Jharkhand: झारखंड में अब बचे सिर्फ तीन एक करोड़ के इनामी नक्सली, लाल आतंक का अंत करीब

हजारीबाग एनकाउंटर के बाद झारखंड में अब सिर्फ तीन बड़े माओवादी ही बचे हैं। लाल आतंक का गढ़ झुमरा-लुगु पहाड़ नक्सल मुक्त घोषित। सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि।

Jharkhand: झारखंड में अब बचे सिर्फ तीन एक करोड़ के इनामी नक्सली, लाल आतंक का अंत करीब
सहदेव सोरेन उर्फ अनुज (फाइल फोटो)।
  • हजारीबाग एनकाउंटर बड़ी सफलता
  • सुरक्षा बलों का ऑपरेशन सफल
  • नक्सलियों के गढ़ झुमरा-लुगु पहाड़ से खत्म हुआ खौ
  • तीन दशक की नक्सली हिंसा का अंत?

रांची। झारखंड लगभग तीन दशकों तक नक्सली हिंसा का शिकार रहा है। आदिवासी बहुल स्टेट में अब 'लाल आतंक' अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। ऑपरेशन चूना पत्थर के दौरान हजारीबाग में सोमवार को तीन बड़े नक्सलियों के मारे जाने के बाद अब राज्य में मात्र तीन खूंखार नक्सली बच गये हैं।
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हजारीबाग में एक रोड़ के इनामी सहदेव सोरेन के मारे जाने के बाद अब झारखंड में एक करोड़ के इनामी माओवादी मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल उर्फ सागर,असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर तथा अनल उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ रमेश ही बचा है। 
छह माह में मारा गया एक करोड़ का दूसरा इनामी माओवादी
झारखंड में छह महीने के भीतर यह दूसरी बड़ी एनकाउंटर है, जिसमें एक करोड़ का इनामी दूसरा माओवादी मर गया है। इसके पहले सुरक्षा बलों ने 21 अप्रैल को बोकारो जिले में एक करोड़ के इनामी माओवादी विवेक उर्फ प्रयाग मांझी सहित आठ माओवादियों को एनकाउंटर मार गिराया था। बोकारो के ललपनिया स्थित लुगुबुरु पहाड़ी की तलहट्टी में एनकाउंटर हुई थी। इसके छह महीने का भीतर सहदेव सोरेन भी एनकाउंटर में मारा गया है।
हजारीबाग में एनकाउंटर में मारा गया एक करोड़ का इनामी माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य एक करोड़ रुपये का इनामी सहदेव सोरेन उर्फ अनुज उर्फ प्रवेश उर्फ अमलेश हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ पुलिस स्टेशन एरिया के मंदेरी गांव का रहने वाला था। माओवादी संगठन में वह केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। झारखंड सरकार ने उसपर एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा था।एनकाउंटर में मारा गया दूसरा माआवेादी रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ शिबू मांझी उर्फ निर्भय उर्फ बिरसेन उर्फ चंचल था। वह माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) सदस्य था। उसपर राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। रघुनाथ हेम्ब्रम मूल रूप से झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी पुलिस स्टेशन एरिया के जरीडीह का रहने वाला था।
सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मारा गया तीसरा नक्सली बिरसेन गंझू उर्फ खेलावन (पिता-सोमर गंझू, ग्राम बकचुंबा, प्रखंड केरेडारी, जिला हजारीबाग) का रहने वाला था। बिरसेन पर सरकार ने 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस से बचने के लिए तीनों नक्सलियोंने पिछले 10-15 दिनों से पांतितीरी गांव में डेरा डाल रखा था।
झुमरा -लुगु का पहाड़ नक्सलमुक्त 
हजारीबाग में ऑपरेशन के बाद झारखंड के आईजी ऑपरेशंस माइकल राज एस ने कहा कि सारंडा को छोड़कर राज्य के सभी इलाके नक्सल मुक्त हो चुके हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का टारगेट रखा है।आईजी माइकल राज एस ने कहाकि  इस एनकाउंटर के बाद बोकारो के झुमरा, लुगु पहाड़ और गिरिडीह के पारसनाथ में कोई भी नक्सली बचा नहीं है। अब इस क्षेत्र में कोई भी नक्सली नहीं है। हम इन क्षेत्रों को नक्सल मुक्त कह सकते हैं। इस टीम के 15 नक्सली अलग-अलग एनकाउंटर में मारे गये। कई ने सरेंडर किया। इस साल दूसरा सीसी मेंबर मारा गया है।’
एक पोलित ब्यूरो और दो सीसी मेंबर ही बचे
आईजी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि झारखंड में अब केवल एक पोलित ब्यूरो सदस्य और दो सीसी सदस्य बच गये हैं। वे सारांडा में रहते हैं। इनके अलावा राज्य में कोई भी बड़ा नक्सली बचा नहीं है। यह झारखंड के लिए। बहुत बड़ी उपलब्धि है। पारसनाथ हिल, झुमरा और लुगु पहाड़ बहुत लंबे समय से नक्सल प्रभावित था।