झारखंड: FSL रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, शाहरूख ने ही दुमका में लड़की को पेट्रोल छिड़ककर जलाया था

झारखंड की उपराजधानी दुमका में मुस्लिम युवकों द्वारा पेट्रोल छिड़ककर जला दी गई किशोरी के मामले में एसएफएसएल की रिपोर्ट ने दोनों आरोपितों शाहरूख व नईम के विरुद्ध लगे आरोपों की पुष्टि की है। मामले की जांच में जुटाये गये पुलिस के फोरेंसिक एवीडेंस एसएफएसएल में सही साबित हुए हैं। 

झारखंड: FSL रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, शाहरूख ने ही  दुमका में लड़की को पेट्रोल छिड़ककर जलाया था
  • पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में बोतल में पेट्रोल भराने वाले दोनों युवक शाहरूख व नईम ही निकले

रांची। झारखंड की उपराजधानी दुमका में मुस्लिम युवकों द्वारा पेट्रोल छिड़ककर जला दी गई किशोरी के मामले में एसएफएसएल की रिपोर्ट ने दोनों आरोपितों शाहरूख व नईम के विरुद्ध लगे आरोपों की पुष्टि की है। मामले की जांच में जुटाये गये पुलिस के फोरेंसिक एवीडेंस एसएफएसएल में सही साबित हुए हैं। 

यह भी पढ़ें:बिहार: हाजीपुर सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में चल रही थी कॉलगर्ल पार्टी, पुलिस की रेड कई लड़कियां पकड़ायी
दुमका पुलिस ने एसएफएसएल की उक्त रिपोर्ट को अपनी चार्जशीट के साथ कोर्ट में जमा कर दिया था। अब मामला दुमका कोर्ट में विचाराधीन है। एसएफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने रसायन की जांच के लिए जो साक्ष्य दिया था। रसायन का विश्लेषण किया गया, जिसमें उक्त रसायन पेट्रोल ही निकला। मरने से पहले किशोरी ने भी पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की बात कही थी। परिजनों ने भी यही बात दुहराई थी और एफएसएल की रिपोर्ट में भी उक्त रसायन पेट्रोल ही निकला। पुलिस ने दूसरे एवीडेंस के रूप में एक पेट्रोल पंप का सीसीटीवी फुटेज व दोनों अरेस्ट आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन व छोटू खान उर्फ नईम खान की फोटो मिलान के लिए दी थी।

जांच में पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी फुटेज में बोतल में पेट्रोल ले रहे दोनों युवक शाहरूख व छोटू खान ही निकले हैं। आग लगाने में इस्तेमाल माचिस की जांच भी फोरेंसिक जांच में साबित हो चुकी है।दोनों आरोपितों व मृतका के मोबाइल (कुल चार मोबाइल) की फोरेंसिक जांच में उनके बीच हुई बातचीत से संबंधित साक्ष्य मिल गये हैं। राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट लव जिहाद के एंगल को पुष्ट करती दिख रही है।

17 साइंटिस्ट ने तैयार की जांच रिपोर्ट

राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के 17 साइंटिस्ट ने दिनरात एक कर किशोरी मर्डर केस में मिले फोरेंसिक एवीडेंस की जांच की थी। स्टेट पुलिस के तत्काल रिपोर्ट देने संबंधित आग्रह पर तत्कालीन एसएफएसएल निदेशक एके बापुली ने स्वयं पूरे मामले की मानीटरिंग की ताकि रिपोर्ट की गुणवत्ता में किसी तरह की कमी न रह जाए।