झारखंड: रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लगाने मामले में SSP को शोकॉज

पुलिस द्वारा रांची में 10 जून की हिंसा में शामिल उपद्रवियों व 33 पत्थरबाजों की फोटो वाले पोस्टर 14 जून को सार्वजनिक स्थान पर लगाये थे। हालांकि सत्ताधारी दल के विरोध के कारण कुछ देर बाद ही इन्हें उतार लिया गया था। अब झारखंड गवर्नमेंट ने पुलिस की कइस कार्रवाई को  इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए एसएसपी को शोकॉज किया है। 

झारखंड: रांची हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लगाने मामले में SSP को शोकॉज
  • , होम सेकरेटरी दो दिन मांगा जबाव
  • पुलिस कार्रवाई को बताया कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

रांची। पुलिस द्वारा रांची में 10 जून की हिंसा में शामिल उपद्रवियों व 33 पत्थरबाजों की फोटो वाले पोस्टर 14 जून को सार्वजनिक स्थान पर लगाये थे। हालांकि सत्ताधारी दल के विरोध के कारण कुछ देर बाद ही इन्हें उतार लिया गया था। अब झारखंड गवर्नमेंट ने पुलिस की कइस कार्रवाई को  इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताते हुए एसएसपी को शोकॉज किया है। 

यह भी पढ़ें: Agnipath Scheme Protest: बिहार में ट्रेन व बीजेपी ऑफिस में लगाई आग, दर्जनभर रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़

सरकार के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को भेजे लेटर में कहा है, ''10 जून को रांची में हुई घटनाओं में नाजायज मजमों में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों और हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के फोटो सहित पोस्टर 14 जून को रांची पुलिस द्वारा लगाये गये। इनमें कई व्यक्तियों के नाम और अन्य विवरण भी दिये गये हैं। यह विधिसम्मत नहीं है। यह इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से नौ मार्च 2020 को दिये गये आदेश के खिलाफ है। इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के दो दिनों के अंदर समपर्पित करें।

हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन
होम सेकरेटरी ने कहा है कि मेन रोड में हुई घटना में कथित रूप से शामिल लोगों के फोटो सहित पोस्टर 14 जून को रांची पुलिस द्वारा लगाये गये, जिनमें कई व्यक्तियों के नाम व अन्य विवरण भी दिये गये थे। यह विधिसम्मत नहीं है और उच्च न्यायालय, इलाहाबाद (पीआईएल. संख्या-532/2020 में नौ मार्च 2020) के पारित न्यायादेश के विरुद्ध है। उपरोक्त पारित आदेश में न्यायालय द्वारा सड़क किनारे लगे बैनरों को तत्काल हटाने के निर्देश दिये गये थे। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश दिया था कि बिना कानूनी अधिकार के लोगों के व्यक्तिगत जानकारी वाले बैनर सड़क किनारे न लगायें। यह मामला और कुछ नहीं बल्कि लोगों की निजता में एक अनुचित हस्तक्षेप है। इसलिए, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

एसएसपी पर एक्शन ले सकती है गवर्नमेंट

बताया जा रहा है कि हेमंत गवर्नमेंट इस मामले में एसएसपी पर एक्शन ले सकती है। सत्ताधारी पार्टी के अलावा सरकार के मिनिस्टर भी पुलिस के इस कदम की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि रांची में उपद्रव में जिला पुलिस की विफलता उजागर हुई है। बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया था। पुलिस जूलूस की सूचना नहीं थी। सूचना मिलने के बाद भी तत्काल एहतियातन उपाय नहीं किये गये। भीड़ की तुलना में नाममात्र में पुलिस बल भेजे गये थे। उपद्रव हिंसक घटना में दज्रन भर पुलिसकर्मी समेत 20 लोग जख्मी हुए हैं। दो लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्य विपक्षी दल हिंसक वारदात को सरकार की विफलता बते रहे हैं। गवर्नर रमेश बैस भी डीजीपी व अन्य अफसरों को तलब कर मामले की जानकारी लिया है। ऐसे में रांची एसएसपी पर गाज गिरने की संभावना है।