मुंबई: मौत से चंद सेकेंड पहले दृष्टिबाधित बच्चे को बचा लाया रेलवे स्टाफ, हाई स्पीड से आ रही थी सुपरफास्ट ट्रेन

सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन के वांगणी स्टेशन पर दृष्टिबाधित बच्चा प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर रेलवे के एक पॉइंटमैन ने दृष्टिबाधित बच्चे की जिंदगी मात्र चंद सेकंड पहले बचा ली। 

मुंबई: मौत से चंद सेकेंड पहले दृष्टिबाधित बच्चे को बचा लाया रेलवे स्टाफ, हाई स्पीड से आ रही थी सुपरफास्ट ट्रेन

मुंबई। सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन के वांगणी स्टेशन पर दृष्टिबाधित बच्चा प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर रेलवे के एक पॉइंटमैन ने दृष्टिबाधित बच्चे की जिंदगी मात्र चंद सेकंड पहले बचा ली। 

प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर चल रहा दृष्टिबाधित बच्चा अपना बैलेंस खोकर ट्रैक पर जा गिरा। ट्रैक पर एक सुपरफास्ट ट्रेन भी आने वाली थी। लेकिन ऐन मौके पर पॉइंटमैन मयूर शेलके ने जांबाजी दिखाते हुए बच्चे को बचा लिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। मयूर शेलके की खूब तारीफ की जा रही है। रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर मयूर शेलके की तारीफ की है।दृष्टिबाधित बच्चा अपनी मां के साथ प्लेटफॉर्म नंबर दो पर चल रहा था। बच्चे की मां भी दृष्टिबाधित है। अचानक ही चलते हुए बच्चे ने अपना बैलेंस खोकर ट्रैक पर जा गिरा। इसी दौरान सुपरफास्ट ट्रेन का होर्न भी सुनाई दे रहा था। लेकिन मयूर शिलके ने इस बीच जांबाजी दिखाई और ऐन वक्त पर बच्चे की जान बचा ली। मयूर की इस कर्तव्यपरायणता की खूब तारीफ की जा रही है।
लोगों का कहना है कि जब बच्चा गिरा तो उसी समय हमने तेजी से आ रही ट्रेन के होर्न की आवाज आ रही थी। बच्चे की मांग भी यह नहीं जान पा रही थी कि बेटा कहां गया, जबकि ट्रेन स्पीड से बच्चे की ओर आ रही थी। इसी बीच मयूर शिल्के सेंकेडों के भीतर बच्चे तक पहुंचे और उसे 3 सेकेंड के अंदर ट्रैक से उठा लाए। उन्होंने तेजी से बच्चे को उठाकर प्लेटफॉर्म पर रखकर खुद भी जल्दी चढ़े। इस तरह उन्होंने तेजी से दौड़ती आ रही ट्रेन रूपी मौत से बच्चो को बचा लिया। मयूर शिलके और ट्रेन के बीच मात्र दो सेकेंड का ही अंतर था। यदि मयूर शिलके ने तेजी से बढ़कर न बचाया होता तो बच्चे की कटकर मौत हो जाती।

रेल मिनिस्टर पीयूष गोयल ने  सोमवार सुबह पॉइंटमैन मयूर शिलके की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया है। रेल मिनिस्टर ने लिखा है  मुंबई के वंगानी रेलवे स्टेशन के कर्मचारी मयूर शिलके पर बहुत गर्व है। उन्होंने बेहद साहसिक काम किया है। अपनी जान को खतरे में डालते हुए शिलके ने एक बच्चे को बचाया है।