Jharkhand: शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी CBI, लोकपाल ने दिया आदेश

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिलाफ सीबीआई आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी। लोकपाल इंडिया की तीन सदस्यीय कमेटी मेंशामिल जस्टिस अभिलाषा कुमारी, अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। 

Jharkhand: शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी CBI, लोकपाल ने दिया आदेश
शिबू सोरेन (फाइल फोटो)।
  • जांच एजेंसी को हर महीने प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी

रांची। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिलाफ सीबीआई आय से अधिक संपत्ति की जांच करेगी। लोकपाल इंडिया की तीन सदस्यीय कमेटी मेंशामिल जस्टिस अभिलाषा कुमारी, अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। 
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लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम की धाराओं के तहत सीबीआई को छह माह में जांच पूरी करने का आदेश दिया गया है। लोकपाल ने आदेश जारी किया है कि प्रत्येक माह की प्रोग्रेस रिपोर्ट सीबीआई देगी, वहीं 30 अप्रैल तक पहली रिपोर्ट जमा करनी होगी। सीबीआई को पीई में आये तथ्यों के आधार पर आगे कार्रवाई का आदेश दिया गया है। सीबीआई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर सकती है। लोकपाल ने आदेश दिया है कि पांच अगस्त 2020 की डेडलाइन से सात साल पहले अर्जित संपत्ति की जांच धारा 53 के प्रावधानों के तहत नहीं की जा सकती, लेकिन शिकायतकर्ता प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की जांच के क्रम में अपनी बात सीबीआई के समक्ष रख सकते हैं।
जांच के दायरे में दो संपत्तियां
लोकायुत ने अपने फैसले में लिखा हैकि राज्यसभा सांसद ने कई संपत्तियों की खरीद सरकारी दर से भी कम पर की। वहीं अमित अग्रवाल के जरिए शेल कंपनियों में भारी निवेश किया गया। बोकारो के एक होटल व एक स्कूल का विवरण भी चुनावी हलफनामा में नहीं दिया गया। जेएमएम के द्वारा वर्ष 2014 में ली गई दो संपत्तियां भी जांच के दायरे में हैं।
यह है मामला
बीजेपी के गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे ने पांच अगस्त 2020 को कंपलेन की थी कि राज्यसभा एमपी शिबू सोरेन व उनके फैमिली ने भ्रष्टाचार के जरिए घोषित आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। यह संपत्ति रांची, धनबाद, दुमका में अर्जित की गई। कंपलेन में 57 संपत्तियों का जिक्र था। तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अमित अग्रवाल के जरिए कई कंपनियों में बड़ा निवेश किया है। सीएनटी का उल्लंघन कर राज्यसभा सांसद व उनके परिजनों पर कई जिलों में संपत्ति लेनेका आरोप भी लोकायुक्त को किया गया था। सोहराय भवन में करोड़ों खर्चकर महज 8.38 लाख में निर्माण दर्शाने समेत कई संपत्तियों के विषय में गलत जानकारी देने का आरोप शिकायत में लगाया गया था।
मामले में कब-क्या हुआ
15 सितंबर 2020: पहली बार लोकपाल की फुल बेंच में हुई सुनवाई, सीबीआई को पीई दर्जकर जांच करने का आदेश दिया।
छह  जनवरी 2021: सीबीआई ने पीई की पहली रिपोर्ट दी।

एक जुलाई 2021: वहीं दूसरी डिटेल रिपोर्ट  को दी। इसके बाद राज्यसभा सांसद व उनके परिजनों से सीबीआई ने प्रतिक्रिया मांगी थी।
29 जून 2022: सीबीआई ने अंतिम रिपोर्ट दी थी।
12 सितंबर 2022: दिल्ली हाईकोर्ट में लोकपाल की कार्रवाई पर रोक को याचिका।
 22 जनवरी 2024: दिल्ली हाईकोर्ट लोकपाल की कार्रवाई  से रोक हटाई।
22 फरवरी 2024: लोकपाल ने सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व रख लिया था।