NCP: शरद पवार को चुनाव आयोग से मिला बड़ा झटका, भतीजे अजित को मिला एनसीपी 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)  पार्टी पर दावे की लड़ाई में शरद पवार को चुनाव आयोग ने बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने लंबी सुनवाई के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार के गुट को असली एनसीपी करार दिया है। आयोग ने अजीत को ही पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी दोनों देने का फैसला सुनाया है।

NCP: शरद पवार को चुनाव आयोग से मिला बड़ा झटका, भतीजे अजित को मिला एनसीपी 
शरद पवार-अजीत ‍पवार (फाइल फोटो)।
  • चुनाव आयोग ने अजित पवार को दिया नाम और चिह्न
  • शरद पवार को चुनाव आयोग से मिला तीन दिन का समय

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)  पार्टी पर दावे की लड़ाई में शरद पवार को चुनाव आयोग ने बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने लंबी सुनवाई के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार के गुट को असली एनसीपी करार दिया है। आयोग ने अजीत को ही पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी दोनों देने का फैसला सुनाया है।

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चुनाव आयोग ने शरद पवार को दिया समय
चुनाव आयोग ने शरद पवार को पार्टी का नाम बुधवार को तीन बजे तीन विकल्पों के साथ मुहैया कराने को कहा है। शरद पवार और अजित पवार के बीच चल रही लड़ाई को लेकर यह फैसला छह महीने से ज्यादा समय से लगभग 10 सुनवाई के बाद दिया है। जिसमें आयोग ने दोनों ही पक्षों से पार्टी के अपने अधिकारों को लेकर सबूत पेश करने को कहा था। इस दौरान दोनों ही पक्षों ने अपने-अपने पक्ष में विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के शपथ पत्र सौंपे थे। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा, विधान परिषद के साथ ही लोकसभा व राज्यसभा के पार्टी के सदस्यों के समर्थन के आधार पर अपना फैसला सुनाया है।

चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी और शिवसेना पर अधिकारों से जुड़े विवाद में भी इसी आधार पर फैसला दिया था। आयोग की ओर से दिये गये 141पन्नों के फैसले में बताया गया है कि अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में पार्टी के 41 एमएलए, विधान परिषद के पांच सदस्य, नगालैंड के सभी सात एमएलए, झारखंड एक और लोकसभा के दो व राज्यसभा के एक सांसद ने किया समर्थन, जबकि शरद पवार के समर्थन में महाराष्ट्र के 15 एमएलए के साथ ही विधान परिषद के चार सदस्य, केरल के दो एमएलए और लोकसभा के चार व राज्यसभा के तीन सांसदों ने शपथ पत्र दिया था। इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा के पांच विधायक और लोकसभा के एक सांसद ने दोनों ही पक्षों के साथ रहने को लेकर शपथ पत्र दिया था।
चाचा शरद पवार से अजित पवार ने की थी बगावत
अजित पवार 40 विधायकों के साथ दो जुलाई 2023 को बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हो गये थे। इसके बाद उन्होंने एनसीपी दावा ठोंका था। इसके बाद यह पूरा विवाद चुनाव आयोग पहुंचा था।