नई दिल्ली: FASTag लगाने की डेड लाइन अब 15 फरवरी हुई 

सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज पर FASTag के माध्यम से टोल कलेक्शन को पूरी तरह से लागू करने की टाइम 15 फरवरी तक बढ़ा दी है। टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से टोल शुल्क फीस वसूलने की समय सीमा अब 15 फरवरी कर दी गयी है। 

नई दिल्ली: FASTag लगाने की डेड लाइन अब 15 फरवरी हुई 

नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज पर FASTag के माध्यम से टोल कलेक्शन को पूरी तरह से लागू करने की टाइम 15 फरवरी तक बढ़ा दी है। टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से टोल शुल्क फीस वसूलने की समय सीमा अब 15 फरवरी कर दी गयी है। 
उल्लेखनीय है कि पहले एक जनवरी से देश भर में फास्टैग को अनिवार्य किया जाना था। अब फिर फास्टैग को लगाने की समय सीमा आगे बढ़ा दी गयी है। NHAI ने एक जनवरी से सभी वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य कर दिया था। FASTag एक प्रीपेड टैग है जो टोल फीस को ऑटोमैटिकली डिडक्ट करने में सक्षम बनाता है। वाहन को नकद लेनदेन के लिए बिना रुके टोल प्लाजा से गुजरने देता है। यह प्रीपेड या इससे जुड़े सेविंग अकाउंट से फीस के सीधे पेमेंट की अनुमति देता है। लेनदेन के लिए बिना रुके वाहनों को चलाने में सक्षम बनाता है। इससे न सिर्फ वाहन चालकों का समय बचता है बल्कि टोल प्लाजा पर जाम भी नहीं लगता है।

मिनिस्टरी ने एनएनएआई को भेजे लेटर में कहा है कि 15 फरवरी से कैशलेस फीस कलेक्शन के लिए वह जरूरी नियामकीय प्रकिया पूरी कर सकती है। गवर्नमेंट पहले एक जनवरी, 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैटग अनिवार्य करने वाली थी। लेकिन अब 15 फरवरी से इसे देश भर में अनिवार्य कर दिया जायेगा।

FASTag

फास्टटैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान स्टिकर (RFID) है। यह वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है। जब भी वैकिल टोल प्लाजा से गुजरती है तो वहां लगे हुए स्कैनर कार के विंडस्क्रीन पर लगे हुए FASTag को स्कैन कर लेते हैं। पेमेंट डिजिटली हो जाती है। इस टैग की वजह से टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं होती है। यह टैग एक दिसंबर 2017 के बाद बेची गई सभी कारों पर लगाना अनिवार्य है। इस टैग को रीचार्ज करवाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।