Jharkhand: कारोबारी विनय सिंह का ‘दुबई कनेक्शन’ उजागर — बिहार, बंगाल में भी करोड़ों का निवेश

झारखंड के शराब और भूमि घोटाले के आरोपी कारोबारी विनय सिंह के खिलाफ एसीबी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क, दुबई कनेक्शन और बिहार-बंगाल में भारी निवेश का पता चला है।

Jharkhand: कारोबारी विनय सिंह का ‘दुबई कनेक्शन’ उजागर — बिहार, बंगाल में भी करोड़ों का निवेश
विनय सिंह (फाइल फोटो)।
  • ACB ने पकड़ा मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क!

रांची। झारखंड के चर्चित शराब और भूमि घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी विनय सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच लगातार गहराती जा रही है। अब तक की जांच में एसीबी को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं—जिनमें दुबई कनेक्शन, बिहार-बंगाल में निवेश और कई ब्यूरोक्रैट्स के ब्लैक मनी के इन्वेस्टमेंट शामिल हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, एसीबी ने यह पुष्टि की है कि विनय सिंह की कंपनी M/s SS Motogen Pvt. Ltd. के जरिए करोड़ों रुपये का संदिग्ध लोन और फर्जी निवेश दिखाकर मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क खड़ा किया गया। यह कंपनी असल में “काले धन को वैध दिखाने का जरिया” थी, न कि कोई वास्तविक ऑटोमोबाइल व्यवसाय।
दुबई तक पहुंचा धन, बिहार-बंगाल में भी निवेश
प्रारंभिक जांच में एसीबी को कई बैंक खातों और डिजिटल रिकॉर्ड्स से यह प्रमाण मिला है कि विनय सिंह ने दुबई में करोड़ों रुपये इन्वेस्ट किए। वहीं, उनके बिहार (लखीसराय, पटना) और पश्चिम बंगाल (कोलकाता) में भी चल-अचल संपत्तियों में निवेश की जानकारी सामने आयी है। एसीबी अब इस पूरे मनी ट्रेल का पता लगाने में जुटी है — ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किन ब्यूरोक्रैट्स और प्रभावशाली अफसरों का पैसा विनय सिंह के नेटवर्क में लगाया गया था।
निलंबित IAS अधिकारी पर सहयोग का आरोप
जांच में यह भी सामने आया है कि निलंबित IAS अफसर विनय कुमार चौबे पर विनय सिंह को आर्थिक लेन-देन और निवेश में सहयोग करने का आरोप है। एसीबी को संकेत मिले हैं कि चौबे सहित कई सीनीयर अफसरों ने अपनी “काली कमाई” को वैध दिखाने के लिए विनय सिंह की कंपनी में निवेश किया।
हजारीबाग जेल अधीक्षक पर विशेष सुविधा का आरोप
विनय सिंह फिलहाल हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल में बंद हैं। लेकिन जेल में उन्हें मिली “विशेष सुविधा” पर भी विवाद खड़ा हो गया है। एसीबी की जांच में सामने आया कि तत्कालीन जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र सिंह ने जेल मैनुअल के विपरीत जाकर विनय सिंह को विशेष सुविधाएं दीं। पूछताछ में उन्होंने इसे स्वीकार भी किया है। एसीबी ने उनका iPhone और अन्य डिजिटल डिवाइस जब्त कर लिया है।
ACB की छापेमारी में बड़ा खुलासा
28 सितंबर को एसीबी ने विनय सिंह के रांची, गुमला, और हजारीबाग स्थित चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान एजेंसी को 198 फाइलें, 27 सीपीयू और कई लैपटॉप मिले थे। फाइलों की जांच में एसीबी को घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियां मिली हैं। प्रारंभिक विश्लेषण से पता चला है कि कंपनी ने फर्जी शेयर पूंजी और संदिग्ध लोन के जरिए काले धन को “लेयरिंग” और “कन्सीलमेंट” की प्रक्रिया से वैध रूप देने की कोशिश की। एसीबी ने विनय सिंह से जुड़े उनके रांची, गुमला व हजारीबाग के आटोमोबाइल शोरूम को सील भी किया था, जो अब तक सील हैं।
फॉरेंसिक जांच से पुष्टि
फॉरेंसिक अकाउंटिंग से यह पुष्टि हुई है कि M/s SS Motogen Pvt. Ltd. का उद्देश्य वास्तविक व्यवसाय नहीं था। इसके तहत Proceeds of Crime (घोटाले से अर्जित अवैध धन) को वैध दिखाने के लिए पूंजी और निवेश की जटिल परतें बनायी गयी। एसीबी अफसरों का मानना है कि यह सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि इंटरस्टेट और इंटरनेशनल लेवल पर फैला मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क है, जिसकी जड़ें बिहार, बंगाल और दुबई तक फैली हैं।फॉरेंसिक अकाउंटिंग से पता चला है कि कंपनी का उद्देश्य वास्तविक व्यापार नहीं, बल्कि काले धन की परतें बनाना (Layering) था।
एसीबी की जांच में यह पाया गया है कि कंपनी ने अल्प अवधि में विभिन्न बैंकों से बड़ी राशि का लोन हासिल किया गया, जबकि कंपनी का कोई वास्तविक व्यापारिक ढांचा या उत्पादन-बिक्री से जुड़ा कोई गतिविधि नहीं था। एसीबी को जांच में जो साक्ष्य मिले हैं, उससे एसीबी के अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि लोन की राशि का उपयोग वास्तविक व्यवसाय के बजाय निजी संपत्तियों और अन्य खातों में स्थानांतरित करके किया गया था। इस तरह यह एक सुनियोजित प्रक्रिया थी, जिसमें अवैध धन को Layering और Concealment के माध्यम से “Proceeds of Crime” को वैध रूप दिया जा रहा था।
आगे की जांच में और नामों के खुलासे की संभावना
एसीबी अब विनय सिंह के सभी वित्तीय लेन-देन, विदेशी खातों और निवेश से जुड़े दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच करा रही है। साथ ही, नौकरशाहों और कारोबारियों के बीच हुई डीलिंग का भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
निष्कर्ष
विनय सिंह केस सिर्फ एक कारोबारी के भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि झारखंड के अफसरशाही और कारोबारी गठजोड़ का वह चेहरा है, जो अब एसीबी की जांच की जद में है। दुबई से लेकर पटना और कोलकाता तक फैले इस नेटवर्क की परतें खुलने पर राज्य की राजनीति और नौकरशाही में भूचाल आ सकता है।
Source: ACB जांच दस्तावेज़ एवं सूत्रों से प्राप्त जानकारी
 Reported by: Threesocieties.com Desk