Jharkhand: रांची सदर थानेदार पर गाली गलौज करने का आरोप, पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत लाईन क्लोज

झारखंड में रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने सदर थाना प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर  लक्ष्मीकांतको लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग भी चलेगी।

Jharkhand: रांची सदर थानेदार पर गाली गलौज करने का आरोप, पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत लाईन क्लोज
  • विधानसभा में उठा था पीड़ितों से गाली गलौज करने का मामला
  • सदर DSP के रीडर व ASI पर रिश्वत मांगने की हो रही जांच

रांची। झारखंड में रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने सदर थाना प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर  लक्ष्मीकांतको लाइन हाजिर कर दिया है। पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग भी चलेगी।

यह भी पढ़ें: Dhanbad: डीसी ने की MLA के साथ बैठक, सभास्थल पर सिटिंग अरेंजमेंट, वाहन पार्किंग, आदि बिंदुओं पर चर्चा

पुलिस इंस्पेक्टर  लक्ष्मीकांत का कथित तौर पर एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो कोकर की पीड़िता मीना देवी व उनके परिजनों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते दिख रहे हैं। इस मामले को कांग्रेस एमएलए शिल्पी नेहा तिर्की ने सोमवार को सदन में उठाया था। जिसके बाद एसएसपी ने सदर थाना प्रभारी को लाइन क्लोज कर दिया है।
डीएसपी के रीडर और सदर थाना के एएसआई पर रिश्वत मांगने का आरोप
सदर पुलिस स्टेशन के अफसर इंचार्ज लक्ष्मीकांत द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करने से संबंधित मामले की जांच सदर डीएसपी संजीव कुमार बेसरा कर रहे हैं। बार मालिक से सदर पुलिस स्टेशन के एएसआई ने एफआइआर दर्ज करने के लिये 50 हजार रुपये और सदर डीएसपी के रीडर ने केस मजबूत करने के नाम पर एक लाख रुपये की मांग की है। इसकी जांच सिटी एसपी कर रहे हैं। इन दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए सदर थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन वापस किया गया है।
विधानसभा में कार्यवाही के दौरान उठा था मामला
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को यह मामला उठा था। कांग्रेस एमएलए शिल्पी नेहा तिर्की ने सदन में मामले को उठाते हुए कहा था कि पिछले दिनों रांची में घिनौना मामला सामने आया है। अपनी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायत लेकर आदिवासी समाज के कुछ लोग सदर थाना पहुंचे तो उनलोगों के साथ थाना प्रभारी ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। उनके साथ गलत व्यवहार भी किया गया, जो निंदनीय है। इस मामले पर सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की उन्होंने मांग की। संसदीय कार्य मंत्री से त्वरित कार्रवाई एवं इसका जवाब भी सदन में ही देने की मांग की।