उत्तर प्रदेश: प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द ने महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी का किया लोकार्पण

प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद ने शनिवार को महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी का लोकार्पण किया। इससे पहले उन्होंने आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, उनकी बेटी स्वाती कोविन्द, यूपी के गवर्नर आनंदी बेन पटेल, सीएम योगीआदित्यनाथ समेत अन्य उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश: प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द ने महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी का किया लोकार्पण
  • आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास 

गोरखपुर। प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद ने शनिवार को महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी का लोकार्पण किया। इससे पहले उन्होंने आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, उनकी बेटी स्वाती कोविन्द, यूपी के गवर्नर आनंदी बेन पटेल,सीएम योगीआदित्यनाथ समेत अन्य उपस्थित रहे।
प्रसिडेंट रामनाथ कोविंद ने वैदिककाल से प्रतिष्ठित आयुष प्रविधियों की महत्ता को आधुनिक काल में स्थापित करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में आयुष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आयुष यूनिवर्सिटी आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी व सिद्ध के अलग-अलग कॉलेज के सत्र, पाठ्यक्रम, परीक्षा और परिणाम के नियमन तथा इन चिकित्सा पद्धतियों का लाभ आमजन तक और सुलभ कराने का काम करेगा। उन्होंनेकहा कि प्राचीन एवं परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्थापित होने वाला यह विश्वविद्यालय परम्परागत चिकित्सा पद्धति के विकास में मील का पत्थर स्थापित करेगा। पूर्वांचल के लिए गौरव की बात यह होगी कि इस आयुष यूनिवर्सिटी का नाम योग की तमाम विधाओं के प्रणेता महायोगी गोरखनाथ के नाम पर होगा।
वैदिक मंत्रोचार के बीच भूमि पूजन कर रखी आयुष यूनिवर्सिटी की आधारशिला

भटहट के पिपरी में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी के शिलान्यास स्थल पर पहुंचे रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कर आधारशिला रखी। इसके बाद मुख मंच से शिलान्यास पट्टिका का बटन दबाकर अनावरण किया। शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए प्रसिडेंट कोविंद ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने वैदिक काल से ही आरोग्य को सर्वाधिक महत्व दिया है। उनका मानना था कि किसी भी लक्ष्य को साधने के लिए शरीर पहला साधन होता है। योग के माध्यम से सामाजिक जागरण का अलख जगाने वाले महायोगी गोरखनाथ ने कहा है, 'यदे सुखम तद: स्वर्गम, यदे दुखम तद नर्कम'। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने की जो पद्धतियां प्राचीन काल से प्रचलित रही हैं, उन्हें ही सामूहिक रूप में आयुष कहा गया। उन्होंने यह कहते हुए प्रसन्नता जताई कि महायोगी गोरखनाथ के नाम पर आयुष यूनिवर्सिटी  की स्थापना हो रही है और जल्द ही इससे संबद्ध होकर उत्तर प्रदेश में आयुष के सभी संस्थान और बेहतर कार्य कर सकेंगे कोविंद ने कहा कि जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग की उपयोगिता से हम सभी परिचित हैं। भारत का योग यहां की संस्कृति जितना ही प्राचीन है।
पूरी दुनिया अपना रही भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धित को

प्रसिडेंट ने कहा कि शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने के लिए भारत में तमाम प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुष विद्यालयों से इन चिकित्सा पद्धतियों की सुव्यस्थित शिक्षा दी जाती है। दक्षिण में आज तमाम लोग आयुष चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। ऐसे ही प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी  ड़ा माध्यम बनेगा।कोविन्द ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को अपना रही है। इन पद्धतियों को अपनाकर असाध्य रोगों का आसानी से उपचार हो जाता है और जीवन सुखमय हो जाता है। 
पीएम ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर दिलाई पहचान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायी। आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय ने लोगों को आरोग्यता प्रदान करेने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डेढ़ वर्ष में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है। इसमें दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिन्होंने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है। जबकि अपने में वर्षों हर भोज्य पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है।

योगी ने कहा कि देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार के प्रदेश आयुष यूनिवर्सिटी स्थापित करने जा रही है। इस आयुष विश्वविद्यालय का राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के कर कमलों से भूमि पूजन व शिलान्यास हो चुका है। प्रदेश का यह यूनिवर्सिटी प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। 
आयुष यूनिवर्सिटी प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। यह यूनिवर्सिटी 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर भेज चुकी है।