उत्तर प्रदेश: योगी कैबिनेट से दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन समेत 22 का पत्ता कटा

योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में इस बार में जहां कई नए चेहरे हैं। वहीं, कई दिग्गज का भी पत्ता कट गया है। दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा और आशुतोष टंडन को जगह नहीं मिलना बीजेपी का चौंकाने वाला फैसला है। योगी की पहली सरकार में डॉ दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम थे।

उत्तर प्रदेश: योगी कैबिनेट से दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, आशुतोष टंडन समेत 22 का पत्ता कटा
  • दिनेश शर्मा योगी सरकार के पहले कार्यकाल में थे डिप्टी सीएम 

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में इस बार में जहां कई नए चेहरे हैं। वहीं, कई दिग्गज का भी पत्ता कट गया है। दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा और आशुतोष टंडन को जगह नहीं मिलना बीजेपी का चौंकाने वाला फैसला है। योगी की पहली सरकार में डॉ दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम थे।

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टंडन को योगी कैबिनेट 2.0 में नहीं मिली जगह 

योगी कैबिनेट 2.0 में दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को मौका मिला है। वहीं, केशव प्रसाद मौर्य को इस बार भी डिप्टी सीएम बने हैं। पिथली बार की तरह स्टेट में फिर दो डिप्टी सीएम बनाये गये हैं। आशुतोष टंडन के जिम्मे शहरी विकास, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन शामिल थे। आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल जी मध्य प्रदेश के पूर्व गवर्नर और सीनीयर बीजेपी लीडर लालजी टंडन के बेटे हैं। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में वह लगातार तीसरी बार लखनऊ पूर्व क्षेत्र से जीते। उन्होंने सपा के अनुराग भदौरिया को 49017 वोटों से हराया है। टंडन को योगी कैबिनेट 2.0 में जगह नहीं मिली है। 
दिनेश शर्मा और आशुतोष टंडन के अलावा श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना, नीलकंठ तिवारी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, जयप्रताप सिंह, मोहसिन रजा की छुट्टी हो गयी है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ लोगों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है।महेंद्र सिंह, रामनरेश अग्निहोत्री, जय प्रताप सिंह, नीलिमा कटियार, अशोक कटरिया, श्रीराम चौहान, गुलाब देवी, जय प्रकाश निषाद, जय कुमार सिंह जैकी, अतुल गर्ग, मनोहर लाल मुन्नू कोरी, सुरेश कुमार पासी, अनिल शर्मा, महेश चंद्र गुप्ता, डॉ जीएस धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, चौधरी उदय भान सिंह, रमाशंकर पटेल और अजित पटेल को भीयोगी की नई टीम में जगह नहीं मिली है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी का फोकस मिशन 2024 पर है। इस कारण योगी कैबिनेट 2.0 में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण के साथ पुरानी कैबिनेट में रहे एमएलए का सम्मान भी बरकरार रखा गया है।