कैसे होता है ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस,कैसे इससे करें बचाव, हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन ने लोगों किया अलर्ट

कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद अब देश के कई हिस्सों में लोग म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान जैसे स्टेट में इस खतरनाक संक्रमण की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। बहुत से लोग अंधेपन का शिकार हो गये हैं।

कैसे होता है ब्लैक फंगस म्यूकोरमाइकोसिस,कैसे इससे करें बचाव, हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन ने लोगों किया अलर्ट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद अब देश के कई हिस्सों में लोग म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान जैसे स्टेट में इस खतरनाक संक्रमण की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है। बहुत से लोग अंधेपन का शिकार हो गये हैं।

सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ब्लैक फंगस को लेकर कई अहम जानकारियां शेयर की हैं। उन्होंने इसके लक्षण बताने के साथ यह भी सलाह दी है कि म्यूकोरमाइकोसिस से बचने के लिए क्या किया जाए और क्या नहीं।उन्होंने कहा कि जागरूकता और जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है। उन्होंने ट्विटर पर चार स्लाइड शेयर किये हैं, जिनमें बड़ी अहम जानकारियां दी गई हैं। म्यूकोरमाइकोसिस को कंट्रोल करने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। इसके इलाज के लिए Amphotericin B की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए डॉक्टर यह दवा लिख रहे हैं।
म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस
हेल्थ मिनिस्टर की ओर से कहा गया है कि यह एक फंगल इन्फेक्शन है जो आमतौर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों की पर्यावरणीय रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता को कम कर देता है।  
जिन पेसेंट को म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना
हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन की ओर से बताया गया है कि ऐसे लोग जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। वोरिकोनाज़ोल थेरेपी ले रहे हैं। अनकंट्रोल मधुमेह, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्युनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं।
म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण
हेल्थ मिनिस्टर ने कहा है म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त लोगों के आंख या नाक के पास लाल निशान दिख सकते हैं या दर्द हो सकता है। इसके अलावा बुखार, सिरदर्द, कफ, सांस लेने में तकलीफ, खून की उल्टी और मानसिक संतुलन में बदलाव जैसे लक्षण हो सकते हैं। 
क्या करें, क्या नहीं?
हेल्थ मिनिस्ट की ओर से शेयर एक अन्य स्लाइड में कहा गया है कि हाइपरग्लाइकेमिया को कंट्रोल रखा जाए। डायबिटीज से ग्रस्त लोग यदि कोविड संक्रमित होते हैं तो डिस्चार्ज होने के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल पर नजर रखें। स्टेरॉयड का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाए। ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ और स्टेराइल वाटर का इस्तेमाल किया जाए। एंटीबॉयटिक और एंटी फंगल दवाओं का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए। लोगों को सलाह दी गई है कि लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। नाक बंद होने के सभी केस को बैक्टीरियल साइनस ना समझें खासकर कोरोना मरीजों में। जांच कराने से ना हिचकें और इसके इलाज में देर ना की जाए।