Jharkhand: RBL बैंक से 1.10 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में  तीन अरेस्ट, पांच मोबाइल, चार POS मशीन व 15 ATM जब्त

झारखंड में सीआईडी के अधीन संचालित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की पुलिस ने आरबीएल बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मामले में अकाउंट हॉल्डर सहित तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। इनमें बैंक अकाउंट बोकारो के हरला थाना क्षेत्र निवासी नीरज कुमार पांडेय, रांची के गाड़ीगांव अशोक कुमार व तमिलनाडू के चेन्नई का रहने वाला मोहम्मद काजिम शामिल हैं।

Jharkhand: RBL बैंक से 1.10 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में  तीन अरेस्ट, पांच मोबाइल, चार POS मशीन व 15 ATM जब्त
  • साइबर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अकाउंट हॉल्टर सहित तीन को किया अरेस्ट

रांची। झारखंड में सीआईडी के अधीन संचालित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की पुलिस ने आरबीएल बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मामले में अकाउंट हॉल्डर सहित तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है। इनमें बैंक अकाउंट बोकारो के हरला थाना क्षेत्र निवासी नीरज कुमार पांडेय, रांची के गाड़ीगांव अशोक कुमार व तमिलनाडू के चेन्नई का रहने वाला मोहम्मद काजिम शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:Jharkhand : गिरिडीह में पांच करोड़ रुपये लूट मामले का मास्टरमाइंड गुलाब साह समेत दो अरेस्ट, 77 लाख कैश बरामद

नीरज कुमार पांडेय मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के विक्रमगंज का रहने वाला है। तीनों ही आरोपियों के पास से पुलिस ने पांच मोबाइल, पैसे ट्रांसफर करने वाला चार पीओएस मशीन व 15 एटीएम कार्ड की बरामदगी की गई है। अकाउंट हॉल्टर नीरज कुमार पांडेय पर आरोप है कि उसने साइबर क्रिमिनलों के साथ मिलकर आरबीएल बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।
आरबीएल बैंक ने दर्ज कराई थी एफआइआर
झारखंड सीआईडी के अधीन संचालित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में महाराष्ट्र के कोल्हापुर शाहपुरी स्थित आरबीएल बैंक के हेड ऑफिस के पंकज भगत ने एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि उनके अकाउंट हॉल्टर बोकारो के हरला निवासी नीरज कुमार पांडेय ने विदेशी हॉल्डर व अन्य साइबर क्रिमिनलों के साथ मिलकर उनके बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जालसाजी व आईटी एक्ट से संबंधित सेक्शन में एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद छानबीन में मामले का खुलासा हुआ।

ऐसे की गई थी बैंक से धोखाधड़ी
आरोपी नीरज कुमार पांडेय ने आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद बैंक ने उसे अकाउंट के माध्यम से क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई। पहले बैंक ने नीरज कुमार पांडेय के अकाउंट की स्थिति के आधार पर एक लाख रुपये का क्रेडिट लिमिट निर्धारित की। इसके बाद नीरज कुमार पांडेय के अकाउंट  में विदेशी बैंक, व्यवसायियों के खातों से बड़े-बड़े रकम की काल्पनिक ट्रांसफर होने लगा।उस खाते में काल्पनिक धनराशि देखते हुए नीरज कुमार पांडेय के खाते का क्रेडिट लिमिट समय-समय पर बढ़ाई जाती रही।बैंक ने उसके क्रेडिट कार्ड पर एक करोड़ 10 लाख 20 हजार 570 रुपये की क्रेडिट लिमिट निर्धारित कर दी। इसके बाद नीरज कुमार पांडेय ने अल्प अवधि में क्रेडिट कार्ड की लिमिट को अन्य साथियों के साथ मिलकर विभिन्न पीओएस मशीन के माध्यम से निकाल लिया।
चेन्नई से हुई मोहम्मद काजिम की अरेस्टिंग
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की पुलिस ने टेक्नीकल जांच में  मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद इसमें शामिल साइबर क्रिमिनलों को चिह्नित किया गया। नीरज कुमार पांडेय मूल रुप से बिहार के रोहतास जिले में स्थित विक्रमगंज का रहने वाला है। आरोपी अशोक कुमार रांची स्थित मेसरा इलाका में पॉल्ट्री फार्म का चलाता था। उसने ही पॉल्ट्री फार्म के नाम पर चार पॉश मशीन लिया था। 
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है  दिल्ली से एमबीए पास अशोक 
मास्टमाइंड अशोक मूलरूप से बिहार के रोहतास जिला स्थित विक्रमगंज का रहने वाला है। दिल्ली यूनिर्वसिटी से एमबीए पास अशोक फरटिदार अंग्रेजी बोलता है। अशोक का नीरज कुमार पांडेय दोस्त है। उसे साइबर ठगी के लिये कमीशन देता था। तमिलनाडु के चेन्नई निवासी आरोपी मो काजिम भी अशोक का दोस्त था। पुलिस अब इनलोगो के अन्य साईबर क्रिमिनलों के बीच कनेक्शन की जांच करेगी।
विदेश से कनेक्शन
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर ठगी को अंजाम देने वाले आरोपी का विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। साईबर ठग पैसे को फ्रीज होने से बचाने के लिए विदेशी खातों का सहारा लेते है। साइबर क्राइम ब्रांच की जांच में इसका खुलासा हुआ है। आरोपी का इंटरनेशनल साइबर ठग गिरोह के साथ कनेक्शन के संकेत मिले हैं। जांच में पता चला है कि नीरज के खाते में विदेशों से आयी राशि भी वापस हो गई। बैंक को यह भी पता चला कि विदेश के दर्जनों खाते से नीरज के अकाउंट में राशि भेजी गई थी।