नई दिल्ली: आर्थिक परेशानियों के कारण छात्रा  ऐश्वर्या की सुसाइड, सुसाइड नोट में उल्लेख की है परेशानी

दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा ऐश्वर्या ने आर्तिक परेशानियों के चलते सुसाइड की थी। तीन नवंबर को सुसाइड से पहले लिखे गए सुसाइड नोट ने छात्रा की अपनी आर्थिक बेबसी का उल्लेख किया है।

नई दिल्ली: आर्थिक परेशानियों के कारण छात्रा  ऐश्वर्या की सुसाइड, सुसाइड नोट में उल्लेख की है परेशानी
ऐश्वर्या (फइल फोटो)।
  • सुसाइट नोट के अनुसार ऐश्वर्या पढ़ना चाहती थी लेकिन आर्थिक दिक्कत के चलते लैपटॉप लेने में असमर्थ थी
  • लेडी श्रीराम कॉलेज में मैथ्स ऑनर्स की छात्रा थी एश्वर्या 

नई दिल्ली। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा ऐश्वर्या ने आर्तिक परेशानियों के चलते सुसाइड की थी। तीन नवंबर को सुसाइड से पहले लिखे गए सुसाइड नोट ने छात्रा की अपनी आर्थिक बेबसी का उल्लेख किया है।
देश के नामी शिक्षण संस्थानों में शुमार लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा की सुसाइड नोट में लिखी उसकी बातों से लगता है कि वह हरहाल में पढ़ना चाहती थी, लेकिन आर्थिक दिक्कत के चलते वह लैपटॉप लेने में असमर्थ थी। ऐश्वर्या का सपना IAS बनने का था। सुसाइट नोट के अनुसार   लॉकडाउन होने के चलते उसे आर्थिक दिक्कत थी। इसलिए वह लैपटॉप नहीं खरीद सकी। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार  छात्रा एश्वर्या ने अपनी आर्थिक दिक्कतों के मद्देनजर बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को भी पत्र लिखकर मदद मांगी थी। सोनू सूद को लिखे पत्र में ऐश्वर्या ने लिखा था कि लैपटॉप के बिना वह ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रही थी। इसी के साथ उसके प्रैक्टिकल भी नहीं हो पा रहे थे। 

माता-पिता से मांगी माफी

तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की रहने वाली ऐश्यर्या ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है- 'मुझे माफ कर देना। मैं एक अच्छी बेटी नहीं बन सकी।' ऑटो मैकेनिक श्रीनिवास रेड्डी और मां कपड़े सिलने का काम करने वाली की बेटी ऐश्यर्या प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती थी। लॉकडाउन के चलते उसके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इस कारण वह पढ़ाई आगे जारी रख पाने में खुद को असमर्थ पा रही थी। बेहद प्रतिभाशाली एश्वर्या ने अपने स्कूल में टॉप किया था। अपने मेरिट के बल पर ऐश्वर्या का एडमिशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के फेमस  कॉलेज लेडी श्रीराम में हुआ। एसएफआइ और एनएसयूआइ ने ऑफिसियल  बयान जारी कर कहा कि छात्रा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इंस्पायर फेलोशिप मिलनी थी। नियम के मुताबिक मार्च में फेलोशिप मिल जाना चाहिए थी जो नहीं मिली। 

एश्वर्या का सुसाइड नोट

'मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मैं अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती हूं। मैं पढ़ाई के बिना जिंदा नहीं रह सकती हूं, मैं इसके बारे में सोच रही थी और अब मुझे लगता हैं कि मौत ही मेरी लिए एक मात्र रास्ता रह गया है।  मम्मी पापा मुझे माफ करें, मैं अच्छी बेटी नहीं बन सकी। लेडी श्री राम कॉलेज की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने कहा कि मिनिस्टरी फेलोशिप सेकेंड इयर में देता है। लेकिन फेलोशिप से इतर भी कॉलेज में कई अन्य समितियां हैं, जहां यदि वह अपनी बात रखती तो हम सब साथ खड़े होते। छात्रा ने कभी भी किसी से आर्थिक परेशानी की बात साझा नहीं की। कोरोना काल में छात्राओं की परेशानी समझते हुए ही काउंसलिंग की सुविधा शुरू की है। छात्रा की मां से उनकी बात हुई, लेकिन उन्होंने इस तरह की कोई बात नहीं कही।