झारखंड: फीका रहा दुर्गा सोरेन सेना का फीका रहा सम्मेलन, सभी जिलों में अध्यक्ष तक नहीं मिले

झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाली जामा के जेएमएम एमएलए सीता सोरेन दको अपनी पुत्रियों को आगे कर राजनीतिक को अपेक्षा के अनुरूप सफलता मिलती नहीं दिख रही है। सीता सोरेन ने अपने दिवंगत पति के नाम पर गठित दुर्गा सोरेन सेना के राज्य स्तरीय सम्मेलन का काफी प्रचार किया था, लेकिन उन्होंने खुद इससे दूरी बनाई। सम्मेलन में कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा सम्मेलन में नहीं दिखा। 

झारखंड: फीका रहा दुर्गा सोरेन सेना का फीका रहा सम्मेलन, सभी जिलों में अध्यक्ष तक नहीं मिले
  • सीता सोरेन की बेटियों ने हेमंत को सराहा
  • कहा सीएम अपना 100 प्रतिशत दे रहे झारखंड को 
  • कुछ लोग उन्हें कर रहे हैं भ्रमित
  • एमएलए सीता सोरेन की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन ने लिया संज्ञान
रांची। झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाली जामा के जेएमएम एमएलए सीता सोरेन दको अपनी पुत्रियों को आगे कर राजनीतिक को अपेक्षा के अनुरूप सफलता मिलती नहीं दिख रही है। सीता सोरेन ने अपने दिवंगत पति के नाम पर गठित दुर्गा सोरेन सेना के राज्य स्तरीय सम्मेलन का काफी प्रचार किया था, लेकिन उन्होंने खुद इससे दूरी बनाई। सम्मेलन में कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा सम्मेलन में नहीं दिखा। 
कुछ लोग भ्रमित कर रहे हैं सीएम को: जयश्री 
भले ही सेना की राज्य कमेटी की घोषणा इस दौरान की गई, लेकिन सम्मेलन फीका-फीका रहा। दावा किया गया था कि सभी जिलों के लिए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जायेगी, लेकिन मात्र सात जिलों के अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया गया। कुछ दिन पहले सीता सोरेन ने सीधे हेमंत सरकार पर हमला बोला था। लेकिन सम्मेलन में उनकी पुत्री जयश्री सोरेन ने इससे इतर कहा कि सीएम हेमंत सोरेन शानदार काम कर रहे हैं। वे अपना 100 प्रतिशत राज्य को दे रहे हैं। कुछ लोग उन्हें भ्रमित कर रहे हैं।
 दादा और पिता ने सबकुछ समर्पित कर दिया
 जयश्री ने झारखंड के राष्ट्रीय मानकों पर पिछडऩे की चर्चा करते हुए  इसके लिए तमाम सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरे दादा शिबू सोरेन और पिता दुर्गा सोरेन ने झारखंड को अपना सबकुछ समर्पित कर दिया। पिता ने हर हाथ को रोजगार, हर खेत को पानी का सपना देखा था। आम आदमी की परेशानी का समाधान करने के लिए सेना का संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया गया है। सेना जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए काम करेगी। धीरे-धीरे सभी जिला कमेटियों का गठन किया जाएगा।
 सेना की केंद्रीय कमेटी में दोनों बेटियां
 दुर्गा सोरेन सेना की अध्यक्ष जयश्री सोरेन, कार्यकारी अध्यक्ष राजश्री सोरेन, मुख्य पर्यवेक्षक सह प्रधान महासचिव बिरसा हांसदा, महासचिव सह प्रवक्ता सदानंद सिंह, महासचिव सुनील कुमार, उपाध्यक्ष फिरोज मांझी, संतोष नायक, अर्जुन हेम्ब्रम बनाए गए हैं। शहंशाह खान कोषाध्यक्ष होंगे। ओम प्रकाश मांझी, शिवलाल मरांडी, संदीप कुमार, अशोक हेम्ब्रम सचिव और रविंद्र सिंह और शेरू कुरैशी प्रवक्ता होंगे। जिलाध्यक्षों में सरायकेला-खरसावां में सन्नी सिंह, रामगढ़ में हसीबुल्ल अंसारी, चतरा में धनेश्वर गंझू, हजारीबाग में किशोर कुमार मेहता, बोकारो में आजाद अंसारी, दुमका में चंद्रमोहन हांसदा और जामताड़ा में अशोक हेम्ब्रम बनाये गये  हैं। इसके अलावा रांची में कामिनी देवी, चतरा में अनिमा कुजूर, रामगढ़ में गीता मुंडा और बोकारो में देवला टुडू को महिला शाखा का चीफ बनाया गया है।
एमएलए सीता सोरेन की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन ने लिया संज्ञान
जेएमएम एमएलए सीता सोरेन द्वारा चतरा जिले के आम्रपाली प्रोजेक्ट टंडवा  में बरती जा रही अनियमितता की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन ने संज्ञान लिया है। इस मामले पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। राष्ट्रपति भवन ने इस संबंध में एमएलए सीता सोरेन को भी ईमेल के जरिए सूचित किया है।
सीता सोरेन ने इस मसले को लेकर पिछले दिनों राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस को एक ज्ञापन सौंपा था। राष्ट्रपति तथा केंद्रीय मंत्री समेत अन्य के नाम ज्ञापन पत्र के माध्यम से भेजा था। सीता सोरेन ने आरोप लगाया था कि आम्रपाली प्रोजेक्ट में कोल माइनिंग के बाद वन भूमि का अतिक्रमण कर कोयले का इलिगल ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा है। इसके लिए वन भूमि की भी कटाई की गई है। यह अवैध रूप से बिना अनुमति लिए हुए जंगल कटाई का मामला है। इसके बावजूद राज्य सरकार और कोयला कंपनियों की ओर से दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।