Jharkhand Liquor Scam : बिजनसमैन विनय सिंह की खोज में रेड, सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी की टीम नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंहकी खोज में दिल्ली में रेड कर रही है। विनय के दिल्ली में होने की सूचना पर एसीबी झारखंड की टीम ने देश की राजधानी में रेड कर रही है।

- शराब घोटाला विनय सिंह पर कसा शिकंजा
- दिल्ली में एसीबी की रेड जारी
रांची। झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी की टीम नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंहकी खोज में दिल्ली में रेड कर रही है। विनय के दिल्ली में होने की सूचना पर एसीबी झारखंड की टीम ने देश की राजधानी में रेड कर रही है।
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एसीबी द्वारा गुरुवार की देर शाम दिल्ली में विनय सिंह को कस्टडी में लिये जाने की अपवाह उड़त रही। लेकिन एसीबी की ओर से क इसकी पुष्टि नहीं की गयी है। शराब घोटाला केस में विनय सिंह के खिलाफ नौ जून को ही एसीबी ने रांची स्थित एसीबी की स्पेशल कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लिया था। इसके बाद से ही विनय सिंह की खोज की जा रही है।
विनय सिंह को शराब घोटाला केस में पूर्व में गिरफ्तार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह एक्स जीएम जेएसबीसीएल विनय कुमार चौबे का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। उनपर विनय चौबे की अवैध कमाई को विभिन्न माध्यमों से निवेश करने का आरोप है।एसीबी ने छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी सुमित फैसिलिटी से जुड़े सिद्धार्थ सिंघानिया के विरुद्ध भी गिरफ्तारी वारंट ले लिया है। सिद्धार्थ सिंघानिया पर एसीबी के समन के बावजूद पूछताछ में शामिल नहीं होने का आरोप है। यही वजह है कि एसीबी ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट लिया है।
सिद्धार्थ सिंघानिया पर आरोप
सिद्धार्थ सिंघानिया छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी सुमित फेसिलिटी से जुड़े हुए हैं। आरोप है कि झारखंड में मई 2022 में जब उत्पाद नीति लागू हुई, तब छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियों को झारखंड की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का काम मिला। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के गिरफ्तार तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे से सिद्धार्थ सिंघानिया के बेहतर रिश्ते थे, जिसकी बदौलत उन्हें झारखंड में काम मिला। हालांकि, एक साल के भीतर ही अनियमितता के आरोप में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियों को काम से हटा दिया था।
आरोप है कि एक साजिश के तहत झारखंड में भी छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर शराब की खुदरा बिक्री कराई गई। इसमें सिद्धार्थ सिंघानिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।एसीबी ने सिद्धार्थ सिंघानिया सहित भोपाल के मनीष जैन, राजीव द्विवेदी, पुणे के अजीत जयसिंह राव, अमित प्रभाकर सोलंकी व सुनील कुंभकर को भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन पूछताछ में शामिल होने कोई नहीं पहुंचा।एसीबी को उम्मीद है कि राज्य में शराब बिक्री में 38 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में सिद्धार्थ सिंघानिया से भी पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लग सकती है। इसी उद्देश्य से उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे जब उपस्थित नहीं हुए तब गिरफ्तारी वारंट हासिल किया।।