झारखंड: रांची में जमीन माफिया ने दिनदहाड़े हड़प ली 55 एकड़ सरकारी जमीन, FIR

राजधानी रांची में जमीन माफिया की साठगांठ से जमीन घोटाला हो रहा है। बड़ागाईं अंचल की 55 एकड़ सरकारी जमीन मामले में गड़बड़ी के बाद बडग़ाईं सीओ की ओर से खेलगांव पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई है। 

  • जमीन माफिया ने एनआइसी अफसरों से साठगांठ कर गलत तरीके से 55 एकड़ सरकारी जमीन की जमाबंदी करा ली
  • खतियान से छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन को रैयती जमीन बनाने का खुलासा 
  • राजधानी में माफिया,सफेदपोशों  व अफसरों की सांठगांठ से चल रहा है जमीन का खेल

रांची। राजधानी रांची में जमीन माफिया की साठगांठ से जमीन घोटाला हो रहा है। बड़ागाईं अंचल की 55 एकड़ सरकारी जमीन मामले में गड़बड़ी के बाद बडग़ाईं सीओ की ओर से खेलगांव पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई गई है। 
FIR में कहा गया है कि होटवार मौजा की कुल 54.75 एकड़ जमीन की जमाबंदी नगनारायण सिंह के नाम पर दर्ज है। जबकि यह जमीन पूरी तरह सरकारी है।सीओ ने बताया गया है कि गैरमजरूआ जमीन की अवैध जमाबंदी की गयी है। जानकारी मिलने पर जब जांच की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। जांच में पता चला है कि पंजी टू की अवैध जमाबंदी जमीन अपने नाम कराने वाले लोगों और एनआइसी के अफसरों की मिलीभगत से की गई है। मामले में सीओ की ओर से गाड़ी होटवार निवासी एनजी अपार्टमेंट के सामने रहने वाले नरेंद्र गोप, मनन गोप और एनआइसी के अफसर व स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 
रिकार्ड रूम में अलग डिटेल है दर्ज  

सीओ की ओर से एफआइआर में कहा गया है कि खतियान में कॉलम में कैफियत कालेज में शिवदेनी चौधरी पिता जीवत चौधरी दिख रहा है। जबकि रिकार्ड रूम और सीओ ऑफिस के खतियान में यह विवरण नहीं है। तीन जुलाई 2017 की आनलाइन डाउनलोड खतियान में भी यह विवरण नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि तीन जुलाई 2017 के बाद यह छेड़छाड़ की गई है। 

एसी के लॉग इन से ही होता है खतियान में सुधार  

एफआइआर के अनुसार किसी भी प्रकार के रिकार्ड में सुधार या खतियान में सुधार एसी के लॉग इन से ही हो सकती है। इस जमीन को लेकर किसी भी सुधार के लिए सीओ बड़ागाईं की ओर से कोई भी अनुशंसा नहीं की गई है। 16 दिसंबर को अपर समाहर्ता के लॉग इन से जानने का प्रयास किया गया कि खतियान के रिकार्ड में छेड़छाड़ किस स्तर से हुआ है। पता चला कि एसी या सीओ ऑफिस से कोई भी सुधार या छेड़छाड़ नहीं की गई है। यह जमाबंदी पूरी तरह संदेह के घेरे में है। इसकी जांच की जा रही है। 

जमीन  की अवैध जमाबंदी की हो रही जांच

होटवार मौजा के खाता नंबर 72, प्लॉट नंबर 1004, 1042, 1062, 1063, 1065, 1093, 1099, 1139, 1161, 1180, 1206, 1211, 1228, 179, 182, 30, 42, 463, 466, 674, 520, 542, 640, 780, 798, 832, 833, 926 और 953 की 54.75 एकड़ जमीन। 

बड़ा सिंडिकेट कर रहा है काम
राजधानी रांची व आसपास में खतियान से छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन को रैयती जमीन बनाने का खेल चल रहा है। यही खासमहल व आदिवासी जमीन को लेकर भी है। जमीन माफिया,सफेदपोशों  व अफसरों की सांठगांठ से चल रहा है जमीन कब्जा का खेल एक दशक से चल रहा है। इसमें पुलिस व प्रशानिक अफसरों की भी मिलीभत रही है। जमीन कब्जा मामले में एफआइआर दर्ज होने पर कारोबार में शामिल लोग अपने  पक्ष में डिसीजन के लिए तरह-तरह से प्रेशर डलवाते हैं। मामले में सही एक्शन लेनेवाले अफसरों के खिलाफ पुलिस हेडक्वार्डर व गवर्नमेंट तक फॉल्स व गल आरोप लगाकार कंपलेन करवा दी जाती है।