उत्तराखंड: चमोली ग्लेशियर हादसा में लापता 200  लोगों का सुराग नहीं? अब तक 18 बॉडी बरामद

उत्तराखंड के चमोली में रविवार को रौठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिरने के बाद ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आने से भारी तबाही मची है। सैलाब में कई लोग बह गये हैं। अब तक 18 लोगों की बॉडी बरामद की गयी है। 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।

उत्तराखंड: चमोली ग्लेशियर हादसा में लापता 200  लोगों का सुराग नहीं? अब तक 18 बॉडी बरामद
  • युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य जारी
  • आर्मी, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें सर्च ऑपरेशन में जुटी

लखनऊ। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को रौठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिरने के बाद ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आने से भारी तबाही मची है। सैलाब में कई लोग बह गये हैं। अब तक 18 लोगों की बॉडी बरामद की गयी है। 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।
आपदा से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। 

टनल में अभी 25 से 35 लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए आर्मी, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं।हादसे में छह लोग घायल हो गये हैं। एनटीपीसी से 12 लोगों को बचाया गया है। रविवार को ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना ध्वस्त हो गई थी। तपोवन-विष्णुगाड प्रोजेक्ट की दूसरी सुरंग में 30 से 35 व्यक्ति फंसे हैं। टनल में मलबा भरे होने के कारण उनके रेस्क्यू में दिक्कत आ रही हैं, ऋषिगंगा नदी और धौलीगंगा नदी के उफान में इन दोनों प्रोजेक्टों में काम करने वाले कई श्रमिक व स्थानीय लोग लापता है। इनकी तलाश में एसडीआरएफ की 11 टीम जुटी हैं। दो टीम रैणी, चार टीम तपोवन, दो टीम जोशीमठ व तीन टीम श्रीनगर में तलाशी अभियान चला रही हैं। एयरफोर्स के चार हेलीकाप्टरों की भी मदद ली जा रही है।

सोमवार को राहत-बचाव के साथ लापता व्यक्तियों के तलाशी में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान,  आइटीबीपी के  425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें लगी हैं। सुरंग में फंसे करीब 34 लोगों को बचाना बड़ी चुनौती हैं। अभी बचाव दल सुरंग के अंदर 70 मीटर तक पहुचे गये हैं। और  करीब 180 मीटर तक और जाना है। किस तरह से हम सुरंग से मलवा निकाले इसके लिए काम किया जा रहा है। टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया गया है।एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने बताया कि 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग में बचाव अभियान चल रहा है। समस्या मलबे के साथ है, जो धीरे-धीरे साफ हो रही है। 27 लोग जिंदा, 11 मरे, 153 लापता हैं। 153 में से 40-50 सुरंग में फंसे हुए हैं। उत्तराखंड में शेष लोगों के बहने की आशंका है।

हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाई जा रही राशन और मदद

आपदा में सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। डीएम ने कहा कि जब तक यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नहीं हो जाता तब तक हैली सेवा से यहां पर रसद पहुंचाया जायेगा।बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं। यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं। आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है।