झारखंड कांग्रेस में नया फेरबदल, पर चेहरों में पुरानी पैरवी—बाहरी नेताओं को भी मिला जिलाध्यक्ष का ताज
झारखंड कांग्रेस की नई टीम में पुराने चेहरों की वापसी, बड़े नेताओं और मंत्रियों की पसंद हावी। चतरा-लातेहार में सदस्यता पर उठे सवाल, बाहरी नेताओं को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया।

- बड़े नेताओं की पैरवी से बनी जिलाध्यक्षों की लिस्ट
- संगठन सृजन पर सवाल
रांची। झारखंड कांग्रेस की नयी संगठनात्मक टीम में “नए चेहरों” के दावे के बावजूद पुराने नेताओं का ही बोलबाला दिख रहा है। संगठन सृजन के संकल्प की अनदेखी हुई है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी के.राजू ने पहले कहा था कि पार्टी अब युवाओं और समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ायेगी, मगर अंतिम सूची में बड़े नेताओं और मंत्रियों की पसंद हावी नज़र आयी।
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कांग्रेस की ओर से जारी सूची में कई जिलों में पुराने और परिचित चेहरों को ही जिलाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, कुछ जिलों में ऐसे लोगों को पद मिला है जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सुखदेव भगत, सुबोधकांत सहाय, एक्स एमपी धीरज प्रसाद साहू और विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप जैसे दिग्गजों की पसंद को अहमियत दी गयी है।
चतरा और लातेहार के जिलाध्यक्षों की सदस्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और राधाकृष्ण किशोर का प्रभाव भी साफ दिखता है। हालांकि राधाकृष्ण किशोर अपने पुत्र को जिलाध्यक्ष नहीं बनवा सके। जामताड़ा में दीपिका बेसरा को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। साहेबगंज में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पसंद का ख्याल रखा गया है। गोड्डा में दीपिका पांडेय सिंह की चली है।
जलेश्वर महतो व पूर्णिमा नीरज सिंह की नहीं चली
धनबाद में संतोष कुमार सिंह की जोरदार पैरवी बेरमो एमएलए कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने की। कहा जाता है कि अनूप सिंह दिल्ली तक जबरदस्त लॉबिंग करते रहे। सीनीयर लीडर अजय कुमार दूबे पिछली बार की तरह इस बार भी संतोष सिंह के लिए लगे रहे। पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी समीरण के लिए संतोष सिंह के पक्ष में रहे। जलेश्वर महतो व पूर्णिमा नीरज सिंह चाहकर भी संतोष का कुछ नहीं बिगाड़ सके।
देवघर में प्रदीप यादव की पसंद पर मुकुंद दास को जिम्मेदारी मिली है, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। कोडरमा में माले छोड़कर आये प्रकाश रजक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। रांची ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सोमनाथ मुंडा विधायक सुरेश बैठा और राजेश कच्छप के करीबी बताये जा रहे हैं।
गुमला, साहेबगंज और सरायकेला-खरसावां में भी बड़े नेताओं की सिफारिशों पर नियुक्तियां हुई हैं। खासकर सरायकेला में राज बागची को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, जो अभी एक साल पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे।इस फेरबदल से कांग्रेस के भीतर संगठन सृजन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी सोर्सेज का कहना है कि यह फेरबदल “नये नेतृत्व” की बजाय “पुराने प्रभाव” का ही विस्तार है।