महीने बाद पहुंचे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी रामनगरी में पांच अगस्त 2021 को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास करने पहुंचे थे।

अयोध्या के छठे दीपोत्सव पर रामनगरी पहुंचे पीएम मोदी ने श्रीराम के बारे में विस्तार से वर्णन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने रामलला के दर्शन किए और फिर राम मंदिर निर्माण स्थल पर पहुंचकर अवलोकन किया। इसके बाद सीधे रामकथा पार्क पहुंचे जहां उन्होंने राम-लक्ष्मण और जानकी की पूजा-अर्चना की। मोदी ने कहा राम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श और उनके मूल्य दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका सिखाया पथ और प्रद्विक्त हो उठता है। अयोध्यवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, अयोध्या जी रग-रग में कण-कण में उनका दर्शन समाहित है।आज अयोध्या की रामलीलाओं के माध्यम से सरयू आरती के माध्यम से दीपोत्सव के जरिए रामायाण पर शोध और अनुसंधान के माध्यम से ये दर्शन पूरे विश्व में प्रसारित हो रहा है। मुझे खुशी है कि अयोध्या के लोग पूरे यूपी और देश के लोग इस प्रवाह का हिस्सा बन रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि देश में जन कल्याण की धारा को गति दे रहे हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को दिवाली की बधाई दी। दीपोत्सव के मौके पर पीएम मोदी ने कहा देशवासियों ने कुछ समय पहले ही आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। भगवान राम ने अपने वचन में अपने विचारों में अपने शासन और प्रशासन में जिन मूल्यों को धरा वह सबका साथ और सबका विकास की प्रेरणा और सबका विश्वास का आधार भी है।अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे श्रीराम के आदर्श उस प्रकाश की तरह हैं जो हमें कठिन से कठिन कामों को हासिल करने का हौसला देंगे।

उन्होंने आगे कहा, कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरूरत है। आजादी के अमृत काल ने देश में अपनी विरासत और घर को गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आहवान किया। यह प्रेरणा भी हमें प्रभु श्रीराम से मिलती है। श्रीराम ने कहा था कि वह स्वर्ण वाली लंका के सामने हीन भावना में नहीं आए। मां और मातृभूमि फर्ज से भी बढ़कर है। जब वह अयोध्या में लौटकर आते हैं तो अयोध्या के बारे में कहा जाता है। राष्ट्र नर्मिाण का संकल्प होता है, नागरिकों में देश के लिए सेवा भाव होता है तो ही राष्ट्र असीम ऊंचाई को छूता है।
पीएम मोदी ने 1990 से पहले की चर्चा करते हुए कहा, एक समय था जब राम के बारे में हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने से भी बचा जा सकता है। इसी देश में राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगाये जाते थे। अयोध्या के रामघाट पर आते थे तो दुर्दशा देखकर मन दुखी हो जाता था। काशी की गलियां परेशान करती थीं। बीते आठ वर्षों में देश ने हीन भावनाओं को तोड़ा है। हमने राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ, महाकाल और महालोक को पुन: जीवित किया है। आज सभी धार्मिक देश-दुनिया में नई पहचान बनकर उभरे हैं। अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गईं। चौराहों का विकास हो रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। अयोध्या से जो विकास अभियान शुरू हुआ है उसका विस्तार आसपास के क्षेत्र में होगा। सांस्कृति विकास के कई सामाजिक और आयाम भी हैं। निषादराज पार्क का निर्माण हो रहा है। 51 फीट ऊंची कांच की प्रतिमा बन रही है। 
अयोध्या में राम की पैड़ी के 37 घाटों पर 17 लाख दीप जलाए गए। इसके लिए राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह की देखरेख में 22 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने दीप लगाए, उसमें तेल बाती डालकर दीप प्रज्ज्वलन में महती भूमिका निभाई। त्रेतायुग की अयोध्या सोमवार को कलियुग में भी अलौकिक दिखी। दीपोत्सव में सभी ने अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा के दीप जलाए। यहां रामायणकालीन व राम-सीता व ऋषि मुनियों समेत 35 स्वागत द्वार बनाये गए। 10 राज्यों के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। 16 झांकियां निकलीं। दीपोत्सव के 17 लाख दीपों के लिए 22 हजार वालंटियरों ने 35 हजार लीटर सरसों का तेल दीपों में डाला। 2500 टन फूलों से अयोध्या की सजावट की गई। 50 हजार पताकाएं लगाई गईं। यहाँ रूस, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, फिजी, नेपाल व त्रिनिडाड व टोबैगो समेत 8 देशों की रामलीला का मंचन किया गया। 120 विदेशी कलाकारों की प्रतिभा को रामनगरी में मंच मिला। चौराहों पर रंगोली बनाकर समृद्धि की कामना की गई।