Jharkhand: कैबिनेट की बैठक में कुल नौ प्रोपोजल को मिली स्वीकृति, डीजीपी सलेक्शन एवं नियुक्ति नियमावली का गठन
झारखंड विधानसभा का बजट सेशन 24 फरवरी से शुरू हो रहा है। यह सेशनर 27 मार्च तक चलेगा। आगामी वित्तीय वर्ष का बजट तीन मार्च को पेश किया जायेगा। कैबिनेट की बैठक में नौ प्रोपोजल को मंजूरी दी गयी। इनमें झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करना और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर डीजीपी चयन के लिए नियमावली को मंजूरी देना शामिल है।
- झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से
- तीन मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विधानसभा में पेश
- प्री-बजट कार्यशाला के लिए सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा अखौरी को नॉलेज पार्टनर बनाने का निर्णय
रांची। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से आरंभ होगा। झारखंड कैबिनेट की सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में इसपर स्वीकृति दी गयी। बजट सेशन 27 मार्च तक चलेगा। जानकारी के अनुसार, तीन मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विधानसभा में पेश किया जायेगा।
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कैबिनेट के निर्णय… pic.twitter.com/uEI68lGI1u
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) January 7, 2025
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी तीन मार्च को ही बजट पेश किया गया था। राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद अंतिम तौर पर बजट सत्र से संबंधित कार्यक्रम की अधिसूचना जारी की जायेगी।इसके अलावा, प्री-बजट कार्यशाला के आयोजन को लेकर संत जेवियर्स कॉलेज की सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा अखौरी एवं उनकी टीम को मनोनयन के आधार पर नॉलेज पार्टनर के तौर पर मनोनीत किया गया है।कैबिनेट ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड तथा इसकी अनुषंगी कंपनियों में प्रबंध निदेशक एवं निदेशक के पदों पर नियुक्ति हेतु किये गये प्रविधानों में संशोधन करते हुए इनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करने पर सहमति प्रदान की है।
डीजीपी चयन के लिए नियमावली को मिली स्वीकृति
झारखंड के महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (पुलिस बल प्रमुख) के चयन एवं नियुक्ति नियमावली-2024 के गठन की स्वीकृति दी गयी है।कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन को लेकर नियमावली को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस नियमावली को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 मार्च 2019 को पारित आदेश के आधार पर तैयार किया गया है। इसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए ऐसे अफसरों को इंपैनल्ड किया जाना चाहिए जिनकी रिटायरमेंट के पूर्व छह माह की सेवा शेष है।
राज्य सरकार के समक्ष कभी-कभी उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियाें के कारण बेहतर विधि-व्यवस्था संधारण, नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा, आतंकवाद एवं नक्सलियों के स्तर से की गई हिंसा पर नियंत्रण को लेकर राज्य हित में कई बार डीजीपी को दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के पहले हटाया जाता है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को डीजीपी को न्यूनतम कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व पद से विमुक्त करने का अधिकार दिये जाने की आवश्यकता महसूस हो रही थी।इस आलोक में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सके कि उक्त चयन राज्य की विशिष्ट स्थितियों और पुलिसिंग की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।डीजीपी का पैनल बनाने के लिए बनी कमेटी में एक रिटायर्ड डीजीपी, राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ यूपीएससी की ओर से नामित प्रतिनिधि को भी रखा जायेगा।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में आवश्यकतानुसार पदों का चिन्हितीकरण की स्वीकृति।
राज्य में गुणवत्तापूर्ण एवं सुगम टर्शियरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देवघर जिले में नया एम्स स्थापित करने हेतु झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ किये जाने वाले एमओयू के प्रारूप पर स्वीकृति।
गढ़वा में एससी, एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संशोधित प्रविधानों के अन्तर्गत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1, नगर उंटारी, गढ़वा के न्यायालय को विशेष न्यायालय का दर्जा।
झारखंड परिचारिका गैर-शैक्षणिक संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं अन्य सेवाशर्त्त) नियमावली, 2025 के गठन पर स्वीकृति।
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के आलोक में सदन प्रसाद (तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, झारखंड) फिलहाल सेवानिवृत्त को आर्थिक लाभ सहित भूतलक्षी प्रभाव से अवर सचिव कोटि के पद पर प्रोन्नति देने की की स्वीकृति दी गयी।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम- 1989 की संशोधित धारा-14 के प्रावधानों के तहत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1, नगर उंटारी (गढ़वा) के न्यायालय को विशेष न्यायालय पदभिहित (designated) करने की स्वीकृति दी गयी।