मॉडर्ना का दावा- 94.5% प्रभावी है हमारा टीका, डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा- वैक्सीन अकेले महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं

मॉडर्ना ने भी कोरोना से बचाव का प्रभावी टीका बना लेने का ऐलान किया है। मॉडर्ना इंक ने सोमवार को कहा कि अंतरिम डेटा के अधार पर इसका टीका कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा देने में 94.5 परसेंट प्रभावी पाया गया है।

मॉडर्ना का दावा-  94.5% प्रभावी है हमारा टीका, डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा- वैक्सीन अकेले महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं

वाशिंगटन। मॉडर्ना ने भी कोरोना से बचाव का प्रभावी टीका बना लेने का ऐलान किया है। मॉडर्ना इंक ने सोमवार को कहा कि अंतरिम डेटा के अधार पर इसका टीका कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा देने में 94.5 परसेंट प्रभावी पाया गया है। मॉर्डना दूसरी अमेरिकी कंपनी है जिसने टीके के ट्रायल में सफलता की घोषणा की है। इससे पहले फाइजर ने कहा था कि थर्ड फेज के ट्रायल में उसका टीका 90 परसेंट से अधिक असरकारक पाया गया है। 
मॉडर्ना जो वैक्सीन बना रही है, उसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे अल्ट्रा कोल्ड स्टोरेज जैसे टेंपरेचर पर रखने की जरूरत नहीं होगी। इससे इसके डिस्ट्रीब्यूशन में आसानी होगी। कंपनी का कहना है कि इसे रेफ्रिजरेटर के दो से आठ डिग्री टेंपरेचर पर 30 दिनों तक रखा जा सकता है। अगर -20 डिग्री सेल्सियस पर वैक्सीन को रखा जाता है तो यह छह महीने तक खराब नहीं होगी।

उल्लेखनीय कि फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस में रखने की आवश्यकता है। इसे स्टैंडर्ड रेफ्रिजरेटर टेंपरेचर पर सिर्फ पांच दिन तक रखा जा सकता है। ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत ही मॉडर्ना भी वैक्सीन तैयार कर रही है। कंपनी का मानना है कि वह इस वर्ष दो करोड़ वैक्सीन तैयार कर लेगी।

अमेरिका दिसंबर में दो टीकों को  दे सकता है मंजूरी

फाइजर इंक और मॉडर्ना की ओर से इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि अमेरिका दिसंबर में इन दो टीकों को मंजूरी दे सकता है। अब तक छह करोड़ डोज तैयार किये जा चुके हैं। हालांकि, अभी नियामकों को इनकी ओर से किए गए दावों की जांच करनी है और यह देखा जाना है कि वैक्सीन कितने सुरक्षित हैं। अगले साल तक अमेरिकी सरकार को दो वैक्सीन निर्माताओं से एक अरब से अधिक डोज मिल सकते हैं। यह देश की पोपुलेशन 33 करोड़ से अधिक है।दोनों वैक्सीन को नई टेक्नॉलजी से विकसित किया गया है, जिसे मैसेंजर आरएनए (mRNA) कहा जाता है। यह कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने में काफी शक्तिशाली माना जा रहा है। 
मोडोरना के प्रेजिडेंट स्टीफन होज ने एक टेलिफोनिक इंटरव्यू में कहा है कि हमें एक वैक्सीन मिलने जा रहा है जो कोविड-19 को रोक सकता है। मेडोरना का अंतरिम एनालिसिस 95 प्रतिभागियों पर आधारित है जिन्होंने प्लासिबो या वैक्सीन लिया था। इनमें से केवल पांच ऐसे लोग संक्रमित हुए जिन्होंने 28 दिनों के अंतराल पर वैक्सीन के दो टीके लगवाए थे। मॉडर्ना के अध्यक्ष डॉक्टर स्टीफन होज ने इसका स्वागत किया और कहा कि दो विभिन्न कंपनियों के समान परिणाम काफी आश्वस्त करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इससे हम सबको उम्मीद करनी चाहिए कि वास्तव में एक टीका इस महामारी को रोकने में सफल होने जा रहा है। होज ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने वाली केवल मॉडर्ना ही नहीं होगी, बल्कि इसके लिए कई टीकों की आवश्यकता होने जा रही है। यदि अमेरिका का फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन मॉडर्ना या फाइजर कंपनी के टीके को आपात इस्तेमाल के लिए अनुमति देता है तो इस साल के अंत तक इसकी सीमित सप्लाई ही होगी।
कोरोना वैक्सीन अकेले महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं
WHO चीफ ने सोमवार को कहा है कि अकेले वैक्सीन कोरोना वायरस महामारी को नहीं रोक सकती है। पहला केस सामने आने के महीनों बाद भी कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेश ट्रेडोस अदनोम ने सोमवार को कहा कि एक वैक्सीन हमारे पास मौजूद अन्य टूल्स के पूरक का काम करेगी। यह उसे रिप्लेस नहीं कर सकती है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों ने यूएन हेल्थ एजेंसी को 660,905 केस रिपोर्ट हुए है जो कि एक रिकॉर्ड है।डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि शुरुआत में वैक्सीन की सप्लाई आम लोगों के लिए बैन होंगी क्योंकि वैक्सीन शुरुआत में हैल्थ वर्कर्स बुजुर्गों और ज्यादा जोखिम वाले लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी। ट्रेडोस ने कहा कि इससे डेथ रेट में गिरावट आयेगी और हेल्थ सिस्टम को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।ट्रेडोस ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस सबसे भी वायस की आशंका को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। निगरानी अभी भी रखनी होगी तो लोगों को अभी भी टेस्ट कराना होगा और कोरोना संक्रमित होने की स्थिति में क्वारंटाइन होना पड़ेगा।