नई दिल्ली : सेंट्रल कैबिनेट ने ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए PLI योजना को दी मंजूरी, AGR बकाये पर बड़े ऐलान

सेंट्रल गवर्नमेंट ने ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। सेंट्रल कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम में ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं। ये स्कीम पांच साल के लिए लागू रहेगी। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, आयात में भी कमी आने की उम्मीद है।

नई दिल्ली : सेंट्रल  कैबिनेट ने ऑटो और ड्रोन सेक्टर के लिए PLI योजना को दी मंजूरी, AGR बकाये पर बड़े ऐलान

नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। सेंट्रल कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम में ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं।ये स्कीम पांच साल के लिए लागू रहेगी। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, आयात में भी कमी आने की उम्मीद है।

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सेंट्रल मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के  फैसले के बारे में  मीडिया को हताया कि सरकार भारत में विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, आटो कामपोनेंट उद्योग और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लेकर आई है।गवर्नमेंट ने ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। इसके तहत इलेक्ट्रिटक वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल प्रोडक्शनन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, 7.60 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इस स्कीम के आने से विदेश से आयात में गिरावट होगी। ऑटो कंपोनेंट मेक इन इंडिया के तहत देश में बनाये जा सकेंगे। श्री ठाकुर ने ने बताया कि चयनित चैंपियन ऑटो कंपनियों को कम से कम 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। नये निवेशकों को 500 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी है।  

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टेलीकॉम सेक्टर को राहत पैकेज
टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये के परिभाषा में बदलाव किया जायेगा। टेलीकॉम कंपनियों को मंथली इंटरेस्ट रेट को अब एनुअल कर दिया गया है। पेनल्टी पर भी राहत दी गई है। स्पेक्ट्रम की अवधि भी अब 20 साल से बढृा कर 30 साल कर दिया गया है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स बकाये को लेकर मोरेटोरियम ले सकेंगे। ये चार साल तक के लिए दिया गया है। जो टेलीकॉम ऑपरेटर ये विकल्प चुनते हैं उन्हें सरकार को ब्याज भी देना होगा। 
उल्लेखनीय है कि एजीआर बकाये की वजह से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल पर वित्तीय बोझ बढ़ा है। राहत की इस खबर के बीच एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के शेयर में बड़ी तेजी देखने को मिली है।