IIT ISM Centenary Celebration: ‘क्रिटिकल मिनरल्स और टेक्नोलॉजी में भारत का नेतृत्व करें’: पीके मिश्रा

IIT(ISM) धनबाद ने शताब्दी समारोह की शुरुआत की। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने क्रिटिकल मिनरल्स, एआई और सस्टेनेबल माइनिंग टेक्नोलॉजी में नेतृत्व का आह्वान किया। हाई-टेक लैब्स, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विकसित भारत 2047 पर जोर।

IIT ISM Centenary Celebration: ‘क्रिटिकल मिनरल्स और टेक्नोलॉजी में भारत का नेतृत्व करें’: पीके मिश्रा
IIT ISM का शताब्दी समारोह।
  •  IIT(ISM) धनबाद के 100 साल पूरे
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग, हाई-टेक लैब्स और विकसित भारत 2047 के लिए भविष्य रोडमैप पर जोर

धनबाद। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-आईएसएम) धनबाद ने बुधवार को अपने शताब्दी स्थापना सप्ताह का आगाज़ अद्भुत परंपरा, आधुनिक तकनीक और राष्ट्र निर्माण की प्रतिबद्धता के साथ किया। वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद और दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस भव्य समारोह में देश और विदेश के प्रमुख वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और उद्योग प्रतिनिधि एक मंच पर आए।

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मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। उद्घाटन सत्र का संचालन डीन (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस) प्रो. रजनी सिंह ने किया।

निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा का संबोधन: “100 साल का उत्सव नहीं, संकल्प है”

अपने स्वागत भाषण में निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि यह शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि संस्थान के मिशन और मूल्यों की पुनर्पुष्टि है।उन्होंने बताया कि 1926 में रॉयल स्कूल ऑफ माइन्स, लंदन के मॉडल पर स्थापित यह संस्थान आज एक बहुविषयक IIT के रूप में माइनिंग 4.0, क्लीन एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, डिजिटल इंजीनियरिंग, एआई और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय योगदान दे रहा है।

विशिष्ट अतिथियों के विचार
एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. एन.पी. पाधी ने IIT(ISM) की प्रगति को “असाधारण और प्रेरणादायक” बताया। कहा— “भारत में बहुत कम संस्थान इतने मजबूत विरासत और बहुआयामी प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं।”

ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर एंड्रयू अलेक्जेंडर फ्लेमिंग

उन्होंने घोषणा की कि यूके-आधारित जियोटेक और IIT(ISM) के सहयोग से ड्रिल कोर डिजिटाइजेशन लैब शुरू की जा रही है। साझेदारी का लक्ष्य—

यूके-इंडिया Vision 2035

क्रिटिकल मिनरल्स

एडवांस्ड माइनिंग टेक्नोलॉजी

सस्टेनेबल सप्लाई चेन

इन्हें मजबूत करना है।

मुख्य अतिथि डॉ. पीके मिश्रा का संबोधन: “IIT(ISM) एक राष्ट्रीय संपत्ति”

कार्यक्रम का सबसे प्रतीक्षित क्षण रहा डॉ. मिश्रा का संबोधन, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय विज़न और संस्थान की महत्ता के बीच सशक्त संबंध दिखाया। उन्होंने कहा— “IIT(ISM) राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति है, जिसने 100 वर्षों से भारत की माइनिंग, तकनीक और मानव संसाधन क्षमता को नई ऊंचाई दी है।”उन्होंने भारत के— तकनीक आधारित गवर्नेंस, स्पेस मिशन, ग्रीन एनर्जी, क्वांटम टेक्नोलॉजी, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय उपलब्धियों का उल्लेख किया।

2024 से 2047 तक IIT(ISM) की भूमिका पर जोर

डॉ. मिश्रा ने विशेष आह्वान किया कि IIT(ISM) — क्रिटिकल मिनरल्स खोज और प्रोसेसिंग, एआई आधारित माइनिंग, सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी, महिला नेतृत्व वाले नवाचार के माध्यम से विकसित भारत 2047 के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि संस्थान की फैकल्टी, छात्र और एल्युमनाई देश के भविष्य को आकार देने में अग्रणी हैं।

नवीन सुविधाओं का शुभारंभ: हाई-टेक लैब्स का नया दौर

मुख्य अतिथि और प्रतिनिधियों ने कई आधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें शामिल हैं—

वर्चुअल रियलिटी माइन सिम्युलेटर लैब

टेक्स्मीन–जियोटेक ड्रिल कोर डिजिटाइजेशन लैबोरेटरी

प्राइवेट 5G आधारित डिजिटल माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लैब

अंडरग्राउंड माइनिंग सिमुलेशन गैलरी

सेंटेनरी प्लांटेशन ड्राइव

ज्ञान-विज्ञान प्रांगण

विशेष आकर्षण था —
एआई आधारित इंडस्ट्रियल सिस्टम, डिजिटल ट्विन्स, रोबोटिक्स, क्लीन एनर्जी और माइनिंग मेटावर्स का साझा प्रदर्शन क्षेत्र।

समापन और आगे का कार्यक्रम

उद्घाटन सत्र का समापन डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।शताब्दी सप्ताह में— अकादमिक सम्मेलन, तकनीकी प्रदर्शनियां, एल्युमनाई संवाद, छात्र गतिविधियाँ, सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की जा रही हैं। IIT(ISM) ने संदेश दिया कि वह अपने गौरवशाली इतिहास का केवल उत्सव नहीं मना रहा, बल्कि विकसित भारत 2047 के तकनीकी भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है।