झारखंड: पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ चुनाव आयोग में  कंपलेन, खतरे में कुर्सी

झारखंड गवर्नमेंट के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की सदस्यता का मामला भारत निर्वाचन आयोग पहुंचा है। विधानसभा चुनाव के समय उनके द्वारा कंट्रेक्ट कंपनी संचालित किये जाने तथा इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9A के दायरे में आने की कंपलेनक की गयी है।  

झारखंड: पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ चुनाव आयोग में  कंपलेन, खतरे में कुर्सी
  • मिनिस्टर पर ठेकेदारी करने के आरोप 

रांची। झारखंड गवर्नमेंट के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर की सदस्यता का मामला भारत निर्वाचन आयोग पहुंचा है। विधानसभा चुनाव के समय उनके द्वारा कंट्रेक्ट कंपनी संचालित किये जाने तथा इसे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9A के दायरे में आने की कंपलेन की गयी है।  

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कंपलेन के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड  के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से इसपर नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है। इसकी गई रिपोर्ट की जानकारी देने को कहा है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रविकुमार ने गढ़वा के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र भेजकर आयोग को मिली शिकायत पर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है ताकि उससे चुनाव आयोग को अवगत कराया जा सके।
कंपलेनेंट सुनील महतो ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान मिथिलेश ठाकुर द्वारा भरे गए फार्म- 26 में इसका उल्लेख है कि वे चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स के पार्टनर हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है। विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी राज्य सरकार के साथ की गई कई टेंडरअस्तित्व में थीं। कंपलेन में ऐसी कई टेंडर का उल्लेख भी किया गया है। कंपलेनेंट ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी सदस्यता रद करने की मांग की है।
मिथिलेश ठाकुर के नाम पर किया गया कंट्रेक्ट 
सरायकेला खरसावां में संजय नदी पर पर 8.18 करोड़ की लागत से पुल।
चक्रधरपुर में 9.39 करोड़ की लागत से नगर परिषद कार्यालय का निर्माण।

समरी लाल की सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग से सलाह लेगा राजभवन

गवर्नर रमेश बैस कांके विधायक समरी लाल की सदस्यता खत्म करने के मामले में भी भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य लेंगे। राजभवन इसकी तैयारी कर रहा है। राजभवन इसमें किसी प्रकार की जल्दबाजी की बजाय मामले की पूरी जांच कर रहा है। राजभवन की नजर झारखंड उच्च न्यायालय में 27 अप्रैल को होनेवाली सुनवाई पर है।उल्लेखनीय है कि समरी लाल ने राज्य सरकार के उस आदेश के विरुद्ध याचिका दाखिल की है जिसमें उनका अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद कर दिया गया है। कल्याण सचिव की अध्यक्षता में गठित जाति छानबीन समिति ने सुरेश बैठा की शिकायत की जांच के बाद उनका जाति प्रमाणपत्र गलत पाया था। इसके बाद इस मामले को आवश्यक कार्रवाई के लिए राजभवन भेज दिया गया था।