Jharkhand: PM नरेंद्र मोदी शाम को पहुंच रहे रांची, 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जन्मभूमि उलिहातू जायेंगे

पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार की शआम झारखंड आ रहे हैं। वे 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) के अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू में स्थित उनकी जन्मभूमि पहुंचेंगे। यहां बिरसा मुंडा की माटी को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। 

Jharkhand: PM नरेंद्र मोदी शाम को पहुंच रहे रांची, 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जन्मभूमि उलिहातू जायेंगे
पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)।
  • 24 हजार करोड़ के पीवीटीजी मिशन की शुरुआत करेंगे 

रांची। पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार की शआम झारखंड आ रहे हैं। वे 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) के अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू में स्थित उनकी जन्मभूमि पहुंचेंगे। यहां बिरसा मुंडा की माटी को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। 

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रांची में करेंगे रोड शो
प्रधानमंत्री आज शाम रांची पहुंच जायेंगे। यहां रात्रि में राजभवन में विश्राम करेंगे।15 नवंबर को खूंटी जाने से पहले राजधानी रांची में रोड शो भी करेंगे। 15 नवंबर को ही झारखंड का स्थापना दिवस भी है। पीएम आगमन को लेकर झारखंडवासियों में विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है।


24 हजार करोड़ के पीवीटीजी मिशन की शुरुआत करेंगे पीएम
पीएम नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) के अवसर पर झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू में स्थित उनकी जन्मभूमि में उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि देंगे। इस दौरान वह उनके परिजनों से भी बात करेंगे। पीएमनरेंद्र मोदी कई परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे। पीएम के कार्यक्रम को लेकर रांची से खूंटी तक जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। पीएम इस कार्यक्रम के लिए 14 नवंबर की शाम को ही रांची पहुंच जाएंगे। यहां वह राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। साथ ही 15 नवंबर को खूंटी जाने से पहले रांची में रोड शो भी करेंगे।पीएम 15 नवंबर को उलिहातू से ही पूरे देश के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत करेंगे, जिसके माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं से लोगों को अवगत कराते हुए उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
उलिहातू में करेंगे कई तकनीकी संस्थानों के नये भवनों का उद्घाटन
उलिहातू से पीएम झारखंड के कई तकनीकी संस्थानों के नए भवनों का उद्घाटन भी करेंगे। खूंटी स्थित बिरसा कालेज मैदान में आयोजित जनसभा में पीएम कई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं।आईआईटी (आईएसएम) धनबाद और रांची के आईआइएम के नए भवन का उद्घाटन भी पीएम यहां से ऑनलाइन करेंगे।

भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से बात करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री यहां भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से बातचीत भी करेंगे। खूंटी में पीएम लगभग ढाई घंटे बिताएंगे। यहां प्रधानमंत्री ट्राइबल प्रदर्शन का अवलोकन करेंगे और ट्राइबल एचीवर्स से बातचीत भी करेंगे।वह यहां पीवीजीटी मिशन की शार्ट फिल्म व पोर्टल भी लांच करेंगे। कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सीएम हेमंत सोरेन और गवर्नर सीपी राधाकृष्णन की मौजूदगी रहेगी।
उलिहातू का दौरा करने वाले देश के पहले पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी खूंटी स्थित भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू का दौरा करने वाले देश के पहले पीएम हैं।जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर पीएम उलिहातू से 15 नवंबर को 24 हजार करोड़ की लागत से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के उत्थान के लिए पीवीटीजी विकास मिशन की घोषणा करेंगे।

जनजातीय समुदाय तक पहुंचेगी सुविधाएं
कमजोर जनजातीय समूह विकास मिशन के दायरे में देशभर के 75 कमजोर जनजातीय समूहों की 28 लाख आबादी आएगी। यह आबादी देश के 220 जिलों के 22,544 गांवों में निवास करती है।इस विशेष योजना के तहत मजोर जनजातीय समूहों तक सड़क, टेलीकाम, बिजली, सुरक्षित मकान, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण और जीविका की सुविधाएं पहुंचाए जाएंगी।
पीएम कई परियोजनाओं की रखेंगे आधारशिला
इसके अलावा, जनजातीय समुदाय तक पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीवी उन्मूलन, 100 प्रतिशत टीकाकरण, पीएम मातृ वंदन योजना, पीएम पोषण और पीएम जन-धन योजना का लाभ भी सुदूर इलाकों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। अपने दौरे के क्रम में प्रधानमंत्री 7,200 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कई योजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस मौके पर वह पीएम-किसान योजना की 15वीं किस्त के तौर पर 18 हजार करोड़ रुपये भी जारी करेंगे। इसके अलावा वह केंद्र की नौ वर्षों की उपलब्धियों और फ्लैगशिप योजनाओं के प्रसार तथा जागरूकता के लिए देश भर में जाने वाली विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत भी उलिहातू से करेंगे।

जिन योजनाओं की आधारशिला रखेंगे
राष्ट्रीय राजमार्ग-133 पर 52 किलोमीटर लंबा महगामा-हंसडीहा फोरलेन।
एनएच-14ए पर 45 किलोमीटर लंबा बासुकीनाथ-देवघर फोरलेन।
केडीएच-पुरनाडीह कोल हैंडलिंग प्लांट।
ट्रिपल आइटी, रांची का नया अकादमिक भवन।
जिनका करेंगे उद्घाटन
आईआईएम, रांची का नया कैंपस।
आईआईटी आइएसएम धनबाद का नया हॉस्टल।
बोकारो में पेट्रोलियन और लुब्रिकेंट डिपो।
रेलवे के हटिया-पकरा, तालगड़िया-बोकारो और जरंगडीह-पतरातू सेक्शन लाइन का दोहरीकरण।
झारखंड में 100 प्रतिशत रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन।
192 करोड़ की लागत से 60 हजार स्क्वाॅयर मीटर बना है IIT ISM का हॉस्टल

पीएम नरेंद्र आइआइटी आइएसएम में बने नवनिर्मित ब्वाॅयज हाॅस्टल एक्वा मरीन का उद्घाटन 15 नवंबर को आनलाइन मोड में करेंगे। यह दो हजार बेड का छात्रावास आइएसएम का सबसे बड़ा हास्टल है।आइएसएम के स्टूडेंट्स ने इंस्टाग्राम पर वोटिंग के आधार पर इस छात्रावास का नामकरण किया था। नवनिर्मित हाॅस्टल की संरचना मछली के आकार जैसी है। अब छात्रों के लिए जगह की कमी नहीं होगी। प्रधानमंत्री रांची आ रहे हैं। यहां वो कई केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें यह हाॅस्टल भी शामिल है।
एक्वा मरीन में हैं एक हजार कमरे
आइआइटी आइएसएम के नवनिर्मित ब्वायज हास्टल का निर्माण 192 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह हाॅस्टल जी प्लस 14 फ्लोर का है। इसमें एक हजार कमरे हैं। इसका आकार मछली की पूंछ की तरह है। इसमें दो हजार छात्रों की रहने की क्षमता है। इसका नामकरण भी संस्थान के अन्य हाॅस्टल की तर्ज पर रत्नों के नाम पर किया गया है। छात्रों के बीच हुए ऑनलाइन वोटिंग के बाद इसका नामकरण एक्वा मरीन रखा गया।
आइएसएम में 11 हाॅस्टल
आइआइटी आइएसएम देश के प्रतिष्ठित इंजीनियिरंग संस्थानों में एक है। यहां की माइनिंग की पढ़ाई का कोई सानी नहीं है।आइएसएम सिर्फ शैक्षणिक गतिविधियों के लिए ही नहीं अपनी हाॅस्टल सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है। संस्थान के छह हजार से अधिक छात्रों को घर जैसा माहौल देने के लिए 11 हाॅस्टल इसकी बुलंदी की कहानी बताते हैं।

रत्न पर रखे गए हैं हॉस्टल के नाम
आइआइटी आइएसएम में बीटेक, एमटेक, जेआरएफ समेत अन्य ब्रांचों के छात्रों की संख्या 7034 से अधिक है। संस्थान के 364 से अधिक फैकेल्टी इन्हें शिक्षा-दीक्षा दे रहे हैं।छात्रों के लिए 11 हास्टल की सुविधा प्रदान की गई है। इनमें अंबर, डायमंड, एमराल्ड, इंटरनेशनल, जैस्पर, ओपल, रोजलीन, रूबी, सफायर, टोपाज और नवनिर्मित दो हजार क्षमता का ब्वाॅयज हास्टल शामिल हैं। सबसे अहम यह है कि जितने भी हास्टल हैं उनके नाम किसी न किसी रत्न पर रखे गए हैं।

एक्वा मरीन हास्टल की खासियत
मछली के आकार का होने के नाते इसका नाम एक्वामरीन रखा गया है।
हास्टल में एक हजार कमरे हैं, इसमें दो हजार बेड है।
एक साथ तीन हजार छात्र बैठकर भोजन कर सकते हैं।
60 हजार स्क्वायर मीटर में हास्टल बना है, इसपर 192 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।
हाॅस्टल में वाईफाई की सुविधा है।