झारखंड: स्टेट के सभी मंदिरों को हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद में कराना होगा रजिस्ट्रेशन

झारखंड के सभी मंदिरों को अब झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अब तक स्टेट के 678 मंदिरों में से लगभग 100 मंदिरों का ही पर्षद में रजिस्ट्रेशन हुआ है।

झारखंड: स्टेट के सभी मंदिरों को हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद में कराना होगा रजिस्ट्रेशन
  • नोटिस जारी कर देवघर बाबा मंदिर समेत अन्य से मांगा आय-व्यय का ब्योरा

रांची। झारखंड के सभी मंदिरों को अब झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास पर्षद में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अब तक स्टेट के 678 मंदिरों में से लगभग 100 मंदिरों का ही पर्षद में रजिस्ट्रेशन हुआ है।

स्टेट गवर्नमेंट ने विधि विभाग के प्रधान सचिव संजय प्रसाद को वर्ष 2020 की दिसंबर में पर्षद का प्रशासक नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के मंदिरों की संपत्ति के रखरखाव और संचालन में पारदर्शिता के लिए पर्षद की ओर से कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

22 मंदिरों व धर्मशालाओं को नोटिस

उन्होंने एक वेबसाइट बनाने को लेकर आइटी विभाग के सचिव से बातचीत की है, ताकि राज्य के सभी मंदिर और धर्मशालाओं को लिंक किया जाए। इससे कोई भी श्रद्धालु कहीं से भी मंदिर में दर्शन करने का समय और धर्मशाला की बुकिंग ऑनलाइन कर सकेगा। इससे मंदिर की आय में पारदर्शिता आयेगी। उन्होंने बताया कि देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर, दुमका के बासुकीनाथ मंदिर और इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर सहित 22 मंदिरों व धर्मशालाओं को नोटिस भेजकर वार्षिक आय व्यय का ब्योरा मांगा गया है।
उल्लेखनीय है कि बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर मैनेजमेंट ने वर्ष 2017-18 से आय-व्यय का ब्योरा पर्षद को नहीं दिया है। जबकि हर साल 15 जनवरी तक इसकी जानकारी पर्षद को भेजी जानी है। नियमानुसार सभी मंदिरों की उनकी वार्षिक आय की बीस परसेंट और सरकारी कर की राशि घटाकर पांच परसेंट राशि पर्षद में जमा करनी है।

इटखोरी के भद्र काली मंदिर और लातेहार के नगर देवी मंदिर का अभी तक पर्षद में रजिस्ट्रेशन नहीं
पर्षद प्रशासक संजय प्रसाद ने बताया कि रांची के पहाड़ी मंदिर, इटखोरी के भद्र काली मंदिर और लातेहार के नगर देवी मंदिर का अभी तक पर्षद में  रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। इससे संबंधित नोटिस जारी किया है और सभी मंदिरों को अब पर्षद में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन फीस पांच सौ रुपये है। उन्होंने बताया कि स्टेट के जो भी मंदिर, मठ, धर्मशाला और चैरिटेबल ट्रस्ट वर्ष 2000 के पूर्व बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को फीस देते आ रहे हैं, उन्हें भी वर्ष 2001 से 2020 तक का शुल्क पर्षद को देना होगा।

जिन मंदिरों से मांगा गया आय-व्यय का ब्योरा

बाबा बैद्यनाथ मंदिर (देवघर), बाबा बासुकीनाथ मंदिर (दुमका), मां भद्रकाली मंदिर न्यास समिति इटखोरी, (चतरा), संकट मोचन हनुमान मंदिर मेन रोड (रांची), शिव मंदिर, पहाड़ी मंदिर (रांची), श्री राधा कृष्ण ठाकुरबाड़ी, राजमहल (साहिबगंज), राम मंदिर ट्रस्ट, सर्जंना चौक, पुरुलिया रोड, (रांची), जडॉव कुंमरी ट्रस्ट धर्मशाला (हजारीबाग), श्री राम जानकी ठाकुरबाड़ी न्यास समिति बरहेट (साहिबगंज), श्री अग्रवाल महेश्वरी खंडेलवाल पंचायत भवन (साहिबगंज), सीपी कबीरपंथी धर्मदास भजन मंदिर, सोनारी (जमशेदपुर), श्री ब्रह्मानंद फलाहारी बाबा धर्मशाला (दुमका), श्री राम जानकी मंदिर न्यास समिति, चुटिया (रांची), शंभु मंदिर ट्रस्ट (चाईबासा), आंध्रभक्त श्री राम मंदिरम बिष्ठुपुर (जमशेदपुर), शिवगामी प्रबंधन समिति (साहिबगंज), श्री हनुमान मंदिर समिति खड़ंगाझाड़ (जमशेदपुर), मारवाड़ी ब्राह्मण सभा धर्मशाला, अपर बाजार (रांची), श्री शिवशक्ति धाम ट्रस्ट, सरिया (गिरिडीह), झारखंडी नाथ महादेव मंदिर धार्मिक न्यास समिति (गिरिडीह), श्री मारवाड़ी सत्यनारायण मंदिर धर्मशाला व माता वैष्णव देवी मंदिर ट्रस्ट (रामगढ़)।