झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन के एक्स OSD गोपालजी तिवारी के खिलाफ एसीबी ने फिर मांगी FIR की अनुमति

एसीबी ने सीएम हेमंत सोरेन के एक्स ओएसडी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से फिर अनुमति मांगी है। यह एसीबी का डेढ़ साल के भीतर तीसरा रिमाइंडर है।

झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन के एक्स OSD गोपालजी तिवारी के खिलाफ एसीबी ने फिर मांगी FIR की अनुमति
  • डेढ़ साल के भीतर एसीबी का तीसरा रिमाइंडर

रांची। एसीबी ने सीएम हेमंत सोरेन के एक्स ओएसडी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से फिर अनुमति मांगी है। यह एसीबी का डेढ़ साल के भीतर तीसरा रिमाइंडर है।

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पीई में गोपालजी तिवारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप की पुष्टि

एसीबी की डेढ़ साल पहले प्रारंभिक जांच (पीई) में गोपालजी तिवारी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप की पुष्टि हुई थी। पीई में आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि के बाद एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से FIR दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।गोपाल जी तिवारी पर पद का दुरुपयोग कर आय से 21.55 करोड़ रुपये अर्जित करने और काली कमाई को जमीन व फ्लैट में निवेश करने का आरोप था।ए जुलाई 2020 में एसीबी ने कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने के लिए उनके खिलाफ PE दर्ज की थी। सीबी जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाये गये हैं। इसी आधार पर FIR की अनुमति मांगी गयी है। मंत्रिमंडल निगरानी को की गई अनुशंसा में एसीबी ने लिखा है कि सीएम के पूर्व ओएसडी गोपाल जी तिवारी के विरुद्ध FIR दर्ज करने के लिए पर्याप्त तथ्य मौजूद हैं। इसलिए FIR दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

गोपाल जी तिवारी ने कुछ माह के लिए सीएमत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी के रूप में कार्य किया था। लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। क्योंकि सीएम को उनके कथित भ्रष्ट आचरण के बारे में पता चला था।. एसीबी की जांच में निष्कर्ष निकला है कि गोपाल जी तिवारी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए पर्याप्त भौतिक सबूत हैं।वह एक सरकारी अधिकारी हैं, इसलिए अभियोजन के लिए अनुमति की जरूरत होती है।

गोपाल जी तिवारी ने जुलाई 2020 में दिया था इस्तीफा

हेमंत सोरेन ने सीएम का कार्यभार संभालने के बाद गोपाल जी तिवारी को अपना ओएसडी नियुक्त किया था। वह सड़क निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव का पद भी संभाल रहे थे। उन्होंने  जुलाई 2020 में सीएम से खुद को ओएसडी के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें पता चुका था कि सीएम को उनकी कथित आय से अधिक संपत्ति के बारे में शिकायतें मिली हैं।

21.55 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित का आरोप

झारखंड हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार ने 19 जून 2020 को सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर गोपाल जी तिवारी द्वारा कथित रूप से जमा की गयी संपत्तियों के बारे में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये। वकील ने दावा किया कि गोपाल जी तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया।लगभग 21.55 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जुटाई। सीएम के आदेश पर ही एसीबी ने की थी प्रारंभिक जांच

सीएम हेमंत सोरेन के आदेश पर ही एसीबी ने वर्ष 2020 में गोपाल जी तिवारी के खिलाफ प्रारंभिक जांच की थी। तिवारी को उनके पद से हटाते हुए सीएम ने उनपर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। गोपाल जी तिवारी वर्तमान में पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उनके विरुद्ध सीएम के आदेश पर ही 29 जुलाई 2020 को एसीबी ने पीई दर्ज की थी। एडवोकेट राजीव तिवारी ने मुख्यमंत्री को आवेदन देकर आरोप लगाया था कि गोपाल जी तिवारी के बेटे नीलाभ तिवारी की कंपनी मेसर्स किंग्सले डेवलपर में भ्रष्टाचार से अॢजत धन को निवेश किया गया है। इस कंपनी का ऑफिस अशोक नगर में है।

जांच में कई मामले में भ्रष्टाचार की हुई थी पुष्टि

एसीबी ने कंपनी के बैंक अकाउंट व गोपाल जी तिवारी के बैंक अकाउंट की भी जांच की थी। इन अकाउंट में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई थी।