झारखंड सरकार और डीजीपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, आरोप- रिटायर होने के बाद भी पोस्टेड हैं डीजीपी

सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट और स्टेट के डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में नया आवेदन दाखिल किया गया है। दिल्ली एडिशन के दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट और के डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ दायर याचिका की शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि डीजीपी रिटायर होने की तिथि 31 जनवरी के बाद पद पर बने हुए हैं। यह पूरी तरह से अवैधानिक है।

झारखंड सरकार और डीजीपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, आरोप- रिटायर होने के बाद भी पोस्टेड हैं डीजीपी

16 जुलाई 2021 को ही नोटिफकेशन जारी कर 11 फरवरी 2023 तक के लिए दिया गया है सेवा विस्तार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट और स्टेट के डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में नया आवेदन दाखिल किया गया है। दिल्ली एडिशन के दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में झारखंड गवर्नमेंट और के डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ दायर याचिका की शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि डीजीपी रिटायर होने की तिथि 31 जनवरी के बाद पद पर बने हुए हैं। यह पूरी तरह से अवैधानिक है।

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याचिकाकर्ता राजेश कुमार ने कहा है कि झारखंड में मौजूदा व्यवस्था सिर्फ कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।  उसने तीन सितंबर 2021 को जल्द सुनवाई के अनुरोध के साथ अरजी दी थी, लेकिन उस पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। इससे पहले भी इसी तरह के एक अन्य मामले में 14 जुलाई 2021 को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने झारखंड गवर्नमेंट के सीनीयर अफसरों और डीजीपी नीरज सिन्हा को पक्ष बनाते हुए उनसे मामले में जवाब मांगा था। नये आवेदन में कहा गया है कि स्टेट गवर्नमेंट, डीजीपी और अन्य अफसर  कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। 31 जनवरी को रिटायर होने वाले नीरज सिन्हा को डीजीपी के पद पर बनाये रखा गया है।

16 जुलाई 2021 को ही नोटिफकेशन जारी कर 11 फरवरी 2023 तक के लिए दिया गया है सेवा विस्तार

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने उन्हें विगत वर्ष 16 जुलाई को नोटिफकेशन जारी कर 11 फरवरी 2023 तक के लिए सेवा विस्तार दिया था। नीरज सिन्हा अपने पद पर 31 जनवरी के बाद भी बने रहेंगे। इस संबंध में स्टेट गवर्नमेंट ने सेंट्रल को भी अवगत करा दिया है।स्टेट गवर्नमेंट ने नोटिफिकेशन में इस बात का भी उल्लेख किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए ऐसा किया गया है। यही वजह है कि डीजीपी नीरज सिन्हा की रिटायरमेंट व नये डीजीपी को लेकर सरकार व विभाग के स्तर पर न कोई हलचल है और न हीं कोई गतिविधि चल रही है।

1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं डीजीपी

झारखंड कैडर के 1987 बैच के आइपीएस अफसर नीरज सिन्हा को झारखंड के डीजीपी के पद पर 11 फरवरी 2021 को पदस्थापित किया गया था। वे 31 जनवरी 2022 को रिटायर होने वाले थे। इस प्रकार अब उन्हें एक साल का एक्सटेंशन मिल गया है।होम डिपार्टमेंट से जारी नोटिफिकेशन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया था। प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार व अन्य के मामले में दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2006 को आदेश दिया था कि किसी भी राज्य के डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होगा। इसके लिए UPSC से एक इंपैनलमेंट समिति जिन तीन आइपीएस अफसर का नाम राज्य सरकार को भेजेगी, उन्हीं में से एक नाम को डीजीपी बनाया जायेगा। आइपीएस अफसर नीरज सिन्हा को इसी प्रविधान के तहत डीजीपी बनाया गया था।