Sanchar Sathi APP : हर फोन में संचार साथी ऐप, सरकार बोली-न अनिवार्य… न रखना ज़रूरी, चाहें तो डिलीट कर दें
भारत सरकार ने संचार साथी ऐप को अनिवार्य करने की खबरों पर विराम लगाया। यूजर चाहें तो ऐप डिलीट कर सकते हैं। जानें— फोन चोरी, फर्जी सिम और फ्रॉड रोकने में इसकी पावर।
- संचार साथी एप का असली पावर जानकर हैरान रह जायेंगे
- विपक्ष बोला— ‘जासूसी ऐप’,
- सरकार बोली— ‘सिक्योरिटी के लिए है’;फोन चोरी, फर्जी सिम और साइबर फ्रॉड रोकने में बेहद कारगर
- DoT ने पहले प्री-इंस्टॉल का आदेश दिया था, विपक्ष ने लगाया ‘जासूसी’ का आरोप
नई दिल्ली। संचार साथी ऐप को लेकर देश में जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा बयान देकर तस्वीर साफ कर दी है। सरकार ने कहा है कि यह ऐप फोन में रखना अनिवार्य नहीं है। यूजर चाहे तो इसे डिलीट कर सकते हैं।
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दूरसंचार विभाग (DoT) ने नवंबर में निर्देश दिया था कि भारत में बिकने वाले सभी नए फोन्स में Sanchar Saathi ऐप प्री-इंस्टॉल रहेगा। साथ ही पुराने फोन्स में भी इसे सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए जोड़ा जाना था। विपक्ष ने इसे "जासूसी ऐप" बताते हुए संसद से सड़क तक घमासान छेड़ दिया।अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐप को न रखना भी पूरी तरह यूजर का अधिकार है।
सिंधिया का बड़ा बयान: “न रखना है तो न रखें… हटाना है तो हटा दें”
टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में कहा— “संचार साथी न तो अनिवार्य है, न इसमें कोई जासूसी है। आप चाहें तो एक्टिवेट कीजिए, नहीं चाहें तो मत कीजिए। रखना है तो रखिए, डिलीट करना है तो डिलीट कर दीजिए।” उन्होंने कहा कि यह ऐप नागरिकों को चोरी, ठगी और फर्जी सिम से बचाने के लिए बनाया गया है, न कि नागरिकों की निगरानी के लिए।
विपक्ष का हमला: “जासूसी ऐप है, प्राइवेसी खतरे में”
प्रियंका गांधी ने DoT के निर्देशों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा— “यह जासूसी ऐप है… नागरिकों की प्राइवेसी का अधिकार छीना जा रहा है।” राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर वे संसद में बोलेंगे। विपक्ष ने संसद परिसर में पोस्टर लेकर प्रदर्शन भी किया।
आखिर क्या है संचार साथी ऐप और क्यों इतना विवाद?
संचार साथी ऐप IMEI आधारित सुरक्षा सिस्टम है, जो DoT के CEIR डेटाबेस से जुड़ा है। इसका मकसद नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा देना है। लेकिन अनिवार्य किए जाने की खबरों ने विवाद को जन्म दिया। ऐप को अब पूरी तरह ऑप्शनल कर दिया गया है।
10 पॉइंट में समझिए— संचार साथी ऐप की असली ताकत
IMEI से चोरी हुआ फोन मिनटों में ब्लॉक
फोन चोरी/गुम हो जाए तो ऐप के जरिए तुरंत ब्लॉक कराया जा सकता है।
फोन मिलने पर अन-ब्लॉक भी करा सकते हैं
सेकेंड-हैंड फोन खरीदने वालों के लिए बेस्ट टूल
IMEI डालकर पता चल जाएगा कि फोन—
चोरी का
ब्लैकलिस्टेड
या पूरी तरह वैलिड है।
अपने नाम पर जारी सभी मोबाइल नंबर देखें
कितने नंबर आपकी ID से चल रहे हैं… एक क्लिक में पता चलेगा।
फर्जी सिम कनेक्शन ट्रेस कर खत्म कर सकते हैं
अब तक तीनकरोड़ से ज्यादा फर्जी सिम बंद हुए।
फ्रॉड कॉल, SMS, WhatsApp, Telegram लिंक की रिपोर्ट
फिशिंग, मालवेयर ऐप, क्लोनिंग समेत हर साइबर खतरे की तुरंत शिकायत
अब तक सात लाख से ज्यादा चोरी फोन वापस मिल चुके और 37 लाख ब्लॉक किए गए।
बिना जटिल प्रोसेस— सिर्फ मोबाइल नंबर और OTP से लॉगिन
2023 में वेब पोर्टल, 2025 में ऐप लॉन्च—
5 करोड़+ डाउनलोड**
संसद LIVE: एप को लेकर हंगामा, लोकसभा स्थगित
विपक्ष लगातार इसे “जासूसी कानून” बता रहा है
CJI ने भी लोकहित मामलों में कहा— “घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट नहीं बिछा सकते”
संसद 19 दिसंबर तक सत्र जारी रहेगा
सरकार का अंतिम स्टैंड: अनिवार्य नहीं… सुरक्षा के लिए सुझाव मात्र
सिंधिया बोले— “यह ऐप जनभागीदारी का कदम है। अगर यूजर नहीं रखना चाहता, न रखे… डिलीट करना है, कर दे… रजिस्टर नहीं करेंगे तो एक्टिवेट भी नहीं होगा।”
Sanchar Saathi ऐप
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने भारत में बिकने वाले हर फोन में संचार साथी एप को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए मोबाइल निर्माता कंपनियों को 90 दिन की डेडलाइन दी गई है। सरकार का कहना है कि ये कदम साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है, लेकिन विपक्ष इसे नागरिकों के फोन पर नजर रखने का तरीका बता रहा है। अभी संचार साथी एप डाउनलोड करना पूरी तरह ऑप्शनल है। इसे गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। लेकिन सरकार इसे अनिवार्य बनाना चाहती है। अगर आप इस एप के फायदे सुनेंगे, तो चौंक जाएंगे। एप इंस्टॉल करने के बाद आपको न तो साइबर फ्रॉड
संचार साथी ऐप की खासियत
संचार साथी 2023 में एक वेब पोर्टल के रूप में लॉन्च हुआ था। पोर्टल को मिले बेहतर रिस्पॉन्स के बाद 17 जनवरी 2025 को इसका एप लॉन्च कर दिया गया। एप को भी लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुछ ही समय में इसके पांच करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हो गये। एप ओपन करने पर आपको मोबाइल नंबर और ओटीपी के जरिए लॉगिन करना होता है। ये एप आपके IMEI को DoT की CEIR सिस्टम से मैच करता है। इसके जरिए चेक किया जा सकता है कि फोन चोरी का तो नहीं है।
CEIR एक सेंट्रल डेटाबेस हैं। इस वक्त देश में जितने भी फोन हैं, सभी का IMEI नंबर CEIR पर रजिस्टर है। संचार साथी भी CEIR के सर्वर के कनेक्ट है। इस कारण फोन से जुड़ी कोई भी गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ जाती है। अगर कभी आपका फोन चोरी हो जाए, संचार साथी एप के जरिए आप उसे तुरंत ही बंद करवा सकते हैं। इससे आपका डेटा और पैसे सब कुछ सुरक्षित रहता है।कई बार आपको अलग-अलग नंबरों से फोन आते हैं, जिसमें कोई बैंक कर्मचारी, कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आपको ठगने की कोशिश करता है। इन ठगी वाले नंबरों की शिकायत तुरंत संचार साथी एप पर की जा सकती है।
सेकेंड हैंड फोन खरीदने वालों के लिए भी संचार साथी एप कमाल का है। जो भी सेकेंड हैंड फोन आप खरीद रहे हैं, उसका IMEI नंबर इस एप पर डालें और यह तुरंत बता देगा कि फोन चोरी का है या ब्लैकलिस्टेड है या वैलिड है।कई बार दूसरे लोग भी आपकी आईडी पर सिम निकलवा लेते हैं और आपको पता भी नहीं चलता। संचार साथी एप से अब तक 3 करोड से ज्यादा फर्जी सिम कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं।संचार साथी एप के कारण ही अब तक सातलाख से ज्यादा चोरी या खोए हुए फोन वापस मिल चुके हैं। इतना ही नहीं, करीब 37 लाख फोन को ब्लॉक भी किया जा चुका है। सरकार का निर्देश है कि देश में बिकने वाले हर फोन में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल रहे। कोई भी यूजर इस एप को डिसेबल नहीं कर सकता। पुराने फोन में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इस एप को इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है। रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है।'






