सचिन वाझे ही हैं CCTV में पीपीई किट पहने दिखने वाले व्यक्ति!,मर्सिडीज से मिला स्कॉर्पियो का नंबर प्लेट, पांच लाख कैश,नोट गिनने वाली मशीन बरामद

इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी स्कार्पियो मिलने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एनआइए पूछताछ में मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाझे ने पूछताछ में बताया कि सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट पहने जो शख्स नजर आ रहा है, वह और कोई नहीं, वह खुद थे।

सचिन वाझे ही हैं CCTV में पीपीई किट पहने दिखने वाले व्यक्ति!,मर्सिडीज से मिला स्कॉर्पियो का नंबर प्लेट, पांच लाख कैश,नोट गिनने वाली मशीन बरामद

मुंबई। इंडस्ट्रलिस्ट मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी स्कार्पियो मिलने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एनआइए पूछताछ में मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाझे ने पूछताछ में बताया कि सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट पहने जो शख्स नजर आ रहा है, वह और कोई नहीं, वह खुद थे। उन्होंने यह भी बताया कि पीपीई किट को उन्होंने ही नष्ट कर दिया था।हलांकि एनआइए की ओर से इसकी ऑफिसियल पुष्टि नहीं हो पायी है। 
पीपीई किट के भीतर वझे ने जो कपड़े पहने थे, एनआइ ने वह भी बरामद कर गया है। एनआईए सोर्सेज का कहना है कि एक काले रंग की मर्सीडीज वेंज जब्त की गयी है। इसमें स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट, पांच लाख से ज्यादा कैश, एक नोट गिनने वाली मशीन और कुछ कपड़े बरामद किये गये हैं। इस कार का इस्तेमाल सचिन वाझे करते थे लेकिन यह किसकी है, इसकी जांच की जा रही है।
सीसीटीवी में दिखा था पीपीई किट पहने संदिग्ध
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास 25 फरवरी को जिस स्कॉर्पियो से विस्फोटक मिला था, उसके पास एक संदिग्ध व्यक्ति पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई पहनकर घूम रहा था। मुंबई पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह खुलासा किया था। ऐसे कयास लगाये गये कि यही व्यक्ति स्कॉर्पियो में विस्फोटक रखने के बाद वहां से गुजर रही एक इनोवा कार में बैठकर निकल गया।  

सचिन वाझे हो चुके हैं सस्पेंड
उक्त केस में अरेस्ट किये जाने के बाद मुंबई पुलिस ने  सचिन वाझे को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले इस केस में हुए कई खुलासों से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी। 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन भरी स्कॉपियो कार खड़ी करने के बाद कार का ड्राइवर बाद में जिस इनोवा गाड़ी में बैठा, वह इनोवा मुंबई क्राइम ब्रांच की निकली।

एनआइए ने खंगाला सचिन वझे के ऑफिस से मोबाइल, लैपटाप और आइपैड किया जब्त
एनआइए ने मंगलवार को एपीआइ सचिन वझे की ऑफिस में सर्च की।  एनआइए ने वहां मिले दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक उपकरण अपने कब्जे में ले लिए। बरामद सामान में सचिन के मोबाइल फोन, लैपटाप और आइपैड भी शामिल हैं। इन उपकरणों से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। 

नुंबई की एक कोर्ट ने सचिन वझे द्वारा अपनी गिरफ्तारी को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है सचिन वझे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले तक वझे मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआइयू) में तैनात था। उसका ऑफिस मुंबई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस के कैंपस में स्थित है। एनआइए ने सोमवार शाम को उसके दफ्तर में छापा मारकर कागजात, मोबाइल, लैपटाप व आइपैड जब्त कर लिए। एनआइए ने लगातार तीसरे दिन सीआइयू के सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) रियाजुद्दीन काजी से भी पूछताछ की। काजी ने ही वझे की सोसायटी से सीसीटीवी का डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) हासिल किया था। एनआइए को शक है कि यह डीवीआर वझे के खिलाफ सुबूत नष्ट करने के इरादे से हासिल की गई थी। उल्लेखनीय है विस्फोटक समेत मिली स्कार्पियो वजे की ही सोसायटी में कई दिन तक खड़ी रही थी। इस मामले में व्यापारी मनसुख हिरन की वाइफ ने कहा है कि इस स्कार्पियो का इस्तेमाल वझे ही कर रहा था। पुलिस का यह भी दावा है कि काजी ने ही इनोवा के लिए फर्जी नंबर प्लेट का जुगाड़ किया। 

सचिन वझे की 'फॉरेंसिक पोडिएट्री' करा सकती है एनआइए
एनआइए उक्त मामले के संदिग्ध आरोपित एपीआइ सचिन वझे की 'फॉरेंसिक पोडिएट्री' जांच कर सकती है। उल्लेखनीय है 25 फरवरी को तड़के इनोवा गाड़ी से उतर कर पीपीई किट पहने एक व्यक्ति को विस्फोटक लदी स्कार्पियो के पास जाते देखा गया था। इसकी रिकार्डिग एनआइए के पास मौजूद है। पीपीई किट पहने व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट नहीं है। फारेंसिक पोडिएट्री में संदिग्ध अपराधी के फोटो या सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसके चलने के तरीके का अध्ययन कर निष्कर्ष निकाला जाता है। फुटेज में क्रिमिनल के चलने के ढंग से हम उन लोगों के पैर की नाप, लंबाई और अन्य शारीरिक बनावट को बारीकी से देखी जाती है। जिन पर शक होता है। दोनों स्थितियों के पैटर्न का मिलान कर ही कोई निष्कर्ष निकाला जाता है। फारेंसिक पोडिएट्री विधा ब्रिटेन सहित कई देशों में व्यापक रूप से का इस्तेमाल की जा रहा है।