झारखंड : जज उत्तम आनंद मर्डर केस की जांच से हाईकोर्ट असंतुष्ट, कहा- CBI हर पहलू की करे जांच

झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट से असंतुष्टिस जताई। कोर्ट ने इन्विस्टीगेशन अफसर से कई सवाल पूछे, जिनका वह सही जवाब नहीं दे पाये। 

झारखंड : जज उत्तम आनंद मर्डर केस की जांच से हाईकोर्ट असंतुष्ट, कहा- CBI हर पहलू की करे जांच
  • गवर्नमेंट धनबाद के न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे

रांची। झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट से असंतुष्टिस जताई। कोर्ट ने इन्विस्टीगेशन अफसर से कई सवाल पूछे, जिनका वह सही जवाब नहीं दे पाये। 
कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज दिखाकर आईओ से सवाल पूछा कि जब ऑटो वाले ने जज को टक्कर मारी तो क्या इंपैक्ट वाली जगह की जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया है या नहीं। इन्विस्टीगेशन अफसर ने कहा कि एसआइटी ने पूरे ऑटो को ही रांची एफएसएल भेजा है लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीबीआइ से आग्रह होगा कि वह समय न गुजरे। हाई कोर्ट  ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनपर भरोसा जताया था तो कोर्ट इसकी निगरानी करते हुए जांच को पूरा करायेगी।

कोर्ट ने कहा कि हमें एसआईटी और सीबीआई पर पूरा भरोसा है। हम जांच एजेंसियों का मनोबल नहीं गिराना चाहते. लेकिन इस घटना के पीछे जो भी व्यक्ति है उसे सजा मिले। इसके लिए प्रोफेशनल तरीके से जांच काफी जरूरी है। कोर्ट ने सीबीआई को अगली सुनवाई के दिन कंक्रीट रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक कोर्ट इस मामले में अपनी निगरानी बनाए रखेगा। कोर्ट ने सीबीआई को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट का मानना है कि अगर ऑटो से टक्कर हुई है तो इंपैक्ट वाली जगह पर ब्लड, बाल, चमड़ा का निशान जरूर होगा। इसकी एफएसएल जांच से कुछ जरूर सामने आयेगा। दूसरे स्टेट से तार जुड़ने के सवाल पर आइओ ने कहा कि अभी तक कि जांच में ऐसी बात सामने नहीं आई हैं।

हाई कोर्ट इस बात पर भी जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट इसी लिए पुलिस रिफॉर्म की बात कह रहा है, ताकि जांच और कानून व्यवस्था देखने वाले विंग को अलग अलग किया जाए, लेकिन कोई सरकार इसपर ध्यान नहीं दे रही है। किसी भी मामले में प्रोफेशनल जांच जरूरी है, नहीं तो कई बार आरोपी बरी हो जाते है। हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हर सप्ताह इसकी सुनवाई होगी। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। कोर्ट ने सीबीआई से सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट मांगी है।सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि हर सप्ताह जांच की प्रगति रिपोर्ट में हाईकोर्ट में दाखिल करें। ताकि हाई कोर्ट उसकी समीक्षा कर सके।

ज्यूडिशियलअफसरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे
कोर्ट ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को निर्देश दिया कि धनबाद के सभी न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे। उनके आवासीय परिसर को भी सुरक्षा दी जाये। एडवोकेट जनरल ने विशेष सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने का आश्वासन कोर्ट को दिया। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में बेहतर प्रयास किये गये हैं। 
लाई डिटेक्टर टेस्ट में भी ऑटो ड्राइवर ने दोहराई पुरानी बात

सीबीआइ की स्पेशल टीम ने नौ अगस्त को अदालत से दोनों आरोपितों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाउस में आरोपित आटो चालक राहुल वर्मा और उसके सहयोगी लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट, ब्रेन मैपिंग व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआइ की टीम फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर गई थी। धनबाद स्टेशन से घटनास्थल तक के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। दोनों ने लाइ डिटेक्टर टेस्ट में भी ऑटो ड्राइवर ने नशा में ध्काक की मारने की बात कही है। किसी तरह की साजिश से इनकार किया है। 
28 जुलाई की सुबह ऑटो चक्कर की हुई थी मौत

धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह घर से सुबह पांच बजे के मॉर्निंग वाक के लिए निकले थे। इसी दौरान एक आटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी।उन्हें एसएनएमसीच पहुंचाया गया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। जज की वाइफ ने मामले में धनबाद पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी। 
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा रहा है कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ जाकर उत्तम आनंद को धक्का मारा। इसके बाद ऑोटो सीधा कर आगे की ओर से निकल गये। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।जज उत्तम आनंद के हादसे की फोटो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसमें साफ देखा जा सकता है कि ऑटो बीच सड़क से बायी ओर मुंडकर रोड के किनारे आता है। फिर धक्का मारने के बाद भाग निकलता है। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हादसे को मर्डर की साजिश के रूप में देखा जाने लगा। 
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 टीम में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआइ घटनास्थाल पर दो-दो बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। बावजूद अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है।लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और साइंटिफिक एवीडेंस से सीबीआइ टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है।