महाराष्ट्र: कबाड़ से बनी गाड़ी पर आया आनंद महिंद्रा का दिल, गाड़ी बनाने वाले को किया बोलेरो गिफ्ट देने का वादा

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कबाड़ से बनी एक गाड़ी और उसके बनाने वाले दत्तात्रेय लोहार से काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने गाड़ी बनाने वाले दत्तात्रेय लोहार को बोलेरो देने का वादा किया है।

महाराष्ट्र: कबाड़ से बनी गाड़ी पर आया आनंद महिंद्रा का दिल, गाड़ी बनाने वाले को किया बोलेरो गिफ्ट देने का वादा

मुंबई। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कबाड़ से बनी एक गाड़ी और उसके बनाने वाले दत्तात्रेय लोहार से काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने गाड़ी बनाने वाले दत्तात्रेय लोहार को बोलेरो देने का वादा किया है।

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साधन संपन्न होने का मतलब है कम साधनों में ज्यादा कुछ कर दिखाना

आनंद महिंद्रा ने ट्‌वीट किया है कि इस गाड़ी को आज नहीं तो कल प्रशासन सड़क पर चलने नहीं देगा। क्योंकि यह गाड़ी नियमों के विरुद्ध है। इसलिए मैं इसे बनाने वाले को बोलेरो गिफ्ट करना चाहता हूं। यह गाड़ी हमारे पास रहेगी और हमें प्रेरित करती रहेगी, क्योंकि साधन संपन्न होने का मतलब है कम साधनों में ज्यादा कुछ कर दिखाना।दत्तात्रेय लोहार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आनंद महिंद्रा बड़े आदमी हैं। उन्होंने मेरी गाड़ी की तारीफ करते हुए कहा है कि वे हमें बोलेरो गाड़ी देंगे। महिंद्रा इतने बड़े आदमी हैं, उन्होंने हमारी तारीफ की यह बड़ी बात है।

दोपहिया वाहन का इंजन, जीप का बोनट और आटो का पहिया लगाकर बना दिया गाड़ी

महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले दत्तात्रेय लोहार के बेटे की यह इच्छा थी कि उनके पास एक ऐसी गाड़ी हो जिसपर बैठकर पूरी फैमिली एक साथ कहीं आ -जा सके। इसी सपने को पूरा करने के लिए दत्तात्रेय लोहार ने कबाड़ से गाड़ी बनाने की सोची।दत्तात्रेय लोहार को जैसे-जैसे पार्ट्स मिलते गये वे गाड़ी बनाते गये। उन्होंने इस गाड़ी में दोपहिया वाहन का इंजन, जीप का बोनट और आटो का पहिया लगा दिया। इस गाड़ी की खूबी यह है कि यह किक से स्टार्ट होता है। जब यह गाड़ी निकलती है तो लोग इसे देखते हैं। गाड़ी की भी खिंचते हैं। कुछ समय पहले यह गाड़ी सोशल मीडिया में खूब वायरल थी। इसके बाद आनंद महिंद्रा की नजर इसपर पड़ी।
उल्लेखनीय है कि आनंद महिंद्र अक्सर कुछ नया और अलग करने वाले की प्रशंसा करते हैं। उन्हें प्रोत्साहित भी करते रहते हैं। कई बार आनंद महिंद्रा ने कुछ अलग करने वालों की सहायता भी की है।