नई दिल्ली: सेंट्रल मिनिस्टर पीयूष गोयल होंगे राज्यसभा में सदन के लीडर

सेंट्रल वाणिज्य मिनिस्टर व सीनीयर बीजेपी लीडर पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का गवर्नर बनाये जाने के बाद सदन का नेता पद खाली था। उनको राज्यपाल बनाए जाने के बाद पीयूष गोयल अब राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। 

नई दिल्ली: सेंट्रल मिनिस्टर पीयूष गोयल होंगे राज्यसभा में सदन के लीडर
  • थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का गवर्नर बनाये जाने के बाद गोयल को मिली जिम्मेवारी

नई दिल्ली। सेंट्रल वाणिज्य मिनिस्टर व सीनीयर बीजेपी लीडर पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का गवर्नर बनाये जाने के बाद सदन का नेता पद खाली था। उनको राज्यपाल बनाए जाने के बाद पीयूष गोयल अब राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। 
पीयूष गोयल के पास उपभोक्ता एवं खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय व टेक्सटाइल मिनिस्ट्री का प्रभार है। संसद का मॉनसून सेशन 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा।पीयूष गोयल से पहले राज्यसभा में नेता सदन का ओहदा पूर्व सामाजिक एवं न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत के पास था, उन्हें अब कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। उनसे पहले दिवंगत अरुण जेटली के पास यह अहम जिम्मेदारी थी। ऐसे में यह पीयूष गोयल का यह संसदीय राजनीति में बड़ा प्रमोशन है। पीयूष गोयल को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी मिनिस्टरों में शुमार किया जाता है। 
संसद के मॉनसून सत्र के 19 जुलाई को शुरू होने से पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। यह बैठक 18 जुलाई को होने वाली है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से विपक्षी दलों से सदन के सुचारू रूप से संचालन की अपील की जायेगी। संसद का मॉनसून सेशन कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा। इन 19 दिनों में मोदी सरकार ने संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी है। इनमें से 17 विधेयक नये हैं। शेष संशोधन बिल हैं।
मानसून सत्र के लिए रणनीति पर बीजेपी नेताओं ने की चर्चा
बीजेपी प्रसिडेंट जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तथा केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक की। बैठक में संसद के आगामी मानसून सत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा व विपक्ष का मुकाबला करने को लेकर पार्टी की रणनीति बनायी गयी। सूत्रों ने बताया कि बैठक राजनाथ सिंह के आवास पर हुई यह बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली।बैठक में  धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मुख्तार अब्बास नकवी तथा केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन सहित अन्य मंत्री बैठक में उपस्थित थे।