ड्रोन से झारखंड में पहुंच रहे पाकिस्तान के हथियार! बाबूलाल मरांडी बोले- हाई लेवल जांच करायें सीएम
झारखंड में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियार पहुंचने का सनसनीखेज खुलासा! नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कहा—पुलिस की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा नेटवर्क संभव नहीं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

रांची। झारखंड में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि राजधानी रांची में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियार और गोलियां मंगाकर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।
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रांची में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार और गोलियां मंगा कर अपराध किए जा रहे हैं। ये हथियार पंजाब के मोगा के रास्ते भारत लाए जा रहे हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल रांची समेत देश के कई हिस्सों में बड़े कारोबारियों, पूंजीपतियों और व्यवसायियों को डराकर रंगदारी वसूली के लिए किया जा…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 23, 2025
उन्होंने कहा कि इन हथियारों को पंजाब के मोगा जिले के रास्ते भारत में प्रवेश कराया जा रहा है, और फिर उन्हें झारखंड, बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों में भेजा जा रहा है। मरांडी ने आरोप लगाया कि इन हथियारों का इस्तेमाल व्यवसायियों और पूंजीपतियों से रंगदारी वसूलने के लिए किया जा रहा है। यह सबकुछ राज्य की खुफिया और पुलिस व्यवस्था की नाकामी को दर्शाता है।
व्यवसायी वर्ग में दहशत, रंगदारी से त्रस्त लोग
मरांडी ने कहा कि पूरे झारखंड में रंगदारी और वसूली का आतंक फैला हुआ है। धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर और रांची जैसे औद्योगिक इलाकों में व्यापारी असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं। “स्थिति इतनी भयावह है कि ठेले-खोमचे वालों से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक से खुलेआम वसूली की जा रही है,” — मरांडी ने कहा। कई कारोबारी अपने प्रतिष्ठानों से मोबाइल नंबर हटा चुके हैं ताकि अपराधियों के संपर्क में न आएं। कुछ व्यापारी भय के कारण राज्य छोड़ने तक को मजबूर हो गये हैं।
पुलिस की भूमिका पर सवाल, DGP पर गंभीर आरोप
मरांडी ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जब इतनी बड़ी मात्रा में हथियार राज्य में घुस रहे थे, तब पुलिस को भनक क्यों नहीं लगी? उन्होंने यहां तक कहा कि— “क्या पुलिस खुद इस गिरोह से वसूली में हिस्सा ले रही है? जिस DGP का उद्देश्य वसूली हो, उसकी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।”उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह झारखंड की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा
मरांडी के बयान से झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है. विपक्ष ने इसे राज्य की सुरक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी नाकामी बताया है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला अगर सही साबित होता है, तो राज्य सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकता है।