झारखंड शराब घोटाला: IAS अमित कुमार का कोर्ट में बड़ा बयान, बोले– विनय चौबे ने जो चाहा, विभाग में वही हुआ
झारखंड शराब घोटाला मामले में एसीबी के सामने बड़ा खुलासा। IAS अमित कुमार ने कोर्ट में बयान देकर कहा– विनय चौबे ने जो चाहा, विभाग में वही हुआ। टेंडर और मैनपावर सप्लाई में गंभीर अनियमितताओं का आरोप।
- झारखंड शराब घोटाला मामले में कोर्ट में खुलासा
- प्रशासनिक गलियारों में मचा हड़कंप
रांची। झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जांच कर रही एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) के सामने एक बड़ा खुलासा सामने आया है। पूर्व उत्पाद आयुक्त और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमित कुमार ने रांची कोर्ट में न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष ऐसा बयान दिया है, जिसने राज्य के प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है।
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एसीबी ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 183 के तहत आईएएस अमित कुमार का बयान दर्ज कराया। यह बयान बंद कमरे में रिकॉर्ड किया गया और इसकी प्रति को सीलबंद कर कोर्ट में सुरक्षित रखा गया है।
“विनय चौबे ने जो चाहा, वही विभाग में हुआ”
सूत्रों के अनुसार, आईएएस अमित कुमार ने अपने बयान में कहा कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे की पूरी मनमानी चलती थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चौबे जैसा चाहते थे, विभाग में वैसा ही निर्णय लिया जाता था और उनके आदेशों की अवहेलना करने की किसी ने हिम्मत नहीं की। इस बयान को शराब घोटाले की जांच में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर विभागीय फैसलों और नीतिगत गड़बड़ियों की ओर इशारा करता है।
टेंडर प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
आईएएस अमित कुमार ने कोर्ट को यह भी बताया कि पूर्व की उत्पाद नीति के दौरान झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों का संचालन किया जा रहा था। दुकानों के संचालन के लिए निजी प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए मैनपावर की आपूर्ति की गई। हालांकि, टेंडरिंग की प्रक्रिया औपचारिक रूप से अपनाई गई, लेकिन टेंडर उन्हीं एजेंसियों को मिला, जिन्हें विनय चौबे चाहते थे। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शिता से दूर थी।
अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलीभगत का आरोप
बयान में यह भी खुलासा हुआ कि तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने छत्तीसगढ़ म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर मनचाही प्लेसमेंट एजेंसियों को मैनपावर सप्लाई का ठेका दिलवाया। नियम-कानून को दरकिनार कर विभागीय व्यवस्था को मनमाने तरीके से संचालित किया जा रहा था।
प्रशासनिक गलियारों में बढ़ी हलचल
आईएएस अमित कुमार वर्तमान में वाणिज्यकर विभाग के आयुक्त हैं। उनके इस बयान को शराब घोटाले की जांच में टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एसीबी की जांच और तेज़ हो सकती है और कई और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है। पूर्व उत्पाद आयुक्त अमीत कुमार से एसीबी मुख्यालय में चार दिनों तक पूछताछ हो चुकी है। उनके आग्रह पर ही उनके बयान को न्यायालय में कलमबद्ध कराया गया है।






