आतंकी फंडिंग पर पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका,अभी FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा, आर्थिक हालत को होगा और नुकसान

पाकिस्तान को अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को संरक्षण देने के कारण शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला किया गया है कि पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में रहेगा।

आतंकी फंडिंग पर पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका,अभी FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा, आर्थिक हालत को होगा और नुकसान
  • पाकिस्तान ने 27 में से 26 बिंदुओं पर काम पूरा किया

इस्लामाबाद। पाकिस्तान को अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को संरक्षण देने के कारण शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला किया गया है कि पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में रहेगा। आर्थिक तंगी का  सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ा नुकसान माना जा रहा है। 

FATF की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने 27 कार्य बिंदुओं में से अबतक केवल 26 को ही पूरा किया है। पाकिस्तान को एफएटीएफ के शेष बचे एक बिंदु को लागू करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने और लगेंगे। एफएटीएफ अध्यक्ष मार्कस प्लीयर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पाकिस्तान विफल रहा है। इसलिए अभी ग्रे विस्ट में बरकरार रखा गया है।

एफएटीएफ ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे को रोकने में विफल रही है। पाकिस्तान ने 27 पॉइंट वाले एक्शन प्लान के 26 पॉइंट पर काम किया, लेकिन एक अहम बिंदु जिसपर पर उसे अभी काम करने की जरूरत है, वह है संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध आतंकी समूहों के बड़े दहशतगर्दों के खिलाफ जांच और सजा देना। ऐसेमें अभी पाकिस्तान को सख्त निगरानी में रखा गया है।

पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया अजहर मसूद, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक और इसका ऑपरेशनल कमांडर जकिउर रहमान लखवी, जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों को पाकिस्तान में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। ये तीनों बड़े आतंकवादी संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आतंकियों की लिस्ट में हैं। भारत के लिए भी मोस्ट वांटेड हैं। ये आतंकी 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के अलावा, जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में हुई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।
पाकिस्तान को लगभग 38 अरब का नुकसान
पाकिस्तान को इसके कारण लगभग 38 अरब डॉलर (27,52,76,18,00,000 रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है। इस्लामाबाद स्थित तबादलाब नाम के स्वतंत्र थिंक-टैंक तबादलाब ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 2008 से 2019 तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने के कारण 38 अरब डॉलर के जीडीपी का नुकसान हुआ है।
ग्लोबल मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फंडिंग वॉचडॉग है FATF
FATF ग्लोबल मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फंडिंग वॉचडॉग है। कई सरकारों के बीच काम करने वाले संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मानक तय कर रखे हैं ताकि अवैध गतिविधियां रोकी जा सकें और समाज को जो नुकसान हो रहा है उससे बचा जा सके। वैश्विक वित्तीय व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए 1989 में FATF का गठन किया गया था। इसके 39 सदस्य हैं। इसमें 37 देश और दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। नीतियां बनाने वाला संगठन सरकारों को राष्ट्रीय कानून और रेग्युलेटरी रिफॉर्म्स लाने के लिए प्रेरित करता है।

यह करता है FATF
FATF ने मानक बनाये हैं जिनसे यह सुनिश्चित किया जाता है कि संगठित अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर सहयोग के साथ प्रतिक्रिया दी जाए। इसकी मदद से अथॉरिटीज अवैध नशीले पदार्थों, देह तस्करी जैसे कारोबार से जुड़े अपराधियों के पैसे को ट्रैक करती हैं। FATF बड़े स्तर पर बर्बादी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की फंडिंग रोकने के लिए भी काम करता है।FATF मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फाइनैंसिंग तकनीकों को रिव्यू करता है और लगातार नये मानक बनाता है जिससे नए खतरों से निपटा जा सके। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि इन मानकों का पालन किया जाए और ऐसे देशों की जिम्मेदारी भी तय करता है जो मानकों का पालन नहीं करते हैं।