झारखंड: रांची में एक्साइज डिपार्टमेंट की कस्टडी में दुध बिक्रेता की मौत, अवैध शराब बेचने का था आरोप

राजधानी रांची में एक्साइज डिपार्टमेंट की कस्टडी में शुक्रावर को मधुकम निवासी दुध बिक्रेता धनेश्वर महतो की मौत हो गई है। एक्साइज डिपार्टमेंट की रांची टीम ने गुरुवार को सुबह आठ बजे अवैध शराब कारोबार करने के आरोप में धनेश्वर को अरेस्ट किया था। 

झारखंड: रांची में एक्साइज डिपार्टमेंट की कस्टडी में दुध बिक्रेता की मौत, अवैध शराब बेचने का था आरोप
  • परिजनों का आरोप है कि हार्ट अटैक आने के डेढ़ से दो घंटे बीत जाने के पर भेजा गया हॉस्पीटल

रांची। राजधानी रांची में एक्साइज डिपार्टमेंट की कस्टडी में शुक्रावर को मधुकम निवासी दुध बिक्रेता धनेश्वर महतो की मौत हो गई है। एक्साइज डिपार्टमेंट की रांची टीम ने गुरुवार को सुबह आठ बजे अवैध शराब कारोबार करने के आरोप में धनेश्वर को अरेस्ट किया था। 

धनेश्वर शुक्रवार को दोपहर दो बजे कोर्ट ले जाने के दौरान बेहोश होकर गिर गया।कोर्ट के आदेश पर उसे इलाज के लिए पहले सदर अस्पताल ले जाया गया। यहां से बेहतर इलाज के रिम्स, फिर मेडिका हॉस्पीटल  ले जाया गया। मेडिका में इलाज के दौरान शाम चार बजे उसकी मौत हो गई।डॉक्टर्स के अनुसार धनेश्वर महतो की मौत मेजर हार्ट अटैक की वजह से हुई है। 22 घंटे तक वेंटिलेटर पर रखने के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है। धनेश्वर मूलरूप से हजारीबाग के इचाक का रहने वाला था। परिजनों का कहना है कि गिरफ्तारी के समय शराब या कोई भी अन्य नशीला पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। जबकि एक्साइज डिपार्टमेंट कह रही है कि उसके पास से अवैध शराब बरामद हुआ।
सीने में दर्द की शिकायत की, कागजी कार्रवाई में बिजी रहे अफसर
धनेश्वर की पत्नी गीता देवी ने कहा कि गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही उनके सीने में दर्द शुरू हो गया। उन्होंने इसकी शिकायत भी, लेकिन एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसर इलाज कराने के बजाय कागजी कार्रवाई में व्यस्त रहे। एक्साइज डिपार्टमेंट के लोग 2.30 बजे सदर अस्पताल, फिर रिम्स ले गये। तब तक स्थिति और बिगड़ गई। अगर समय पर अस्पताल ले जाया जाता, तो उनकी जान बच सकती थी। उसकी सबसे बड़ी बेटी और दो नाबालिग बेटा है। दोनों बेटा अभी पढ़ाई करता है, जबकि बेटी की शादी अभी नहीं हुई है।

हॉस्पिटल के बिल पेमेंट को लेकर विवाद, परिजनों ने दिया बिल

धनेश्वर की मौत के बाद पैसे को लेकर विवाद शुरू हो गया। परिजनों ने कहा कि वह उत्पाद विभाग की कस्टडी में थे, तो हॉस्पिटल का बिल डिपार्टमेंट दें। हालांकि, उस समय हॉस्पिटल में एक्साइज डिपार्टमेंट का कोई अफसर मौजूद नहीं था। मजबूरन परिजनों को हॉस्पिटल का लगभगएक लाख रुपये का बिल पेमेंट करना पड़ा।

सात साल से गाय पालकर कर रहे थे परिवार का गुजारा

परिजनों के अनुसार 10 साल पहले धनेश्वर महतो पर अवैध शराब के कारोबार का आरोप लगा था। उस समय फााइन भी देना पड़ा था। बाद में धनेश्वर ने खुद को शराब कारोबार से अलग कर लिया। वह सात सालों से गाय पालकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था।

एक्साइज डिपार्टमें के अफसर बोले

एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर गजेंद्र कुमार ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार में धनेश्वर को अरेस्ट किया किया गया था। जिस समय उसकी अरेस्टिंग हुई, मृतक बिलकुल ठीक था। इलाज में कोताही की बात गलत है।