झारखंड: जमीन के फर्जी डीड पर PNB से एक करोड़ का लोन लेकर रांची के दो बिजनसमैन फरार, FIR

रांची के पंजाब नेशनल बैंक की अरगोड़ा ब्रांच से दो कारोबारियों अश्वनी शर्मा और मनोज कुमार ने जमीन की जाली डीड जमा कर एक करोड़ लोन ने लिया। बैंक की ओर से फर्जी डीड द्वारा लोन लेकर 1.44 करोड़ रुपये के गबन करने की एफआइआर दर्ज कराई गई है। 

झारखंड: जमीन के फर्जी डीड पर PNB से एक करोड़ का लोन लेकर रांची के दो बिजनसमैन फरार, FIR
  • दोनों पर इंटरेस्ट को मिलाकर कुल 1.44 करोड़ रुपये हो चुका है बकाया 

रांची। राजधानी रांची के पंजाब नेशनल बैंक की अरगोड़ा ब्रांच से दो कारोबारियों अश्वनी शर्मा और मनोज कुमार ने जमीन की जाली डीड जमा कर एक करोड़ लोन ने लिया। बैंक की ओर से फर्जी डीड द्वारा लोन लेकर 1.44 करोड़ रुपये के गबन करने की एफआइआर दर्ज कराई गई है। 
दोनों बिजनसमैन ने कारोबार बढ़ाने के नाम पर बैंक से फर्जी डीड के जरिए लोन लिया था। इसके बाद न तो किस्त जमा की और न ही नोटिस का जवाब दिया। कंपनी की ऑफिस बंदकर दोनों फरार हो गये। पीएनबी के अरगोड़ा ब्रांच के चीफ मैनेजर राकेश कुमार ने अरगोड़ा पुलिस स्टेशन में दोनों आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप लगाया गया है कि दोनों आरोपितों ने बैंक को धोखा देने और पब्लिक मनी हड़पने की नीयत से लोन लिया था। रकम पेमेंट नहीं की। 
बैंक की ओर से की गयी कंपलेन में कहा गया है कि कोकर इंडस्ट्रीयल एरिया निवासी अश्वनी शर्मा और उसकी मां राधा देवी ने मेसर्स श्रीनिवास आटोमोबाइल का बिजनस बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 में पीएनबी से 1.06 करोड़ रुपये लोन लिया था।लोन के आदेवन के साथ दोनों ने अपनी एक जमीन की लीज डीड (डीड संख्या 12686) बैंक में जमा किया था। इसी आधार पर बैंक ने दोनों को लोन दिया। वर्ष 2018 में राधा देवी की मौत के बाद लोन अश्विनी शर्मा और मनोज कुमार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया। इस एग्रीमेंट पर दोनों ने साइन भी किए। दोनों पर इंटरेस्ट को मिलाकर कुल 1.44 करोड़ रुपये बकाया हो चुका है।

बैंक की टीम को ऑफिस बंद मिला

लोन की किस्त जमा नहीं करने पर दोनों को बैंक की ओर से लगातार नोटिस भेजा गया। न तो नोटिस का जवाब मिला और न ही किस्त मिली। फोन पर बात भी नहीं हुई। इसके बाद बैंक अफसरों की टीम उनके नाइल कांप्लेक्स कांटाटोली स्थित ऑफिस गई तो वह भी बंद मिला। संदेह होने पर बैंक अफसरों की टीम ने दोनों के द्वारा जमा कराई गई डीड की रजिस्ट्री ऑफिस से जांच कराई। इसके बाद पता चला कि जमा डीड फर्जी है।