उत्तर प्रदेश: जालौन में थाना प्रभारी मौत मामले में बड़ा एक्शन, महिला सिपाही मीनाक्षी भेजी गयी जेल
जालौन में कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के मामले में आरोपी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दी है। SIT पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। जानिए पूरा मामला।
जालौन। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की रहस्यमयी मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी बनाई गई महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके बाद महिला सिपाही को निलंबित कर दिया गया है, जबकि मामले की जांच अब तीन सदस्यीय एसआईटी (SIT) को सौंप दी गई है।
यह भी पढ़ें:“भारत को अपनी विकास की राह खुद तय करनी होगी” – IIT ISM धनबाद में गौतम अदाणी का बड़ा संदेश
शुक्रवार रात थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत उनकी ही सर्विस पिस्टल से गोली लगने से हो गई थी। गोली चलने की आवाज के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा उनके कमरे से चिल्लाते हुए बाहर निकलती हुई और फिर मौके से फरार हो गई थी। इसके बाद मृतक की पत्नी माया देवी ने मीनाक्षी पर हत्या का सीधा आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
SIT कर रही हर एंगल से जांच
पुलिस ने आरोपी महिला सिपाही को उसी रात हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इसके बाद एसपी जालौन डॉ. दुर्गेश कुमार ने मीनाक्षी शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अब यह पूरा मामला एसआईटी के पास है, जो इस केस की हर एंगल से जांच कर रही है—
प्रेम संबंध
ब्लैकमेलिंग
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR)
मोबाइल चैट
सीसीटीवी फुटेज
अन्य पुलिसकर्मियों से संपर्क
तीन दिन में 100 से ज्यादा कॉल, कई पुलिसकर्मी संपर्क में रही है मीनाक्षी
महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के पास से तीन मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड बरामद हुए हैं। कॉल डिटेल से पता चला है कि सिर्फ 72 घंटे में उसने अरुण कुमार राय को 100 से ज्यादा कॉल किए थे, जिनमें कई व्हाट्सऐप कॉल भी शामिल हैं। इसके अलावा मीनाक्षी के संपर्क में कोंच, नदीगांव, कुठौंद और उरई के कई दारोगा और सिपाही भी थे, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
पहले भी ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप
जांच में यह भी सामने आया है कि महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा पर इससे पहले पीलीभीत और बरेली में भी पुलिसकर्मियों को ब्लैकमेल करने के आरोप लग चुके हैं। पीलीभीत में एक सिपाही से 25 लाख रुपये की मांग किए जाने का मामला भी सामने आ चुका है। इस पूरे नेटवर्क में उसके पिता और भाई की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
एसपी का बयान
एसपी जालौन डॉ. दुर्गेश कुमार ने कहा: “महिला सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही है। हर पहलू की बारीकी से जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।”
परिवार का आरोप: यह आत्महत्या नहीं, हत्या है
मृतक थाना प्रभारी की पत्नी माया देवी ने साफ कहा है कि उनके पति आत्महत्या नहीं कर सकते। उनका कहना है कि जिस रात घटना हुई, उसी रात महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा उनके कमरे से भागते हुए देखी गई थी, इसलिए हत्या की पूरी जिम्मेदार वही है।
अब जांच के ये बड़े सवाल:
क्या यह हत्या है या आत्महत्या को हत्या का रूप दिया गया?
क्या मीनाक्षी के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था?
कितने पुलिसकर्मी इस नेटवर्क से जुड़े थे?
ब्लैकमेलिंग के पुराने मामलों का इस केस से क्या संबंध है?
इन सभी सवालों के जवाब अब एसआईटी की जांच रिपोर्ट में सामने आने की उम्मीद है।
थाना प्रभारी की मौत के बाद ब्लैकमेलिंग का खुलासा, एसआईटी कर रही है जांच
कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की गोली लगने से मौत के बाद उनके संपर्क में रही मीनाक्षी के ब्लैकमेलिंग का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। वर्ष 2022 में पीलीभीत के पूरनपुर थाने में तैनाती के दौरान भी एक सिपाही को प्रेम जाल में फंसाकर उसे ब्लैकमेल किया था। इसके अलावा बरेली और फिर जालौन में उसका यह ब्लैकमेल करने का काम चलता रहा। मीनाक्षी पहले दारोगा, सिपाहियों को अपने जाल में फंसाती थी फिर उनसे मोटी रकम की मांग करती थी।आरोप है कि महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को गलत काम में उसके पिता व भाई भी सहयोग करते थे। रविवार को भी जेल जाते समय मीनाक्षी का उसके पिता ने मनोबल बढ़ाते हुए कहा था कि वह उसे जल्द छुड़वा लेंगे। जिले में भी उसके कई दारोगा, सिपाहियों के साथ जुड़े होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सीडीआर में तीन दिन में 100 से अधिक फोन करने की बात सामने आई है। पूरे मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआइटी कर रही है।
तीन दिन में महिला सिपाही ने की 100 कालें
थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी को हिरासत में लिया था। जिसके पास से तीन मोबाइल व चार सिम मिले थे। जब काल डिटेल निकाली तो उसमें 72 घंटों में 100 से अधिक काल अरुण को कोई गई थीं। जिसमें व्हाट्सअप काल भी शामिल हैं। जिसकी जांच की जा रही है। मीनाक्षी के मोबाइल नंबरों की जांच की गई तो उसमें दारोगा से लेकर कई थानों के सिपाही भी बातचीत करने में शामिल थे। जिसमें कोंच, नदीगांव, कुठौंद व उरई के सिपाहियों के नंबर मिले हैं जिससे कारण जानते हुए पूछताछ हो रही है। हालांकि अभी जानकारी गोपनीय रखी गई है।
जेल जाते समय भी महिला कांस्टेबल को दी धमकी
महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को किसका संरक्षण था और कौन-कौन उससे जुड़ा था। यह सब बिंदु एसआइटी की जांच में खुलेंगे। जेल जाते समय भी एक महिला कांस्टेबल ने मीनाक्षी से कहा था कि सीधे चलो तो भी मीनाक्षी ने अकड़ में जवाब दिया कि मुंह तोड़ दूंगी। ब्रांडेड कपड़े पहनने के साथ महंगे शौक रखने वाली मीनाक्षी की रात जेल में कैसे कटी होगी यह तो वही जान सकती है। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद उनकी हत्यारोपित महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। जिससे कि उस पर सख्त कार्रवाई हो सके।
कई थानाध्यक्ष व दारोगाओं को ब्लैकमेल कर चुकी है मीनाक्षी
महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा कई थानाध्यक्ष व दारोगाओं को ब्लैकमेल कर चुकी है। जिले में भी उसके कई दारोगा व सिपाहियों से संबंध उजागर हो रहे हैं इससे उसे संरक्षण मिलता था इसी कारण वह हर किसी से अभद्रता भी करती थी। सूत्रों ने बताया कि कोंच कोतवाली में मीनाक्षी शर्मा की तैनाती के दौरान तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने ड्यूटी पर जाने के लिए जब उससे कहा तो उसने कहा कि दूसरे महिला सिपाही को भेज दें। इस पर जब उन्होंने उसकी फटकार लगाई तो वह झट से बोली कि आप मुझे जानते नहीं हैं दो मिनट में निपटा दूंगी...। इसके बाद उन्होंने उसकी जमकर फटकार लगाई थी। जिसके बाद मीनाक्षी ने उच्च अधिकारियों से भी झूठी शिकायत की थी।
भाई व पिता भी देते हैं मीनाक्षी को संरक्षण
पीलीभीत में जब मीनाक्षी ने सिपाही मोहित खोखर को प्रेम जाल में फंसा लिया तो उसकी कुछ रिकार्डिंग कर ली थीं। जिसके बाद उसके पिता व भाई ने मोहित को ब्लैकमेल करते 25 लाख की मांग की थी। बाद में सिपाही ने जब अपने घर के लोगों को यह बात बताई तो उनके सहयोग से वह किसी तरह बड़ी मुश्किल से बच सका था।
यह है मामला
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय पांच दिसंबर शुक्रवार की रात लगभग 10 बजे गोली लगने से घायल हो गए थे। थाना प्रभारी अरुण कुमार राय खून से लथपथ हालत में मिले थे। उनकी दायीं कनपटी में गोली लगी थी। उनके कमरे से डायल-112 में कार्यरत महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा चिल्लाते हुए बाहर निकली थीं कि थाना प्रभारी ने गोली मार ली है। उन्हें तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ले जाया गया, जहां से मेडिकल कालेज उरई रेफर किया गया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अरुण कुमार राय मूलरूप से संत कबीर नगर जिले के रहने वाले थे।
मृतक थाना प्रभारी की पत्नी माया देवी ( संत कबीर नगर जिले के घनघटा थाना क्षेत्र के रजनौली गांव की मूल निवासी हैं और गोरखपुर में गोरखधाम मंदिर के पास बी-117 आवास विकास कालोनी विकास नगर विस्तार में रहती हैं) ने मीनाक्षी पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी महिला सिपाही से पूछताछ की लेकिन ज्यादातर सवालों में वह चुप ही रही। खुद का बचाव करते हुए उसने कहा था कि वह जब कमरे पर पहुंची थी इसके पहले फोन से उसकी बात हुई जिस पर कुछ कहासुनी हो गई थी। कमरे में थाना प्रभारी गोली मारने के बाद घायल हालत में पड़े थे यह देख वह घबरा गई और वहां से भाग निकली थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद रविवार को उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मेरठ जिले के थाना फलावदा के ग्राम दांदूपुर निवासी डायल-112 में कार्यरत महिला सिपाही एक सप्ताह से थाना प्रभारी के आवास पर रुकी थी। उसकी तैनाती कोंच में थी। वह 11 दिन से ड्यूटी से गैरहाजिर थी। एएसपी प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि आरोपित सिपाही के बयान दर्ज करने के बाद सभी बिंदुओं पर गहन जांच की जा रही है।






