झारखंड कांग्रेस में अब बढ़ेगी उमंग सिंघार का रोल, डा. अजय कुमार का भी कद बढ़ेगा

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी सह एमपी के एमएलए उमंग सिंघार अब वापस फुल फॉर्म में संगठन का काम करना शुरू करेंगे। पार्टी के पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह से अच्छे संबंध नहीं होने के कारण वह सरकार बनने के बाद से अब तक महज एक बार अधिकृत तौर पर झारखंड पहुंचे थे। नये प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय अपने साथ उमंग सिंघार को लेकर आये हैं।

झारखंड कांग्रेस में अब बढ़ेगी उमंग सिंघार का रोल, डा. अजय कुमार का भी कद बढ़ेगा

रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी सह एमपी के एमएलए उमंग सिंघार अब वापस फुल फॉर्म में संगठन का काम करना शुरू करेंगे। पार्टी के पूर्व प्रभारी आरपीएन सिंह से अच्छे संबंध नहीं होने के कारण वह सरकार बनने के बाद से अब तक महज एक बार अधिकृत तौर पर झारखंड पहुंचे थे। नये प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय अपने साथ उमंग सिंघार को लेकर आये हैं।

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नये प्रभारी चाहते हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कांग्रेस की दूसरी पंक्ति कहां से शुरू होती है और उसमें कौन लोग हैं। कांग्रेस की दूसरी पंक्ति में उन नेताओं को भी शामिल किया जायेगा जो पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वे लोग भी शामिल होंगे जो झारखंड से लेकर सेंट्रल तक में प्रदेश कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐसे महत्वपूर्ण लोगों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, प्रदीप कुमार बलमुचु, सुबोध कांत सहाय, फुरकान अंसारी जैसे नेता शामिल है। खास बात यह है कि आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद आलाकमान के इर्द-गिर्द सक्रिय लोगों ने अपनी पैठ जमा ली है। ऐसे लोगों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार अगली पंक्ति में शामिल है।

सुखदेव भगत एवं प्रदीप कुमार बलमुचु की होगी वापसी
झारखंड कांग्रेस के प्रसिडेंट रह चुके अजय कुमार राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक हैं। दुबारा पार्टी में शामिल होने पर अजय कुमार त्रिपुरा व नागालैंड का प्रभारी बनाया गया है। डॉ अजय लंबे समय से पुराने कांग्रेसियों की वापसी के लिए रास्ता खोलने की मांग करते रहे हैं। उनके कहने पर ही सुखदेव भगत एवं प्रदीप कुमार बलमुचु को नई दिल्ली बुलाया गया है। दोनों नेता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने के बाद शनिवार को वापस रांची आये हैं। दोनोे की वापसी की घोषणा कभी भी हो सकती है। हलांकि राज्यसभा एमपी धीरप साहू व मिनिस्टर रामेश्वर उरांव सुखदे‍व की वापसी का अंदरखाने में विरोध कर रहे हैं। 
सह प्रभारी उमंग सिंघार की कांग्रेस में रोल और एक्टिविटी बढ़ेगी
कांग्रेस सोर्सेज के अनुसार अब झारखंड कांग्रेस में सह प्रभारी उमंग सिंघार की रोल व एक्टिविटी बढ़ेगी। मूल रूप से संगठन का कार्यकर्ता होने की छवि रखने वाले उमंग आदिवासी इलाकों में अधिक कारगर हो सकते हैं। इसी कारण से उन्हें झारखंड में लगाया गया था। लेकिन पूर्व प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह से अनबन के कारण झारखंड से दूर ही रह रहे थे। उमंग के साथ साथ उन कांग्रेसियों के लिए भी अच्छी खबर है जिन्हें आरपीएन के कार्यकाल में दरकिनार करके रखा गया था। ऐसे नेताओं में सुबोध कांत सहाय, फुरकान अंसारी और अन्य सीनीयर लीडर भी शामिल है।

अजय कुमार की भूमिका बढ़ेगी

नये प्रभारी अविनाष पांडेय के आने के बाद  यहबात भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि अब झारखंड में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार रोल बढ़ेगा।  विभिन्न मुद्दों पर उनका हस्तक्षेप भी होगा। लंबे समय से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचु को पार्टी में एंट्री नहीं दी जा रही थी। इन दोनों नेताओं के पैरवीकार अजय कुमार ही माने जा रहे हैं। आरपीएन सिंह के चले जाने से राहुल-प्रियंका की कोर टीम में अजय कुमार और मजबूत जगह बनाने में सफल हुए हैं। इसका असर झारखंड कांग्रेस पर भी दिखेगा। कुछ लोग यह मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश प्रभारी के इस दौरे की समाप्ति तक कुछ नये लोगों को कांग्रेस में शामिल करा कर यह संकेत दे दिया जाए कि कांग्रेस तोड़फोड़ की राजनीति से बहुत संकट में नहीं है।