साहिबगंज: देबू तुरी की मौत मामले में पुलिसकर्मियों पर हो मर्डर की FIR : बाबूलाल

एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने दलित उत्पीड़न को लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साथा है। मरांडी ने मंगलवार को तालझारी पुलिस कस्टडी में मृत दलित देबु तुरी के परिजनों से मुलाकात की। लोगों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मर्डर की FIR दर्ज किया जाना चाहिए। मौके पर एक्स मिनिस्टर अमर कुमार बाउरी व एमएलए अनंत ओझा भी समेत अन्य उपस्थित थे।

साहिबगंज: देबू तुरी की मौत मामले में पुलिसकर्मियों पर हो मर्डर की FIR : बाबूलाल
  • CM हेमंत सोरेन पर साधा निशाना

साहिबगंज। एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने दलित उत्पीड़न को लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साथा है। मरांडी ने मंगलवार को तालझारी पुलिस कस्टडी में मृत दलित देबु तुरी के परिजनों से मुलाकात की। लोगों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मर्डर की FIR दर्ज किया जाना चाहिए। मौके पर एक्स मिनिस्टर अमर कुमार बाउरी व एमएलए अनंत ओझा समेत अन्य उपस्थित थे।

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हेमंत सोरेन के शासन में दलित और आदिवासी सुरक्षित नहीं

बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मामले की जांच तो होती रहेगी परंतु सबसे पहले इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी निरंजन कच्छप, एसआइ राकेश कुमार सहित घटना के दिन ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों पर मर्डर का का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। एमएलए अनंत ओझा ने इसे विधानसभा में भी उठाया है। जब तक पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिल जाता तब तक बीजेपी चुप नहीं रहेगी। कहा कि रक्षक ही भक्षक बन जाय तो जनता किससे अपनी रक्षा की आशा करेगी।झारखंड में दलित और आदिवासी उत्पीड़न बढ़ा है। सीएम हेमंत सोरेन के शासन में दलित और आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं।

पुलिस ने बंद कमरे में की पिटाई

बाबूलाल ने मृतक देबू तुरी के परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली। पूछताछ के क्रम में देबू तुरी के चाचा शिबू तुरी ने उनलोगों को बताया है कि 20 फरवरी की रात घर के समीप होंडा शोरूम में कथित तौर पर लूट हुई। इस मामले में देबू तुरी को तालझारी पुलिस 21 फरवरी की शाम उठाकर ले गई । लूटे गये पैसे को लौटाने के लिए कहा। उसे बहुत पीटा गया था। पहले एसआइ राकेश कुमार ने पिटाई की। उस समय थाना प्रभारी निरंजन कच्छप छुट्टीपर थे। राकेश कुमार ने तीन दिन तक लगातार थाने में रखा और पिटाई की। 24 फरवरी को थाना प्रभारी निरंजन कच्छप आये तो उन्हें लगभग शाम को पांच बजे बुलाया। कहा कि लूटी गई राशि को वापस कर दो अन्यथा बहुत बुरा होगा। इस दौरान उसे एक कमरे में बंद कर पीटा जा रहा था। 

पुलिस पिटाई से हुई देबू की मौत
कमरे से देबू तुरी के जोर जोर से चिल्लाने व रोने की आवाज निकल रही थी। देबू के अलावे जान हेंब्रम नामक एक अन्य युवक को भी पुलिस उक्त मामले में उठाकर लाया था। उसे भी काफी पीटा गया। वे उस रात वहीं पुलिस स्टेशन में ही सो गए। पुलिस उसे आधी रात को घर पहुंचाने की बात कहकर पुलिस वाहन में बैठाकर साहिबगंज सदर अस्पताल ले गये। वहां उनका भतीजा देबू तुरी मरा हुआ मिला। भतीजा की बॉडी देख वे रोने लगे और काफी डर गये थे। पुलिस ने पीट पीटकर मेरे भतीजा को मार दिया। पिटाई की वजह से जान हेंब्रम के पैरों में अब भी दर्द है। चलने में दिक्कतें होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस की मार से वे मानसिक संतुलन खो दिए है। कुछ भी समझ नहीं आ रहा है।घटना के शाम को भी देबू तुरी के साथ उन्हें भी पीटा गया था। उसके मरने की बात सुनकर मौका मिलते ही वे थाना से भाग गये क्योंकि उन्हें भी डर हो गया था कि कहीं देबू तुरी की तरह उसे भी न मार दिया जाय।